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Monday 2 April 2018 03:01:10 PM
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि राज्य सरकार कैलाश मानसरोवर और सिंधु यात्रा को प्रोत्साहित करने के लिए कृत संकल्पित है और जो प्रदेशवासी इन यात्राओं पर जाना चाहेंगे, सरकार उनकी हर संभव सहायता करेगी। उन्होंने कहा कि धार्मिक केंद्र वास्तव में राष्ट्रीय एकता के केंद्र हैं, तीर्थयात्रा से राष्ट्रीयता की भावना मजबूत होती है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठकर, जब लोग दूसरे राज्यों में तीर्थों के दर्शन को जाते हैं तो भारत माता के प्रति सम्पूर्ण समर्पण की भावना को प्रस्तुत करते हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ये विचार कैलाश मानसरोवर एवं लद्दाख सिंधु दर्शन के दर्शनार्थियों को अनुदान वितरण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने बताया कि कैलाश मानसरोवर, सिंधु दर्शन और अमरनाथ यात्रा पर जाने वाले नागरिकों के लिए जहां एक ओर गाजियाबाद में 94 करोड़ रुपए की लागत से कैलाश मानसरोवर भवन की स्थापना की जा रही है, वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड में चार धामों की यात्रा पर जाने वाले प्रदेशवासियों के लिए हरिद्वार और बद्रीनाथ में भी उत्तर प्रदेश भवन बनाने की कार्रवाई को आगे बढ़ाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस अवसर पर कैलाश मानसरोवर यात्रा-2017 के 550 दर्शनार्थियों को 1 लाख रुपये के चेक प्रतीक स्वरूप प्रदान किए। उन्होंने 38 सिंधु दर्शन यात्रियों को भी 10 हजार रुपये के चेक प्रदान किए। उल्लेखनीय है कि कैलाश मानसरोवर और सिंधु दर्शन यात्रियों को उपलब्ध कराई जा रही राशि उनके बैंक खातों में सीधे पहुंचाई जा चुकी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कैलाश मानसरोवर एक पावन धार्मिक स्थल है और अधिकांश श्रद्धालु यहां की यात्रा करना चाहते हैं, लेकिन दूसरे देश में होने के कारण प्रतिवर्ष यहां जाने वाले तीर्थयात्रियों की संख्या सीमित होती है, इसके साथ ही कैलाश मानसरोवर की यात्रा काफी दुर्गम भी है। उन्होंने कैलाश मानसरोवर की यात्रा पूरी करके लौटने वालों को बधाई देते हुए कहा कि तमाम कठिनाइयों के बावजूद उन्हें भगवान शंकर की तपोस्थली एवं निवास स्थान कैलाश मानसरोवर जाने का अवसर मिला। उन्होंने यात्रा की कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए यात्रा करने वाले प्रदेश के मूल निवासियों को दिए जाने वाले अनुदान की धनराशि को 50 हजार रुपये से बढ़ाकर 1 लाख रुपये कर दिया है, ताकि प्रदेश के ज्यादा से ज्यादा नागरिक सुविधा के साथ इस पवित्र यात्रा को पूरा कर सकें।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश देश के उन गिने-चुने राज्यों में शामिल है, जहां के निवासियों को इस यात्रा के लिए अनुदान उपलब्ध कराया जाता है। उन्होंने कहा कि यह पहला अवसर है जब भारत सरकार के माध्यम से कैलाश मानसरोवर की यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्रियों के साथ-साथ, प्राइवेट एजेंसियों के माध्यम से यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्रियों को भी अनुदान दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की कोशिश है कि प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिले और उत्तर प्रदेश सांस्कृतिक दृष्टि से सम्पन्न है, यहां पर अयोध्या, मथुरा, गंगा, यमुना, राम सर्किट, बौद्ध सर्किट और कृष्ण सर्किट मौजूद हैं, इन्हें विकसित किया जा रहा है, ताकि हर भारतीय खुद को अपनी संस्कृति से जोड़ सके। उन्होंने कहा कि तीर्थ स्थल सिर्फ आध्यात्मिक या धार्मिक ऊर्जा के ही केंद्र नहीं हैं, जिन्हें मंदिर या धाम कहा जाता है, वे वास्तव में भारतीय राष्ट्रीयता की एकता व अखंडता के आधार स्तम्भ हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन को बढ़ावा देकर बड़े पैमाने पर लोगों को स्वरोजगार से जोड़ा जा सकता है और देश में पर्यटन से जुड़ी अधिकांश गतिविधियां धार्मिक स्थलों के भ्रमण एवं दर्शन से जुड़ी हैं, जिसे ध्यान में रखकर भाजपा सरकार धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए गंभीरता से काम कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश सदैव अपनी विशिष्ट संस्कृति एवं धार्मिक विविधताओं और परंपराओं के कारण देशी एवं विदेशी श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र रहा है और इन विशिष्टताओं के कारण ही भाजपा सरकार उत्तर प्रदेश को धार्मिक पर्यटन का महत्वपूर्ण डेस्टिनेशन बनाने का प्रयास कर रही है, जिसके लिए अयोध्या, मथुरा-वृंदावन, गोरखपुर, प्रयाग, नैमिषारण्य, वाराणसी, विन्ध्याचल आदि धार्मिक स्थलों के विकास की वृहद योजना तैयार कर उन्हें लागू कराया जा रहा है। योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भगवान शंकर की नगरी काशी के विकास के लिए भी सरकार व्यापक स्तर पर काम कर रही है, वर्ष 2019 में तीर्थराज प्रयाग में त्रिवेणी के पावन संगम तट पर होने वाले महाकुम्भ के लिए बुनियादी सुविधाओं का विकास युद्धस्तर पर किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने अयोध्या और मथुरा-वृंदावन को नगरनिगम का दर्जा प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पर्यटन सुविधाओं का विकास कर स्थानीय स्तर पर रोज़गार सृजन के साथ-साथ आर्थिक गतिविधियां बढ़ाने में अवश्य सफल होगी।
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य भी कार्यक्रम में मौजूद थे। उन्होंने कहा कि यद्यपि वे अभीतक कैलाश मानसरोवर यात्रा पर नहीं जा पाए हैं, लेकिन वे शीघ्र ही इस यात्रा को पूरा करेंगे। उन्होंने कहा कि कैलाश मानसरोवर यात्रा सौभाग्यशाली लोग ही कर पाते हैं। उन्होंने कहा कि योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में भाजपा सरकार धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हर सम्भव प्रयास कर रही है। कार्यक्रम को उपमुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा ने संबोधित करते हुए कहा कि कैलाश मानसरोवर यात्रा और सिन्धु दर्शन यात्राओं का धार्मिक महत्व है, यह दोनों यात्राएं धार्मिक और पर्यटन की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। कार्यक्रम को धर्मार्थ कार्यमंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने भी संबोधित किया। कार्यक्रम में सांसद रहे तरुण विजय ने कैलाश मानसरोवर यात्रा के अपने अनुभव सुनाए। उन्होंने कहा कि यात्रा के दौरान कैलाश पर्वत के दर्शन करने पर दिव्य अनुभूति होती है, यह यात्रा एक कभी न भूलने वाला अनुभव है। प्रमुख सचिव पर्यटन अवनीश कुमार अवस्थी ने कहा कि मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में कैलाश मानसरोवर और सिन्धु दर्शन के यात्रियों को उनकी सहायता राशि उनके खातों में सीधे पहुंचा दी गई है।