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Wednesday 18 April 2018 06:43:47 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने राष्ट्रीय स्तर पर विकास सुनिश्चित करने के लिए जिलों के विकास में तेजी लाने की आवश्यकता पर जोर दिया है। उन्होंने इसके लिए भारतीय अर्थव्यवस्था के विकास में जिलों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने और जिलास्तर से शुरु की जाने वाली समग्र विकास प्रक्रिया के लिए सहभागी तंत्र के माध्यम से एक व्यापक जिला योजना बनाने का फैसला किया है। उन्होंने कहा कि संसाधनों और सूचनाओं को अपने तक सीमित रखने की सोच से परे जाकर संसाधन आधारित योजनाएं बनाने और उन्हें लागू करने की आवश्यकता है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि जिला स्तर पर अतिरिक्त तीन प्रतिशत की वृद्धि से भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए 5 खरब अमरीकी डॉलर का लक्ष्य प्राप्त करना सुनिश्चित हो सकेगा। उन्होंने कहा कि इस योजना से कृषि क्षेत्र में फसल पद्धति की मैपिंग सहित जिलों के संसाधनों और उसकी शक्तियों के आधार पर सरकारी हस्तक्षेप किया जाएगा, इससे सूक्ष्म, मध्यम और मझौले उद्योगों एवं जिलों के लिए उपयुक्त सेवाएं, कौशल विकास पहल, व्यवसाय सुगम बनाने, ऋण की उपलब्धता, सरकारी और निजी क्षेत्र के प्रयासों के समायोजन के साथ ही योजना को लागू करने में राज्य सरकारों और जिला प्रशासन की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने बताया कि यह पहल 6 जिलों से शुरू होगी, जिसमें महाराष्ट्र में सिंधुदुर्ग और रत्नागिरी, उत्तर प्रदेश में वाराणसी, बिहार में मुजफ्फरपुर, आंध्र प्रदेश में विशाखापत्तनम और हिमाचल प्रदेश में सोलन शामिल हैं।
गौरतलब है कि व्यापक जिला योजना की संरचना और क्रियांवयन की निगरानी के लिए वाणिज्य और उद्योग मंत्री की अध्यक्षता में एक संचालन समिति का गठन किया जाएगा। केंद्रीय सरकार के विभिन्न मंत्रालयों तथा महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, आंध्र प्रदेश और हिमाचल प्रदेश की राज्य सरकारों के प्रतिनिधि इसके सदस्य होंगे। चयनित राज्यों के लिए इस योजना की रूपरेखा उन राज्यों के भारतीय प्रबंधन संस्थान तैयार करेंगे। योजना का क्रियांवयन सुनिश्चित करने के लिए जिला स्तर पर एक क्रियांवयन समिति का प्रस्ताव किया गया है। समिति का नेतृत्व जिला कलेक्टर करेंगे।