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जुआल ओराम ने लांच किया ई-ट्राइब्स इंडिया

जनजातीय दस्तकारों के उत्पादों का ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म

'डिज़िटल ट्राइफेड से जनजातीय उत्पादों को होगा लाभ'

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 28 March 2018 01:26:39 PM

jual oram launching the 'tribes india' e-commerce portal

नई दिल्ली। भारत सरकार के जनजातीय मामलों के मंत्री जुआल ओराम ने कल एक कार्यक्रम में ई-ट्राइब्स इंडिया लांच किया है, जिसके तहत भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन विकास संघ यानी ट्राइफेड अब डिज़िटल हो गया है। गौरतलब है कि ट्राइफेड राष्ट्रीय जनजातीय क्रॉफ्ट एक्सपो आदि महोत्सव जैसी प्रदर्शनियां आयोजित करता है और जनजातीय उत्पादों के विपणन को प्रोत्साहित करता है। यह जनजातीय दस्तकारों को सुविधा उपलब्ध कराता है, ताकि वे बाज़ार आवश्यकताओं का जायजा लेने के लिए कलाप्रेमियों के साथ सीधी बातचीत कर सकें। ट्राइफेड ने इन तीन वर्ष में जनजातीय उत्पादों की बिक्री के लिए जनजातीय दस्तकारों को ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराया है। ट्राइफेड जनजातीय मंत्रालय के अंतर्गत बहुराज्य सहकारी सोसायटी है, जो अपने 31 खुदरा दुकानों ट्राइब्स इंडिया, विभिन्न राज्यों के 37 इंपोरिया और 16 फ्रेंचाइज दुकानों में जनजातीय उत्पादों को विपणन समर्थन देकर जनजातीय उत्पादों, कला और दस्तकारी के विपणन को प्रोत्साहित कर रहा है।
ट्राइफेड के डिज़िटल होने से जनजातीय वाणिज्य का विस्तार होगा और बड़े इलाके तक जनजातीय उत्पाद उपलब्ध होंगे, जिसका लाभ जनजातीय दस्तकार उठाएंगे। जनजातीय उत्पादों का खुदरा व्यापार देश और विदेश तक फैलेगा। ट्राइफेड ने अपने सभी उत्पादों को बेचने तथा एम-कॉमर्स क्षेत्र पर पकड़ के लिए अपनी ई-कॉमर्स वेबसाइट tribesindia.com को विकसित किया है। एक एनड्रॉयड ऐप के साथ गूगल स्टोर पर ट्राइब्स इंडिया भी है, जिसे किसी भी एनड्रॉयड फोन पर डाउनलोड किया जा सकता है और एनड्रॉयड स्मार्टफोन का उपयोगकर इस मोबाइल ऐप से बिक्री की जा सकती है। ट्राइफेड ने स्नैपडील और अमेज़न जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्मों से समझौता किया है, जो जनजातीय उत्पादों को अपने ग्राहकों को पेश करेंगे। उत्पाद उनके पोर्टल www.snapdeal.com और www.amazon.com पर ऑनलाइन बेचे जाएंगे। ट्राइफेड की वेबसाइट ई-ट्राइब्स में www.tribesindia.com, www.trifed.in तथा रिटेल इंवेंट्री सॉफ्टवेयर और एम-कॉमर्स ऐप भी शामिल हैं।
जनजातीय मामलों के मंत्रालय के अनुरोध पर ट्राइफेड के माध्यम से www.gem.gov.in पर जनजातीय उत्पाद बेचने के लिए वाणिज्य मंत्रालय ने भी प्रावधान किया है। इसके अतिरिक्त फ्लिपकार्ट और पेटीएम पर भी जनजातीय भारतीय उत्पाद उपलब्ध हैं। ट्राइफेड जनजातीय उत्पादों के विपणन के अनेक पहलुओं पर काम कर रहा है। इनमें मोबाइल एनड्रॉयड एप्लीकेशन से जनजातीय उत्पादों की ऑनलाइन बिक्री, प्रदर्शनियों में भागीदारी, कौशल उन्नयन प्रशिक्षण, ट्राइफेड की गतिविधियों पर प्रचार सामग्री की तैयारी शामिल हैं। कार्यक्रम में अमेज़न, स्नैपडील, पेटीएम तथा जीईएम पर ट्राइब्स इंडिया के बैनर लांच किए गए। खुदरा व्यापार के लिए ट्राइफेड की पुस्तिका और ट्राइफेड की तिमाही पत्रिका ट्राइब्स हाट का भी विमोचन किया गया। इस अवसर पर जनजातीय मामलों के राज्यमंत्री जसवंतसिंह सुमनभाई भाभोर तथा जनजातीय मामलों के राज्यमंत्री सुदर्शन भगत भी उपस्थित थे।

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