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Friday 01 March 2013 08:02:11 AM
लखनऊ। बजट से मंहगाई झेल रहा आम आदमी निराश हुआ है, कहते हुए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने कहा कि शेयर बाजार की गिरावट से इस बजट का स्टेटस समझना चाहिए। डॉ बाजपेयी ने कहा कि यह श्रंगारिक बजट है, जिसमें नौजवान, किसानों, मजदूरो, गृहणियों, छोटे उद्यमियों के लिए भी कुछ नहीं है, सारे बजट भाषण में सरकार समस्या गिनाती रही, जबकि जनता की उम्मीद सरकार से समस्या हल की होती है।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि पेट्रोलियम विभाग में रंगराजन समिति की रिर्पोट को लागू करने की घोषणा से सीएनजी, पीएनजी गैस दोगुनी मंहगी हो जाएगी एवं गैस से उत्पादित होने वाली बिजली मंहगी हो जाएगी। जिसका असर उद्योग, घर के खर्चे, सहित सभी आवश्यक वस्तुओं पर पड़ेगा। साथ ही साथ लगभग 18 हजार करोड़ के नए टैक्स लगाएं गए है जिससे मंहगाई बढे़गी।
डॉ बाजपेयी ने कहा कि इस बजट से अर्थव्यवस्था में वृद्धि नही होगी। सरकार का विकास दर बढ़ाने का दावा आंकडों की बाजीगरी है, जबकि पिछले वित्तीय वर्ष की विकास दर, राजकोषीय घाटा, राजस्व संग्रह के लक्ष्य भी पूरे नहीं हुए हैं। पचास लाख रूपए की सम्पत्ति की खरीद-बेच पर 1 प्रतिशत का टीडीएस ये बताता है कि सरकार अब जमीन की दलाली पर उतर आई है। उन्होंने कहा इस बजट से मंहगाई पर नियंत्रण नहीं होगा। वेतन भोगी मध्यमवर्गीय लोगों के लिए बजट में कुछ नहीं है। टैक्स में उन्हे उम्मीद थी कि छूट की सीमा 3 लाख कर दी जाएगी, किंतु सरकार ने उनको किसी तरह की छूट नहीं दी और दूसरे तरीके से जेब से पैसे निकालने का इंतजाम कर लिया है।
डॉ बाजपेयी ने कहा कि बजट को देखकर लगता है कि यूपीए के भ्रष्टाचार एवं मंहगाई के खिलाफ भाजपा की अगुवाई में जिस तरह से मध्यम वर्ग सड़क पर उतरा, उससे सरकार ने इस वेतन भोगी वर्ग को अपना दुश्मन मान लिया है, क्योंकि उसे लगता है कि सरकार के खिलाफ उतरा यह वर्ग यूपीए के साथ नहीं रहेगा जिसका फायदा भाजपा को मिल सकता है।