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Wednesday 18 April 2018 12:46:11 PM
नई दिल्ली। जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय के सचिव यूपी सिंह ने अंतरराज्यीय नदी जल विवाद अधिनियम 1956 की धारा 5 (1) के तहत महानदी जल विवाद न्यायाधिकरण के अध्यक्ष और सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एएम खानविलकर को महानदी जल विवाद की संचिका सौंपी। गौरतलब है कि ओडिशा सरकार ने आईएसआरडब्ल्यूडी 1956 की धारा 3 के तहत ओडिशा और छत्तीसगढ़ राज्यों के बीच महानदी जल विवाद को निपटाने के लिए एक अंतरराज्यीय जल विवाद न्यायाधिकरण के गठन के लिए केंद्र सरकार को पत्र लिखा था।
जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय ने एक समझौता समिति का गठन किया है, जिसकी दो बैठकें हो चुकी हैं, परंतु ओडिशा ने इसमें भाग नहीं लिया। ओडिशा ने सर्वोच्च न्यायालय में दावा दायर किया था। सर्वोच्च न्यायालय ने 23 जनवरी 2018 को दिए अपने आदेश में केंद्र सरकार से विवाद हल करने के लिए एक न्यायाधिकरण के गठन की बात कही थी। केंद्र सरकार 12 मार्च 2018 को महानदी जल विवाद न्यायाधिकरण का गठन कर चुकी है, जिसके अध्यक्ष भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति एएम खानविलकर हैं, पटना उच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति डॉ रवि रंजन और दिल्ली उच्च न्यायालय की न्यायाधीश न्यायमूर्ति इंदरमीत कौर कोचर सदस्य हैं।