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जेटली की जासूसी करने वाले 4 गिरफ्तार-गृह मंत्री

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Friday 01 March 2013 05:13:30 AM

arun jaitley

नई दिल्ली। राज्य सभा में विपक्ष के नेता अरूण जेटली के कॉल डेटा रिकॉर्ड को अनाधिकृत रुप से निकालने के मुद्दे पर राज्य सभा में केंद्रीय गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा है कि दिल्ली पुलिस की जांच में यह बात सामने आई है कि टेलीफोन बातचीत की निगरानी नहीं की गई जिसे आम तौर पर फोन "टैपिंग" कहा जाता है, बल्कि कॉल डाटा रिकॉर्ड को निकालने की कोशिश की गई। टेलीफोन टैपिंग से आशय है कि फोन पर की गई बातचीत के बारे में जानना, जबकि कॉल डाटा रिकॉर्ड में जिन नंबंरों से फोन आया अथवा जिन पर फोन किया गया, उनकी जानकारी प्राप्त की जाती है। दिल्ली पुलिस ने पाया है कि फोन डाटा रिकॉर्ड के ब्यौरे को अनाधिकृत रुप से निकालने की कोशिश की गई। यह टेलीफोन टैपिंग का मामला नहीं है।
यह जानकारी प्राप्त होने पर कि दिल्ली पुलिस ने अरुण जेटली के कॉल डाटा रिकॉर्ड तक पहुंचने के लिए कुछ लोगों को गिरफ्तार किया है, दिल्ली पुलिस से ब्यौरा मांगा गया, दिल्ली पुलिस ने बताया कि जब एयरटेल के नोडल अधिकारी ने दिल्ली पुलिस के एसीपी (ऑपरेशंस) से ई-मेल के जरिए अरूण जेटली के कॉल डेटा रिकॉर्ड निकालने के लिए ईमेल से भेजे गए अनुरोध की पुष्टि करने को कहा तो यह बात सामने आई की कुछ लोग अरूण जेटली के कॉल डेटा रिकॉर्ड निकालने की कोशिश कर रहे हैं, चूंकि, इस तरह का कोई अनुरोध नहीं किया गया था, इसलिए इसकी पुष्टि नहीं की गई और कॉल डाटा रिकॉर्ड का खुलासा नहीं किया गया।
गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि बेईमानी और धोखेबाजी से एसीपी/ऑपरेशंस की आधिकारिक ई-मेल तक पहुंचने और पांच मोबाइल नंबरों के बारे में ब्यौरे मांगने के संदर्भ में इंस्पेक्टर अरुण कुमार ने शिकायत प्राप्त होने पर नई दिल्ली के विशेष प्रकोष्ठ थाने में आईटी अधिनियम की धारा 66 (सी) के तहत दिनांक 14.02.2013 को प्राथमिकी संख्या-9 दर्ज की। जांच के दौरान एसीपी/ऑपरेशंस की आधिकारिक ई-मेल के इंटरनेट प्रोटोकॉल (आईपी) पते और लॉगिंग ब्यौरे को प्राप्त किया गया और यह पता चला कि संसद मार्ग पुलिस थाने में तैनात कांस्टेबल अरविंद कुमार डबास (नंबर-892/एनडी) के इंटरनेट प्रोटोकॉल (आईपी) पते से ई-मेल किया गया था। इसके साथ ही यह भी पता लगा है कि यह कांस्टेबल पिछले एक वर्ष से अनाधिकृत रुप से अनुपस्थित हो रहा था। यह कांस्टेबल इससे पहले नई दिल्ली जिले के स्पेशल स्टाफ में तैनात था, इसलिए उसे एसीपी/ऑपरेशंस के आधिकारिक ई-मेल के बारे में पता था।
कांस्टेबल अरविंद कुमार डबास की पूछताछ करने पर पता चला है कि वो पिछले 6-8 महीनों से अनाधिकृत रुप से एसीपी/ऑपरेशंस की आधिकारिक ई-मेल का इस्तेमाल कर रहा था। उसने फ्री-लांस जासूस नीरज नायर के कहने पर कॉल डाटा रिकॉर्ड और विभिन्न व्यक्तियों के सब्सक्राइबर ब्यौरे निकाले थे। प्रत्येक कॉल ब्यौरे के रिकॉर्ड के लिए उसने 1500/-रुपए और सब्सक्राइबर के ब्यौरे के लिए 200/-रुपए लिए थे। उसने बताया कि नीरज नायर उसका दोस्त है और शालीमार गार्डन, गाजियाबाद में एक निजी एजेंसी डिटेक्टिव एजेंसी इंडिया चलाता है। उसने उसे पहले भी 10-15 अवसरों पर विभिन्न लोगों के कॉल ब्यौरे उपलब्ध कराए थे। नीरज नायर पुत्र गुरबख्श राय नायर निवासी गृह संख्या, जी-4, प्लॉट संख्या ए-22, बीआर अपार्टमेंट शालिमार गार्डन, साहिबाबाद, गाजियाबाद, उप्र, ने बताया कि वो उत्तम नगर दिल्ली के निवासी नितीश को कॉल डाटा रिकॉर्ड देता था, जिससे वो अपने व्यापारिक कार्य के दौरान कनॉट प्लेस स्थित नितीश के कार्यालय में मिला था। यहां नितीश वी डिटेक्ट नाम से जासूसी कंपनी में काम करता था, जिसका संचालन डॉ अनुराग सिंह नाम का व्यक्ति करता है। इस मामले में 16 फरवरी 2013 को नीरज नायर को हिरासत में लिया गया।
कांस्टेबल अरविंद डबास और नीरज नायर के खुलासे के आधार पर नितीश सिंह और डॉ अनुराग सिंह को गिरफ्तार कर पूछताछ की गई। डॉ अनुराग सिंह की जासूसी एजेंसी वी डिटेक्ट 214, कॉम्पीटेंट हाउस, एफ-14, मिडल सर्कल, कनॉट प्लेस, नई दिल्ली में स्थित है, जहां नितीश सिंह पिछले 5-6 वर्षों से कर्मचारी के रुप में कार्यरत है। वे विभिन्न जासूसी सेवाएं जैसे विवाह पूर्ण और उसके बाद की जांच, सुरक्षित लैपटॉप/मोबाइल फोन के प्रावधान और स्टॉक से संबंधी परामर्श सेवाएं प्रदान करते हैं। इसके अलावा नितीश सिंह इसी कार्यालय में मार्केटिंग और सेल्स कार्य भी करता है। वह नीरज नायर के जरिए उपभोक्ता के ब्यौरे और कॉल डाटा रिकॉर्ड प्राप्त कराता था। अवैध रुप से कॉल डाटा रिकॉर्ड निकालने के लिए चार व्यक्तियों को गिरफ्तार कर पूछताछ की गई है। अदालत ने उनको न्यायिक हिरासत में रिमांड पर भेज दिया है। इस मामले की और तहकीकात चल रही है।

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