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वित्त मंत्री आम चुनाव के सामने चित

राजकोषीय घाटे से निढाल सरकार ने सरचार्ज लगाया

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Friday 01 March 2013 04:07:07 AM

p chidambaram

नई दिल्ली। वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने गुरूवार को लोकसभा में वर्ष 2013-14 के आम बजट पेश किया और कहा कि इस बजट का उद्देश्‍य उच्‍च वृद्धिदर से समावेशी और टिकाऊ विकास हासिल करना है। वित्‍त मंत्री ने महत्‍वपूर्ण क्षेत्रों में आवंटन बढ़ाने और निवेश एवं बजट के लिए छूट देने तथा राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्‍पाद के 4.8 प्रतिशत तक बनाये रखने पर बल दिया है। उन्होंने आशा व्‍यक्‍त की कि वैश्विक आर्थिक वृद्धिदर में सुस्‍त रफ्तार के बावजूद भारत उच्‍च आर्थिक वृद्धि हासिल करेगा। वित्‍त मंत्री ने कहा कि उनकी सरकार 2012-13 में राजकोषीय समेकन पर अमल करते हुए राजकोषीय घाटे को 5.2 प्रतिशत रखने में सफल रही है, लेकिन चालू खाते का घाटा बहुत चिंता की बात है, इसलिए विदेशी निवेश को प्रोत्‍साहन देने का प्रस्‍ताव किया गया है।
वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने वर्ष 2013-14 का आम बजट पेश करते हुए कहा कि खाद्य सुरक्षा, शिक्षा और स्‍वास्‍थ्‍य देख-भाल के समान ही मनुष्‍य का मूलभूत अधिकार है, राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा विधेयक सरकार का एक आश्‍वासन है, इस विधेयक के संसद में शीघ्र ही पारित होने की उम्‍मीद है। राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के अंतर्गत संभावित वृद्धि परक लागत के लिए खाद्य सब्सिडी हेतु सामान्‍य प्रावधान से अलग 10 हजार करोड़ रुपये का अतिरिक्‍त प्रावधान करने की भी उन्‍होंने घोषणा की। देश को आंकड़ों के बाग़ में में ले जाकर कृषि और संबद्ध क्षेत्र में औसत वृद्धि दर 11वीं योजना के दौरान 3.6 प्रतिशत रही और खाद्यान्‍न उत्‍पादन इस बार 250 मिलियन टन से अधिक होगा, कृषि उत्‍पाद के न्‍यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाये गये हैं, जिससे किसानों ने अधिक उत्‍पादन किया है, आज देश दूध, दाल और जूट के क्षेत्र में विश्‍व का सबसे बड़ा उत्‍पादक है। उन्होंने कृषि‍ मंत्रालय को 27,049 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्‍ताव किया है, जो चालू वर्ष के संशोधित अनुमान से 22 प्रतिशत अधिक है। वित्‍त मंत्री ने जानकारी दी कि‍ इस राशि में से 3,415 करोड़ रुपये कृषि अनुसंधान के लिए दिए जाएंगे।
कृषि ऋण कृषि उत्‍पादन की प्रमुख शक्ति है, कहकर चिदबंरम ने वर्ष 2012-13 के लिए निर्धारित 5,75,000 करोड़ रुपये के लक्ष्‍य को बढ़ाकर 7 लाख करोड़ रुपये करने का प्रस्‍ताव किया है। लघु अ‍वधि के लिए फसली ऋणों के लिए ब्‍याज माफी योजना जारी रहेगी, समय पर ऋणों का भुगतान करने वाले किसानों को प्रति वर्ष 4 प्रतिशत की दर से ऋण प्रदान किये जाएंगे। अभी तक यह योजना सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों तथा सहकारी बैंकों के ऋणों पर लागू है, जिसके फायदे नि‍जी क्षेत्र के अनुसूचित वाणिज्यिक बैंकों से दिये गये फसल ऋणों के लिए भी पहुंचाने का प्रस्‍ताव किया है। वित्‍त मंत्री ने कहा कि पूर्वी भारत में हरित क्रांति ने उल्लेखनीय सफलता प्राप्‍त की है। उन्होंने 2013-14 में पूर्वी भारतीय राज्‍यों की सहायता के लिए 1,000 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्‍ताव किया है। फसलों के विविधिकरण के लिए किसानों को प्रोत्‍साहित करने के‍ लिए 500 करोड़ रुपये, राष्‍ट्रीय कृषि विकास योजना और राष्‍ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के लिए क्रमश: 9,954 करोड़ रुपये तथा 2,250 करोड़ रुपये प्रदान करने का प्रस्‍ताव किया है।
बजट में समेकित जलसंभरण कार्यक्रम के लिए 2012-13 के बजट अनुमान की राशि 3,050 करोड़ रुपये को बढ़ाकर 5,387 करोड़ रुपये के आवंटन का भी प्रस्‍ताव है। सूक्ष्म–पोषक तत्‍वों से संपन्‍न फसल की नई किस्मों की योजना को शुरू करने के लिए 200 करोड़ रुपये का आवंटन है। पौध संरक्षण मुद्दों के‍ लिए राष्‍ट्रीय जैव दबाव प्रबंधन संस्‍थान रामपुर छत्तीसगढ़ में तथा भारतीय कृषि‍ जैव प्रौद्योगिकी संस्‍थान रांची झारखंड में स्‍थापित किया जाएगा। केरल में नारियल के बागानों के पुन:रोपण तथा नवीकरण के लिए वर्ष 2013-14 में 75 करोड़ रुपये की अतिरिक्‍त राशि देने का भी प्रस्‍ताव है। कृषि उत्‍पादक कं‍पनी (एफपीसी) और कृषि उत्‍पादक संगठन (एफपीओ) की सहायता के लिए अधिकतम 10 लाख रुपये का समतुल्य इक्विटी अनुदान दिया जाएगा, जिससे ये संगठन वित्‍तीय संस्‍थाओं से कार्यकारी पूंजी जुटाने में सक्षम हो जाएंगे। इन परियोजनाओं के लिए 50 करोड़ रुपये दिए जाएंगे, इसके साथ-साथ 100 करोड़ रुपये की प्रारंभिक आधारभूत निधि के साथ लघु किसानों के कृषि व्‍यवसाय निगम में ऋण गारंटी निधि का भी सृजन किया जाएगा।
बजट में निवेश जुटाने और स्‍थानीय कृषि-प्रास्थितिकी की स्थितियों और उत्‍पादकता बढ़ाने को ध्‍यान में रखते हुए 2013-14 में राष्‍ट्रीय पशु मिशन शुरू किया गया है। इस मिशन के लिए 307 करोड़ रुपये देने का प्रावधान किया गया है। दाना-चारे की उपलब्‍धता को बढ़ाने के लिए इसमें एक उपमिशन भी बनाया जाएगा। राष्‍ट्रीय पशु मिशन के लिए 307 करोड़ रुपये देने का प्रावधान है। दाना-चारे की उपलब्‍धता को बढ़ाने के लिए भी इसमें एक उपमिशन बनाया जाएगा। सामाजिक-आर्थिक लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए आवश्यक संसाधन जुटाने की आवश्यकता पर जोर दिया गया है, इस समय उच्च वित्तीय घाटे, विदेशी पूंजी पर निर्भरता, कम बचत और कम निवेश के कारण आर्थिक गुंजाइश निकालने में मुश्किल आ रही है। वित्त मंत्री ने कहा कि मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने के लिए कड़ी मौद्रिक नीति बनानी पड़ रही है, प्रतिकूल वैश्विक परिस्थितियों के कारण भी भारतीय अर्थव्यवस्था पर जोर पड़ रहा है।
बजट में कहा गया है कि विजय केलकर समिति की सिफारिशों को मानते हुए इस वर्ष वित्तीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद के 5.3 प्रतिशत तक और 2013-14 में 4.8 प्रतिशत तक रखने का लक्ष्य निर्धारित किया गया था। तेल के आयात पर निर्भरता, बड़ी मात्रा में कोयले के आयात, सोने के लिए देश में ललक और निर्यात में गिरावट के चलते चालू खाता घाटा लगातार अधिक बना हुआ है। इस घाटे के वित्त पोषण के लिए इस वर्ष और शायद अगले वर्ष भी 75 अरब अमरीकी डॉलर की आवश्यकता होगी। हमारे सामने केवल तीन रास्ते हैं- विदेशी प्रत्यक्ष निवेश, विदेशी संस्थागत निवेश या विदेशी वाणिज्यिक ऋण। इसलिए मैं महसूस करता हूं कि विदेशी निवेश हमारे लिए लाज़मी है, लेकिन हमें अपने आर्थिक लक्ष्यों के अनुरूप ही विदेशी निवेश को बढ़ावा देना होगा। विकास के प्रयासों में मुद्रास्फीति एक और बड़ी बाधा है। कुछ मुद्रास्फीति बाहरी कारणों से है। मुद्रास्फीति के खिलाफ सभी मोर्चों पर लड़ाई लड़नी होगी। पिछले कुछ महीनों के प्रयासों से थोक मूल्य सूचकांक लगभग सात प्रतिशत तक आ गया है और मुख्य मुद्रास्फीति की दर 4.2 प्रतिशत तक आ गई है, लेकिन खाद्य मुद्रास्फीति अब भी चिंता का कारण बनी हुई है।
वित्त मंत्री ने कहा है कि सरकारी खर्च से कुल मांग बढ़ती है और इसके अच्छे और बुरे परिणाम निकलते हैं, इसलिए सरकारी खर्च को उचित स्तर पर रखना जरूरी है। बजट में हमने कुछ कड़े उपाय किए और कुछ ऐसे नीतिगत फैसले लिए, जो लंबे समय से रूके हुए थे। इससे कुछ आर्थिक गुंजाइश हासिल करने में मदद मिली, जिसका इस्तेमाल यूपीए सरकार के सामाजिक-आर्थिक उद्देश्यों को बढ़ावा देने के लिए किया गया है। चिदंबरम ने कहा कि 12वीं पंचवर्षीय योजना के पहले वर्ष 2012-13 में वैश्विक और घरेलू स्थिति में सुधार की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए कुल खर्च 14,90,925 करोड़ रूपए तक निश्चित किया गया था। मितव्ययता के उपायों से खर्च का संशोधित अनुमान 96 प्रतिशत यानी 14,30,825 करोड़ रूपए रखा गया, इससे जो आर्थिक गुंजाइश बनी, उससे 2013-14 में और अधिक महत्वाकांक्षी बनने का विश्वास पैदा हुआ है। अगले वर्ष के बजट अनुमान में कुल खर्च 16,65,297 करोड़ रूपए का निश्चित किया गया है और योजना खर्च 5,55,322 करोड़ रूपए रखा गया है। योजना खर्च चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमान से 29.4 प्रतिशत अधिक है, सभी फ्लैगशिप कार्यक्रमों के लिए पर्याप्त धनराशि रखी गई है। प्रत्येक मंत्रालय और विभाग को भी उनके खर्च की क्षमता के अनुसार पर्याप्त राशि दी गई है, जिसका सही प्रबंधन करके वे अच्छे परिणाम प्राप्त कर सकते हैं।
वित्त मंत्री ने कहा कि बजट में महिलाओं, बच्चों, अल्पसंख्यकों तथा अनुसूचित जातियों और जनजातियों को लाभ पहुंचाने वाले कार्यक्रमों के लिए पर्याप्त धनराशि रखी गई है। अनुसूचित जाति उपयोजना के लिए 41,561 करोड़ रूपए और जनजाति उपयोजना के लिए 24,598 करोड़ रूपए रखे गए हैं। यह राशि चालू वित्त वर्ष के संशोधित अनुमानों से 31 प्रतिशत अधिक है। चिदंबरम ने इस बात को दोहराया कि इस राशि को किसी अन्य कार्यों में नहीं लगाया जा सकता है। महिलाओं से संबंधित कार्यक्रमों के लिए बजट में 97,134 करोड़ रूपए और बच्चों के कार्यक्रमों के लिए 77,236 करोड़ रूपए रखे गए हैं। अकेली महिलाओं या विधवाओं सहित कमजोर वर्गों की महिलाओं पर भी विशेष ध्यान दिया गया है, इसके लिए शुरू में महिला और बाल विकास मंत्रालय को 200 करोड़ रूपए की अतिरिक्त राशि देने का प्रस्ताव है। अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के लिए 3,511 करोड़ रूपए रखे हैं, जो चालू वर्ष के बजट अनुमान से 12 प्रतिशत और संशोधित अनुमान से 60 प्रतिशत अधिक हैं। मौलाना आजाद शिक्षा फाउंडेशन अल्पसंख्यकों के लिए शिक्षा योजनाओं को लागू करता है और गैर-सरकारी संगठनों को आर्थिक सहायता देता है। इसकी 750 करोड़ रूपये की निधि को 12वीं योजना में बढ़ा कर 1500 करोड़ रूपए करने का उद्देश्य है। इस निधि के लिए 160 करोड़ रूपए देने का प्रस्ताव है। फाउंडेशन अपने कार्यक्रमों में चिकित्सा सहायता के कार्यक्रम को भी शामिल करना चाहता है। इसके लिए शिक्षा संस्थाओं में आवासीय डॉक्टर रखे जाएंगे। इस कार्यक्रम को शुरू करने के लिए 100 करोड़ रूपए देने का प्रस्ताव है।
विकलांग लोगों की सहायता के लिए वित्त मंत्री ने विकलांगता मामलों के विभाग के लिए 110 करोड़ रूपए की राशि देने का प्रस्ताव किया। चालू वित्त वर्ष में संशोधित अनुमानों के अनुसार यह राशि 75 करोड़ रूपए है। स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय को 37,330 करोड़ रूपए देने का प्रस्ताव है। इसमें से 21,239 करोड़ रूपए नए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लिए होंगे, जिसमें ग्रामीण मिशन और प्रस्तावित शहरी मिशन दोनों शामिल हैं। यह राशि चालू वर्ष के संशोधित अनुमान से 24.3 प्रतिशत अधिक है। चिकित्सा शिक्षा, प्रशिक्षण और अनुसंधान के लिए 4,727 करोड़ रूपए राशि देने का प्रस्ताव किया गया है। बुजुर्गों के स्वास्थ्य की देखभाल के राष्ट्रीय कार्यक्रम के लिए 150 करोड़ रूपए रखे गए हैं। यह कार्यक्रम 21 राज्यों के 100 जिलों में चलाया जा रहा है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत आठ जरा चिकित्सा केंद्र चलाए जा रहे हैं। आयुर्वेद, यूनानी, सिद्ध और होम्योपैथी को बढ़ावा देने के लिए आयुष विभाग को 1,069 करोड़ रूपए देने का प्रस्ताव है। एम्स जैसे छह संस्थानों में सितंबर, 2012 से शिक्षा सत्र शुरू हो गए हैं। इन संस्थानों में अगले वर्ष अस्पताल बनाने होंगे, जिनके लिए मेरा 1650 करोड़ रूपए देने का प्रस्ताव है।
वित्त मंत्री ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के लिए 65,867 करोड़ रूपए देने का प्रस्ताव रखा। सर्वशिक्षा अभियान और शिक्षा का अधिकार कानून जोरों से लागू किए जा रहे हैं। सर्वशिक्षा अभियान के लिए 27,258 करोड़ रूपए देने का प्रस्ताव है। राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के लिए भी 3,983 करोड़ रूपए देने की बात है, जो चालू वर्ष के संशोधित अनुमान से 25.6 प्रतिशत अधिक है। अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों, पिछड़े वर्गों और अल्पसंख्यक वर्गों के छात्रों को छात्रवृत्तियां देने के लिए विभिन्न मंत्रालयों को 5,284 करोड़ रूपए दिए जा रहे हैं। चालू वर्ष के संशोधित अनुमानों में यह राशि 4,575 करोड़ रूपए थी। मिड डे मील के लिए 13,215 करोड़ रूपए रखे गए हैं। नालंदा विश्वविद्यालय को शिक्षा के एक उत्कृष्ट केंद्र के रूप में विकसित करने के बारे में भी सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई गई है। समन्वित बाल विकास योजना के लिए 17,700 करोड़ रूपए देने की घोषणा की गई है। माताओं और शिशुओं में कुपोषण की स्थिति में सुधार के लिए देश के 100 जिलों में एक बहुक्षेत्रीय कार्यक्रम चलाया जाएगा, जिसके लिए 300 करोड़ रूपए रखे गए हैं। इससे अगले वर्ष यह कार्यक्रम 200 जिलों में लागू किया जाएगा।
पी चिदंबरम ने देश में निवेश बढ़ाने के उद्देश्‍य से कई उपायों की घोषणा की। अवसंरचना क्षेत्र में निवेश बढ़ाने के लिए अवसंरचना ऋण निधि (आईडीएफ) को प्रोत्‍साहित किया जायेगा। अब तक सेबी में चार आईडीएफ को पंजीकृत कर लिया गया है और इनमें से दो ने फरवरी, 2013 से अपना काम शुरू कर दिया है। एशियाई विकास बैंक की सहभागिता में भारतीय अवसंरचना वित्‍त निगम लिमिटेड (आईआईएफसीएल) ने ब्रांड मार्केट में दीर्घावधि निधियों के दोहन हेतु अवसंरचना कंपनियों को अधिक ऋण प्रदान करेगा। सरकार ने सड़क निर्माण के क्षेत्र में एक विनियामक प्राधिकरण गठित करने का निर्णय लिया है, हालांकि सड़क निर्माण क्षेत्र परिपक्‍वता के एक स्‍तर पर पहुंच गया है, किंतु इस क्षेत्र में वित्‍तीय दबावों, बढ़े हुए निर्माण संबंधी जोखिमों तथा प्रबंधन मामलों की देख-रेख के लिए एक स्‍वतंत्र प्राधिकरण की आवश्‍यकता है। सड़क परियोजनाओं की अड़चनों को दूर कर दिया गया है और गुजरात, मध्‍य प्रदेश, महाराष्‍ट्र, राजस्‍थान और उत्‍तर प्रदेश में 3,000 किलोमीटर की सड़क परियोजनाओं को वर्ष 2013-14 की पहली छमाही में अधिनिर्णित कर दिया जायेगा। बचत वृद्धि और उत्‍पादक गतिविधियों में उसके आवंटन से तीव्र आर्थिक वृद्धि का मार्ग प्रशस्‍त होता है। वित्‍त मंत्री ने कहा कि वर्ष 2007-08 में 36.8 प्रतिशत के उच्‍च अनुपात के साथ सकल घरेलू बचत 2011-12 में घटकर छह प्रतिशत के नीचे आ गई। निजी क्षेत्र की और निगम क्षेत्र ही बचत के बचत के मुख्‍य अंशदाता है, अत: निश्चित तौर पर उन्‍हें बचत के लिए प्रोत्‍साहित किया जाना चाहिए। राजीव गांधी इक्विटी बचत स्‍कीम को उदारीकृत करने का प्रस्‍ताव किया गया है, जिसमें निवेशक को म्‍यूचुअल फंडों में तथा सूचीबद्ध शेयरों में निवेश करने की अनुमति होगी। आय सीमा 10 लाख रूपये से बढ़ाकर 12 लाख रूपये कर दी जायेगी। किसी बैंक या गृह वित्‍त पोषण निगम से पहली अप्रैल, 2013 से लेकर 31 मार्च, 2014 की अवधि के दौरान अपने पहले घर के लिए 25 लाख रूपये गृह ऋण लेने वाला व्‍यक्ति 2014-15 में एक लाख रूपये तक ब्‍याज कटौती का हकदार होगा और यदि यह सीमा पूरी नहीं होती है, तो शेष आकलन वर्ष 2015-16 में लागू होगी।
वित्‍त मंत्री ने कहा कि लेह-कारगिल क्षेत्र में बिजली आपूर्ति में सुधार लाने के लिए तथा लद्दाख क्षेत्र को उत्‍तरी ग्रिड से जोड़ने के लिए सरकार 1,840 करोड़ रूपये की लागत पर श्रीनगर से लेह तक एक ट्रांसमिसन लाईन का निर्माण कर रही है। इस परियोजना के लिए वर्ष 2013-14 में 226 करोड़ रूपये प्रदान करने का प्रस्‍ताव किया। तेल और गैस के क्षेत्र में लाभ वितरण से राजस्‍व वितरण संविदाओं की तरफ बढ़ते हुए तेल और गैस दोहन नीति की पुन: समीक्षा की जायेगी। तेल और गैस के दोहन और उत्‍पादन को बढ़ावा देने के लिए एक नीति की घोषणा की जायेगी। महाराष्‍ट्र में पांच एमएमटीपीए एलएनजी टर्मिनल वर्ष 2013-14 में पूरी तरह से चालू हो जायेगा। नौकरियों, उत्‍पादक और निर्यात में सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यमों की बहुत बड़ी भूमिका हैं। इनमें से कई उद्यम छोटे और मध्‍यम हैसियत से जुड़े लाभों को खोने के डर से और आगे तरक्‍की नहीं कर पाते हैं। उन्‍हें बढ़ने के लिए प्रोत्‍साहित करने के उद्देश्‍य से यह प्रस्‍ताव किया गया है कि जिस श्रेणी में उन्‍हें लाभ मिलता है, उस श्रेणी से आगे बढ़ने के बावजूद अगले तीन वर्षों तक उन्‍हें यह लाभ मिलता रहे। एमएसएमई, कलस्‍टर विकास कार्यक्रम, ऋण गारंटी विकास कोष, ऋण से जुड़ी पूंजी सब्सिडी स्‍कीम, राष्‍ट्रीय विनिर्माण प्रतिस्‍पर्धा कार्यक्रम तथा गुणवत्‍ता उन्‍नयन के लिए प्रोत्‍साहन एमएसएमई की एमई इकाईयों को तब तक उपलब्‍ध करायें जब तक कि वे इससे उंची श्रेणी में न पहुंच जाएं।
सूक्ष्‍म, लघु और मध्‍यम उद्यमों को अधिक सहायता मुहैया कराने के लिए सीडबी की वित्‍तपोषण क्षमता को प्रतिवर्ष 5,000 करोड़ रूपये के मौजूदा स्‍तर से बढ़ाकर 10,000 करोड़ रूपये करने का प्रस्‍ताव किया गया है। वित्‍त मंत्री ने पूंजी निर्माण के लिए बैंकों को 2013-14 में 14,000 करोड़ रुपये देने का प्रस्‍ताव है। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक बासिल-3 विनियमावली का अनुपालन सुनिश्चित करेंगे, मार्च 2013 की समाप्ति से पहले सार्वजनिक क्षेत्र के 13 बैंकों को 12,517 करोड़ रुपये की अतिरिक्‍त पूंजी दी जाएगी। वित्‍त मंत्रालय में विशेषज्ञों की स्‍थायी परिषद के गठन का प्रस्‍ताव है, जो भारतीय वित्‍तीय क्षेत्र की अंतर्राष्‍ट्रीय प्रतिस्पर्द्धात्‍मकता का विश्‍लेषण करे और भारतीय बाजार में व्‍यापार करने की लेनदेन की लागतों की समय-समय पर जांच करे तथा आवश्‍यक कारर्वाई के लिए सरकार को जानकारी दे। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की सभी शाखाओं में 31 मार्च 2014 तक एटीएम सुविधा उपलब्‍ध कराई जाएगी। सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के रूप में भारत के पहले महिला बैंक की स्‍थापना का प्रस्‍ताव है। प्रारंभिक पूंजी के रूप में इस पर 1,000 करोड़ रुपये के व्‍यय का प्रावधान किया जाएगा। ग्रामीण आवास निधि को 6,000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे। राष्‍ट्रीय आवास बैंक से शहरी आवास निधि की स्‍थापना के लिए कहा गया है और 2013-14 में इस निधि में 2,000 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।
आईआरडीए के पूर्व अनुमोदन के बिना टीयर-2 शहर और इससे नीचे के शहरों में शाखाएं खोलकर बीमा कंपनियों को अधिकारिता देने को अंतिम रूप दिया गया है। बीमा पालिसी प्राप्‍त करने के लिए बैंकों का केवाईसी पर्याप्‍त होगा। बैंको को बीमा ब्रोकरों के रूप में काम करने की अनुमति दी गई है। देश में 10,000 या उससे अधिक आबादी वाले प्रत्‍येक कस्‍बे में भारतीय जीवन बीमा निगम-एलआईसी का एक कार्यालय खोला जाएगा तथा सार्वजनिक क्षेत्र की साधारण बीमा कंपनी का कम से कम एक कार्यालय होगा। राष्‍ट्रीय स्‍वास्‍थ्‍य बीमा योजना अन्‍य श्रेणियों जैसे रिक्‍शा चालकों, ऑटोरिक्‍शा चालकों, टैक्‍सी चालकों, सफाई कामगारों, कूड़ा बीनने वालों और खान कामगारों को प्रदान की जाएगी। विभिन्‍न निर्गमों में विलय को आसान बनाकर असंगठित क्षेत्र के लिए समेकित सामाजिक सुरक्षा पैकेज तैयार किया जाएगा। सेबी अधिनियम में संशोधन करने का प्रस्‍ताव है। सेबी की सिफारिश के अनुसार कई प्रस्‍तावों को अंतिम रूप दि‍या गया है। सेबी से प्राधि‍कृत नामि‍त नि‍क्षेपागार भागीदार वि‍भि‍न्‍न पोर्टफोलि‍यों नि‍वेशकों को केवाईसी दि‍शा नि‍र्देशों के अनुपालन के अधीन पंजीकृत कर सकते हैं। सेबी वि‍देशी पोर्टफोलि‍यो नि‍वेशकों के प्रवेश के लि‍ए प्रक्रि‍याओं को सरल बनायेगा और एक समान पंजीकरण व अन्‍य मानदंड नि‍र्धारि‍त करेगा। पर्यावरण संरक्षण के लिए कई उपायों का प्रस्‍ताव है। भारत में प्रतिदिन कई हजार टन कचरा निकलता है, नगरों और नगरपालिकाओं को इस बात के लिए प्रोत्‍साहित किया जाएगा वे कचरे से बिजली बनाने की परियोजनाओं पर ध्‍यान दें। अपशिष्‍ट से ऊर्जा बनाने की परियोजनाओं को लागू करने वाली नगरपालिकाओं को सहायता दी जाएगी।
सरकार स्‍वच्‍छ ऊर्जा निधि (एनसीईएफ) से इरेडा को कम ब्‍याज वाली निधियां उपलब्‍ध कराएगी, जो आगे व्‍यवहार्य नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं को उधार देगा। पन बिजली परियोजनाओं के लिए सृजन आधारित प्रोत्‍साहन फिर शुरू किया गया है और इसके लिए 800 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। पिछड़ेपन के निर्धारण के लिए नया मानदंड बनाया जाएगा और उन्‍हें भविष्‍य की योजना बनाने एवं निधियों के अंतरण में प्रतिबिंबित किया जाएगा। नब्बे लाख व्‍यक्तियों सहित 12वीं योजना में 5 करोड़ लोगों को कौशल प्रदान करने का लक्ष्‍य है। इसके लिए सभी बाधाएं दूर की जाएंगी। इसके वास्‍ते निधियां राष्‍ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन और राष्‍ट्रीय शहरी आजीविका मिशन से जारी की जाएंगी। रक्षा के लिए आवंटन पूंजी व्‍यय के लिए 86,741 करोड़ रुपये सहित बढ़ाकर 2,033,672 करोड़ रुपये किया गया है। चार उत्‍कृष्‍ट संस्‍थाओं में से प्रत्‍येक को 100 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाएगा। अनुसंधान एवं विकास के क्षेत्र में नई खोज करने वाले संगठनों और जनता को आवश्‍यक उत्‍पाद उपलब्‍ध कराने के लिए 200 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। सभी खेलों को सरकारी सहायता की जरूरत है। अनेक पुरुष और महिला खिलाड़ी हैं, लेकिन प्रशिक्षकों की कमी है, इसलिए तीन वर्ष की अवधि के दौरान 250 करोड़ रुपये की लागत से पटियाला में राष्‍ट्रीय खेल प्रशिक्षण संस्‍थान का निर्माण करने का प्रस्‍ताव है। सरकार का 294 और शहरों में निजी एफएम रेडियो की सेवाएं पहुंचाने का प्रस्‍ताव है। करीब 839 नए एफएम चैनलों की नीलामी की जाएगी। नीलामी के बाद एक लाख से अधिक आबादी वाले सभी शहरों में निजी एफएम रेडियो सेवाएं उपलब्‍ध हो जाएंगी। मान वर्ष में राजीव गांधी पंचायत सशक्तिकरण अभियान 50 करोड़ रुपये के सामान्‍य आवंटन के साथ आरंभ किया गया था। पंचायती राज संस्‍थाओं में क्षमता निर्माण की महत्‍ता को ध्‍यान में रखते हुए 2013-14 में पंचायती राज मंत्रालय के लिए 455 करोड़ रुपये आवंटित किए गए थे। इसके अलावा 200 करोड़ रुपये देने का प्रस्‍ताव किया गया है।
सरकार ने 4,909 करोड़ रुपये की लागत पर डाक नेटवर्क को आधुनिक बनाने के लिए सूचना प्रौद्योगिकी प्रेरित महत्‍वाकांक्षी परियोजना शुरू की है। डाकघर बुनियादी बैंकिंग समाधान का हिस्‍सा बन जाएंगे और साथ-साथ बैंकिंग सेवाएं भी प्रदान करेंगे। वित्‍त मंत्री ने 2013-14 में इस परियोजना के लिए 532 करोड़ रुपये देने का प्रस्‍ताव किया है। सरकार गदर आंदोलन की शताब्‍दी मनाने के लिए सरकार सेन-फ्रांसिस्‍को में गदर स्‍मारक को संग्रहालय एवं पुस्‍तकालय में बदलने के लिए धनराशि देगी। पचास लाख रुपये से अधिक की अचल संपत्तियों के हस्‍तांतरण मूल्‍य पर एक प्रतिशत की दर से टीडीएस का प्रस्‍ताव किया है। यह प्रस्‍ताव कृषि भूमि पर लागू नहीं होगा। अचल संपत्तियों में होने वाले लेनदेन का मूल्‍यांकन और रिपोर्टिंग आमतौर पर कम की जाती है। आधे मामलों में संबंधित पक्षों के पैन नम्‍बर भी नहीं दिये जाते। ऐसे लेनदेनों की जानकारी और पूंजी अभिलाभों में सुधार के मद्देनजर टीडीएस को लागू करने का प्रस्‍ताव किया है। प्रति वर्ष एक करोड़ रुपये से अधिक की कर योग्‍य आय वाले व्‍यक्तियों पर दस प्रतिशत का अधिभार लगाने का प्रस्‍ताव किया है। ये अधिभार व्‍यष्टियों, हिंदु अविभक्‍त कुटुम्‍बों और समान कर स्थिति वाली फर्मों और संगठनों पर लागू होगा। मात्र 42,800 व्‍यक्ति ऐसे हैं, जिन्‍होंने प्रति वर्ष एक करोड़ से अधिक की कर-योग्‍य आय स्‍वीकार की है। पांच लाख रुपये तक की कुल आय वाले प्रत्‍येक व्‍यक्ति को दो हजार रुपये की कर छूट का प्रस्‍ताव किया है। इससे 1.8 करोड़ करदाताओं को 3,600 करोड़ रुपये का लाभ होगा। प्रारंभिक छूट स्‍तर में मामूली सी वृद्धि से कई सौ हजार करदाता कर दायरे से बाहर हो जाएंगे और कर का आधार काफी घट जाएगा। इसके बावजूद भी दो लाख रुपये से पांच लाख रुपये तक की प्रथम स्‍लैब करदाताओं को कुछ राहत दी गई है।

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