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Wednesday 4 April 2018 05:48:05 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय ने पेपर लीक के मामलों की रोकथाम करने के उद्देश्य से सीबीएसई की दसवीं और बारहवीं कक्षाओं की परीक्षा कराने की समूची प्रणाली पर गौर करने के लिए एक उच्चाधिकार प्राप्त समिति गठित की है, जिसमें मानव संसाधन विकास मंत्रालय के अवकाश प्राप्त सचिव विनय शील ओबेरॉय इस सात सदस्यीय उच्चाधिकार प्राप्त समिति के अध्यक्ष होंगे। समिति के अन्य सदस्यों में सीबीएसई के अवकाश प्राप्त परीक्षा नियंत्रक और उत्तर प्रदेश परीक्षा बोर्ड के पूर्व सचिव पवनेश कुमार, यूनेस्को के कार्यकारी बोर्ड में भारत के प्रतिनिधि, एनसीईआरटी के पूर्व निदेशक और एनसीटीई के पूर्व अध्यक्ष प्रोफेसर जेएस राजपूत, इरकॉन के स्वतंत्र निदेशक और एसएनडीटी महिला विश्वविद्यालय की कुलपति रहीं प्रोफेसर वसुधा कामत, उत्तर प्रदेश के पूर्व शिक्षा निदेशक और हाई स्कूल एवं इंटरमीडिएट शिक्षा बोर्ड उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष प्रोफेसर कृष्णमोहन त्रिपाठी, एनआईसी के डीजी के वरिष्ठ प्रतिनिधि औरमाध्यमिक शिक्षा-II के संयुक्त सचिव शामिल किए गए हैं।
उच्चाधिकार प्राप्त समिति के विचारार्थ विषयों में सीबीएसई की परीक्षा कराने की समूची प्रणाली में अंतर्निहित सुरक्षा जांच से संबंधित समस्त पहलुओं पर नए सिरे से गौर करना, ताकि बिना किसी गड़बड़ी के प्रश्न पत्रों को परीक्षार्थियों तक पहुंचाना सुनिश्चित हो सके, प्रिंटिंग प्रेस से परीक्षार्थियों तक प्रश्न पत्रों को पहुंचाने की वर्तमान प्रणाली में अंतर्निहित संभावित खामियों के समस्त पहलुओं पर नए सिरे से गौर तथा आकलन करना, ऐसे उपाय सुझाना जिससे कि प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल कर और किसी भी व्यक्ति को प्रश्न पत्र सौंपने की आवश्यकता को न्यूनतम कर इस प्रणाली को और ज्यादा सुरक्षित बनाया जा सके, प्रमुख रूपसे शामिल किए गए हैं। यह समिति 31 मई 2018 को अथवा उससे पहले अपनी रिपोर्ट पेश करेगी।