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Wednesday 21 March 2018 01:50:28 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने डब्ल्यूटीओ के महानिदेशक रॉबर्टो एजेवेडो के साथ डब्ल्यूटीओ की अनौपचारिक मंत्रिस्तरीय बैठक में हिस्सा लिया, जिसका मुख्य उद्देश्य विश्वास उत्पन्न करने के साथ-साथ खाद्य सुरक्षा एवं कृषि जैसे साझा मुद्दों पर विचार करने के लिए संबंधित देशों को एकजुट करना था। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि वैसे तो विभिन्न देशों में मतभेद हैं, लेकिन द्विपक्षीय और बहुपक्षीय संवाद का कोई विकल्प नहीं है। रॉबर्टो एजेवेडो ने कहा कि ब्यूनस आयर्स में हुई बैठक के बाद राजनैतिकस्तर पर संवाद का पहला अवसर नई दिल्ली में संभव हुआ है।
डब्ल्यूटीओ के महानिदेशक ने कहा कि सभी सदस्यों देशों ने स्थिति की गंभीरता को भलीभांति समझा है और उन्होंने यह माना है कि सामूहिक प्रयासों से ही विभिन्न समस्याओं के हल निकालने होंगे। रॉबर्टो एजेवेडो ने कहा कि बैठक में सदस्य देशों ने खुलकर चर्चाएं की हैं और डब्ल्यूटीओ की प्रणाली को व्यापक समर्थन दिया है। उन्होंने कहा कि वैसे तो विश्वभर में व्यापार संबंधों में तनाव व्याप्त हैं और कुछ देशों के एकतरफा निर्णयों पर चिंता जताई गई है, लेकिन सदस्य देश समाधान निकालने के लिए आपस में सक्रियता के साथ सहयोग करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
गौरतलब है कि विश्व व्यापार संगठन की सबसे बड़ी अनौपचारिक मंत्रिस्तरीय बैठक नई दिल्ली में हुई है, जिसमें विश्व के 52 देशों के प्रतिनिधिमंडल ने भाग लिया। बैठक में भाग लेने आए 27 देशों के प्रतिनिधिममंडलों में वहां के मंत्री और उपमंत्री भी शामिल थे। प्रतिनिधिमंड के सभी प्रमुखों ने बैठक आयोजित करने और विश्व व्यापार संगठन में काम के लिए राजनीतिक मार्गदर्शन प्रदान करने में वाणिज्य और उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु की पहल की सराहना की। बैठक में वाणिज्य एवं उद्योग सचिव रीता तेवतिया, डब्ल्यूटीओ में भारत के राजदूत जेएस दीपक और विशेष सचिव वाणिज्य डॉ अनूप वधावन भी उपस्थित थे।