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Wednesday 4 April 2018 05:41:48 PM
नई दिल्ली। भारत सरकार ने जीएसटी पोर्टल पर तकनीकी खामियों के कारण करदाताओं के एक वर्ग के समक्ष पेश आ रही मुश्किलों को दूर करने के लिए एक आईटी शिकायत निवारण व्यवस्था शुरू की है। जीएसटी परिषद ने इस संबंध में एक आईटी शिकायत निवारण समिति को यह अधिकार सौंपा है कि वह शिकायत निवारण और करदाताओं को राहत प्रदान करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों को मंजूरी देने के साथ-साथ इस बारे में जीएसटीएन को सिफारिश भी कर सकती है और यह राहत कानून में निर्दिष्ट किसी भी फॉर्म अथवा रिटर्न को भरने की अनुमति देने अथवा पहले से ही दाखिल किए जा चुके किसी भी फॉर्म अथवा रिटर्न में संशोधन करने के रूपमें दी जा सकती है। हालांकि यदि कोई ऐसा मामला हो, जिसमें स्थानीय समस्याओं जैसेकि इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध न होने अथवा विद्युत आपूर्ति फेल हो जाने के कारण किसी करदाता के समक्ष समस्या उत्पन्न होती है तो वैसी स्थिति में यह व्यवस्था उपलब्ध नहीं होगी।
आईटी शिकायत निवारण व्यवस्था में यह भी उल्लेख किया गया है कि यदि किसी करदाता को किसी ऐसी चिन्हित समस्या के कारण साझा पोर्टल पर कोई स्पष्ट खामी नज़र आती है, जिस वजह से वह कानून में निर्दिष्ट किसी प्रक्रिया को साझा पोर्टल पर पूरा नहीं कर पाता है तो वह उस बारे में क्षेत्रीय अधिकारियों अथवा प्रमुख अधिकारियों के समक्ष अपनी शिकायत दर्ज करा सकता है। आईटी शिकायत निवारण समिति आवश्यकता पड़ने पर किसी भी चिन्हित समस्या पर गौर करने के साथ-साथ उसका समाधान भी पेश करेगी। सर्कुलर में उन करदाताओं की भी समस्याओं को सुलझाने का उल्लेख किया गया है, जो आईटी संबंधी खामी के कारण नियत तिथि तक ‘ट्रान-1’ को दाखिल करने की प्रक्रिया पूरी नहीं कर पाते हैं। डिज़िटल हस्ताक्षर की प्रक्रिया पूरी न हो पाना या ट्रान-1 का सत्यापन पूरा न हो पाना इन आईटी खामियों में शामिल हैं। आईटी संबंधी खामियों के कारण इस तरह के ट्रान-1 इत्यादि को दाखिल न कर पाने वाले करदाताओं को यह प्रक्रिया 30 अप्रैल 2018 तक पूरी करने की अनुमति होगी। इस तरह के ट्रान-1 के लिए जिस जीएसटीआर 3बी को दाखिल नहीं किया जा सका है, उसे दाखिल करने की प्रक्रिया 31 मई 2018 तक पूरी करनी होगी।
शिकायत निवारण व्यवस्था में ट्रान-1 को दाखिल करने की अंतिम तिथि आमतौर पर नहीं बढ़ाई जा रही है और केवल उन्हीं करदाताओं को ट्रान-1 दाखिल करने की प्रक्रिया पूरी करने की अनुमति होगी, जिनकी पहचान इस संबंध में जारी सर्कुलर के संदर्भ में की गई है। ट्रान-1 को दाखिल करने संबंधी निर्णय से 17,573 करदाता लाभांवित होंगे, जो बाद में सीजीएसटी क्रेडिट के रूपमें 2582.98 करोड़ रुपये और एसजीएसटी क्रेडिट के रूपमें 1112.77 करोड़ रुपये से लाभ उठाने में समर्थ होंगे। इस बारे में अधिक जानकारी के लिए सर्कुलर संख्या 39/13/2018-जीएसटी को वेबसाइट www.cbec.gov.in से डाउनलोड किया जा सकता है।