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Tuesday 3 April 2018 02:18:24 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने दिल्ली में बीएस-VI अनुरूप ऑटोमोटिव ईंधनों को लांच करते हुए कहा है कि हमने 1 अप्रैल 2020 तक देशभर में इन ईंधनों को उपलब्ध कराने की योजना बनाई गई है। उन्होंने कहा कि हमने सर्दियों में दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति अत्यंत चिंताजनक हो जाने के तथ्य को ध्यान में रखते हुए राजधानी में बीएस-VI ईंधन का उपयोग अप्रैल 2020 के बजाय अप्रैल 2018 से ही करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि बीएस-VI ईंधन से वर्तमान बीएस-IV की तुलना में सल्फर का स्तर पांच गुना कम हो जाएगा, यानी इसमें 80 प्रतिशत की कमी होगी, जिसकी बदौलत यह ईंधन अत्यंत स्वच्छ है, इससे सड़कों पर चलने वाले वाहनों, यहां तक कि पुराने वाहनों से होने वाला प्रदूषण भी काफी घट जाएगा। उन्होंने कहा कि बीएस-VI ईंधन सीएनजी जैसा स्वच्छ है और कुछ मायनों में तो यह सीएनजी से भी ज्यादा स्वच्छ है।
पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने कहा कि विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र के एक अध्ययन के अनुसार वायु प्रदूषण के कारण दिल्ली में हर वर्ष 10,000-30,000 लोगों की मौत हो जाती है। उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि राष्ट्रीय राजधानी में बीएस-VI ईंधन का उपयोग जल्द शुरू कर देने से वाहनों से होने वाले प्रदूषण में उल्लेखनीय कमी आएगी और इसकी बदौलत हजारों लोगों का बहुमूल्य जीवन बचाना संभव हो पाएगा, हालांकि इस तरह के उन्नत ईंधनों की उपलब्धता से पूर्ण लाभ उठाने के लिए वाहनों की प्रौद्योगिकी को बीएस-VI के अनुरूप करना होगा। उन्होंने कहा कि सड़कों पर चलने वाले वाहनों को यदि बीएस-VI के अनुरूप न किया गया तो बीएस-VI ईंधन का उपयोग शुरू करने से केवल आंशिक लाभ ही हो पाएगा। उन्होंने कहा कि हमारी ऑटोमोबाइल कंपनियां पहले से ही भारत में बीएस-VI कारें बना रही हैं और इनका निर्यात विकसित देशों को कर रही हैं, ये कंपनियां अपने देश के लिए भी कुछ ऐसा ही उल्लेखनीय उपाय कर सकती हैं।
धर्मेंद्र प्रधान ने ऑटोमोबाइल निर्माता कंपनियों से उन सभी शहरों में बीएस-VI वाहनों की बिक्री शुरू करने की अपील की है, जहां बीएस-VI ईंधन उपलब्ध हैं। उन्होंने कहा कि हमारा मंत्रालय प्रदूषण की समस्या से निपटने में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए प्रयासरत है और 2जी एथनॉल संयंत्रों की स्थापना करना, प्राथमिक ऊर्जा के क्षेत्र में गैस की हिस्सेदारी को 6 प्रतिशत से बढ़ाकर 15 प्रतिशत करना, गैस विकास बोलियों का नौवां दौर शुरू करना, गैस आधारित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए गैस क्षेत्र को अलग करना और अधिक स्वच्छ ईंधनों के लिए विभिन्न उपाय करना मंत्रालय के प्रयासों में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि बीएस-VI ईंधन का उपयोग शुरू करने के साथ ही भारत भी एशिया-प्रशांत राष्ट्रों यथा जापान, दक्षिण कोरिया, हांगकांग, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, फिलीपींस और चीन की सूची में शामिल हो गया है। उन्होंने कहा कि चीन केवल भारी वाहनों में ही बीएस-VI ईंधन का उपयोग कर रहा है। विज्ञान एवं पर्यावरण केंद्र की महानिदेशक सुनीता नारायण ने इस सकारात्मक कदम के लिए मंत्रालय की सराहना की।