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Thursday 29 March 2018 12:37:18 PM
लखनऊ। राज्यपाल राम नाईक ने राजभवन में एक समारोह में पद्मश्री सम्मान 2018 से अलंकृत प्रदेश के महानुभावों बाबा योगेंद्र, मोहनस्वरूप भाटिया, भागीरथ प्रसाद त्रिपाठी ‘वागीश शास्त्री’, अनवर जलालपुरी (मरणोपरांत) प्रतिनिधि के रूपमें उनके भाई अबुल कलाम जलालपुरी और राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार 2018 से सम्मानित बालिका नाजिया को पुष्पगुच्छ, अंगवस्त्र और पुस्तकें प्रदानकर सम्मानित किया। उल्लेखनीय है कि राज्यपाल से पद्म सम्मान से सम्मानित महानुभावों का राजभवन में यह तीसरा सम्मान समारोह था, वर्ष 2016 एवं 2017 के पद्म सम्मान से अलंकृत महानुभावों का सम्मान किया जा चुका है। राज्यपाल ने इस अवसर पर कहा कि सम्मान समारोह से लोगों को प्रेरणा प्राप्त होती है, इससे प्रदेश में विकास के बीज अंकुरित होते हैं।
राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि पद्म सम्मान कार्यक्रम दिल्ली में होता है, मगर अपने प्रदेश में सत्कार का विशेष महत्व है। उन्होंने कहा कि काम बहुत लोग करते हैं, मगर उनको पहचानना और चयनित करना मुश्किल काम होता है। उन्होंने कहा कि इस वर्ष प्रदेश के तीन महानुभावों को पद्म सम्मान हेतु चयनित किया गया था, किंतु बाबा योगेंद्र का नाम त्रुटिवश मध्य प्रदेश से दर्शाया गया था, जबकि वे भी उत्तर प्रदेश के निवासी हैं। पहले तीन महानुभावों का सम्मान होना था, लेकिन जानकारी होने के बाद राष्ट्रपति भवन से वार्ता उपरांत बाबा योगेंद्र को भी सम्मानित करने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा कि चारों महानुभावों ने प्रदेश का नाम रौशन किया है। राम नाईक ने पद्मश्री से सम्मानित बाबा योगेंद्र, मोहनस्वरूप भाटिया, भागीरथ प्रसाद त्रिपाठी, अनवर जलालपुरी और राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार प्राप्त करने वाली छात्रा नाजिया का अभिनंदन करते हुए उनके व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला।
राम नाईक ने कहा कि बाबा योगेंद्र ने नवोदित कलाकारों को एक मंच देकर समाज के सामने लाने का कार्य किया है, मोहनस्वरूप भाटिया ने ब्रज भाषा के विकास एवं उन्नयन के लिए सार्थक प्रयास किए हैं, भागीरथ प्रसाद त्रिपाठी ‘वागीश शास्त्री’ ने संस्कृत भाषा की बारिकीयों को समझते हुए उसके व्याकरण को अधिकृत रूपसे प्रस्तुत किया है और अनवर जलालपुरी ने उर्दू भाषा के माध्यम से अनेक धर्मग्रंथों के बारे में समान दृष्टि रखकर सामाजिक सौहार्द बढ़ाने का कार्य किया है। उन्होंने नाजिया के साहस की भी सराहना की। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी कार्यक्रम में उपस्थित थे। उन्होंने राज्यपाल का अभिनंदन करते हुए कहा कि राज्यपाल की रचनात्मक सोच प्रेरणादायी होती है। उन्होंने कहा कि विधायक, सांसद, मंत्री एवं राज्यपाल रहते हुए उनकी सूची में संसद में राष्ट्रगान एवं राष्ट्रगीत का गाया जाना, मुंबई को उसका असली नाम दिलाना, कारगिल के शहीदों के परिजनों को पेट्रोल पम्प व गैस एजेंसी देना, कुष्ठ रोगियों को प्रोत्साहन भत्ता प्रदान कराने, उत्तर प्रदेश दिवस का आयोजन, लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के 1916 में लखनऊ कांग्रेस में दिए गए उद्घोष के 101 वर्ष पूर्ण होने पर आयोजन कराने, कुलाधिपति के रूपमें राज्य विश्वविद्यालयों में शैक्षिक गुणवत्ता बढ़ाने और दीक्षांत समारोह का नियमित आयोजन कराना आदि जैसे महत्वपूर्ण कार्य शामिल हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पद्म सम्मान से अलंकृत महानुभावों से कहा कि वे प्रेरणास्रोत हैं और युवा पीढ़ी उनसे प्रेरणा प्राप्त करेगी। पद्मश्री मोहन स्वरूप भाटिया ने कहा कि ब्रज से आया हूं और पद्म सम्मान ब्रज की भाषा और संस्कृति का सम्मान है, ब्रज भाषा विश्व की सबसे मीठी भाषा है। पद्मश्री अनवर जलालपुरी के प्रतिनिधि एवं उनके भाई अबुल कलाम जलालपुरी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करते हुए अनवर जलालपुरी के व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि अनवर जलालपुरी की प्रतिभा का आभास बचपन से जाहिर था। पद्मश्री बाबा योगेंद्र ने नानाजी देशमुख को याद करते हुए कहा कि नानाजी में अद्भुत प्रतिभा थी। उन्होंने कहा कि सम्मान के बारे में कभी सोचा भी नहीं।
पद्मश्री भागीरथ प्रसाद त्रिपाठी ‘वागीश शास्त्री’ ने कहा कि काशी से आया हूं, पद्म अलंकरण वास्तव में बाबा विश्वनाथ को मिला है। उन्होंने अपनी साहित्यिक यात्रा पर संक्षिप्त प्रकाश डाला और अपनी पुस्तकों के बारे में जानकारी दी। राज्यपाल की प्रमुख सचिव जूथिका पाटणकर ने कार्यक्रम की प्रस्तावना प्रस्तुत की। कार्यक्रम का संचालन अपर विधिक परामर्शदाता कामेश शुक्ल ने किया और विशेष सचिव संजय श्रीवास्तव ने धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम में इस अवसर पर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, डॉ दिनेश शर्मा, ग्राम्य विकास राज्यमंत्री डॉ महेंद्र सिंह, महापौर डॉ संयुक्ता भाटिया, पूर्व मंत्री एवं उपाध्यक्ष उत्तर प्रदेश बाल विकास परिषद डॉ सरजीत सिंह डंग भी उपस्थित थे।