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Friday 01 March 2013 08:09:57 AM
लखनऊ। समाजवादी पार्टी ने कहा है कि केंद्रीय बजट ने आम जनता को बुरी तरह निराश किया है, आगामी लोकसभा चुनाव को नज़र में रखते हुए यह सबको गुमराह करने वाला बजट है, इसमें देश के सबसे बड़े प्रदेश उत्तर प्रदेश की उपेक्षा की गई है। बजट से मध्य वर्ग को कोई राहत मिलने वाली नहीं है, गरीबों, किसानों और श्रमजीवी वर्ग के लिए इसमें कोई सुविधाएं नहीं हैं। अल्पसंख्यकों को सम्मान के साथ जीने के लिए रोजी-रोटी के इंतजाम की भी बजट में कोई व्यवस्था नहीं है। मंहगाई रोकने के लिए किसी ठोस प्रयास के इसमें संकेत नहीं हैं। यह पूर्णतया किसान विरोधी बजट है।
सपा के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने मीडिया को भेजे ई-मेल में कहा है कि संसद में प्रस्तुत बजट से सर्वाधिक खुशी अभिजात्य वर्ग को होगी, जो देश की कुल आबादी का 10 प्रतिशत से ज्यादा नहीं है। इसमें उद्योगपति, बड़े व्यापारी और ऊंची तनख्वाह पाने वाले शामिल हैं। विदेशी और घरेलू दोनों मोर्चो पर आर्थिक स्थिति खराब होने से वर्ष 2012-13 में आर्थिक वृद्धि दर 5 प्रतिशत से बढ़ने के आसार नहीं है। सेवा क्षेत्र में गिरावट आई है। पूंजीनिवेश में सुस्ती रही है। केंद्र सरकार के पेट्रोल-डीजल और ईंधन गैस के दामों में बढ़ोत्तरी करने से खाने-पीने की चीजों तक के दाम आसमान छूने लगे हैं। आम आदमी की मंहगाई ने कमर तोड़ दी है। रेलमंत्री ने भी अपने बजट से उस पर और बोझ डालकर उसे मरणासन्न कर दिया है।
केंद्र में 9 साल से सत्तारूढ़ कांग्रेस-गठबंधन की सरकार अब तक न तो गरीबी की सही परिभाषा दे पाई है और ना ही पिछड़ेपन का कोई पैमाना तय कर पाई है। रोज़गार के अवसर बढ़ाने की दिशा में ठोस प्रयास नहीं दिखाई दिया है। अकुशल वित्तीय प्रबंधन की वजह से वित्तीय घाटा नियंत्रित नहीं हो पा रहा है। शिक्षा, स्वास्थ्य सेवाएं, आवास सभी के दाम चढ़े हुए हैं। इनका लाभ अब सम्पन्न लोगों को ही मिल रहा है।