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Friday 01 March 2013 05:27:55 AM
नई दिल्ली। ब्रिटेन की प्राकृतिक पर्यावरण अनुसंधान परिषद और भारत के भू-प्रणाली विज्ञान संगठन ने भू-विज्ञान तथा पर्यावरण अनुसंधान में सहयोग के लिए समझौता ज्ञापन पर सहमति व्यक्त की है। ब्रिटेन और भारत के मौसम विज्ञान, जलवायु भिन्नता और परिवर्तन, समुद्र विज्ञान, हाईड्रोलॉजी, क्रायोस्फेयर, प्राकृतिक खतरों तथा जैव विविधता में अनुसंधान के संबंध में साझा हित हैं। इस नए समझौता ज्ञापन से सूचना के आदान-प्रदान को बढ़ावा मिलेगा तथा नए अवसरों की पहचान करके इन क्षेत्रों में सहयोग को प्रोत्साहन मिलेगा। इस सहमति पत्र को त्वरित रूप से लागू कर दिया जाएगा।
इस अवसर पर केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी तथा भूविज्ञान मंत्री एस जयपाल रेड्डी ने आशा व्यक्त की कि इस समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर से ईएसएसओ और एनईआरसी के बीच संबंध और मज़बूत होगा। उन्होंने कहा कि इस आपसी सहयोग समझौते से मौसम और जलवायु संबंधित विभिन्न तथ्यों और प्राकृतिक खतरों का पूर्वानुमान लगाने की क्षमता में सुधार होगा। ब्रिटेन शिष्टमंडल के अध्यक्ष फिल न्यूटन ने कहा कि यह समझौता ज्ञापन हमारे समक्ष कुछ बड़ी चुनौतियों से निपटने के लिए युक्तिपूर्ण तरीके से कार्य करने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है।