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Friday 20 April 2018 02:26:51 PM
नई दिल्ली। इंद्रप्रस्थ विश्व हिंदू परिषद के तत्वावधान में कांस्टिट्यूशन क्लब नई दिल्ली में विश्व हिंदू परिषद के नवनिर्वाचित अंतर्राष्ट्रीय पदाधिकारियों का सार्वजनिक अभिनंदन किया गया, जिसमें राजधानी के अनेक धार्मिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक और विधिक संगठनों के पदाधिकारी भी शामिल हुए। सम्मान समारोह की अध्यक्षता महामंडलेश्वर स्वामी राघवानंद महाराज ने की। विहिप टोली ने वाल्मीकि मंदिर, गुरुद्वारा और जैन मंदिर और आर्य समाज मंदिर में हवन कर प्रभु से हिंदू धर्म के प्रभुत्व के लिए प्रार्थना अर्चना की। विहिप के नवनिर्वाचित अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष न्यायमूर्ति विष्णु सदाशिव कोकजे ने उपस्थित जनसमूह को सम्बोधित करते हुए कहा कि पूरे देश में सामाजिक समरसता का भाव जगाते हुए, कुरीतियों को दूर हटाकर, संस्कारवान समाज का निर्माण कर भारतीय मूल के धर्मों को एक करके ही हम हिंदू संस्कृति का संवर्धन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अयोध्या में भव्य राम मंदिर का निर्माण, गौ रक्षा और गौरवशाली हिंदू समाज का एकीकरण ही हमारा लक्ष्य है।
न्यायमूर्ति विष्णु सदाशिव कोकजे ने कहा कि 1964 में स्वामी चिन्मयानंद महाराज, पूज्य श्री गुरूजी, केएम मुंशी और बड़ोदरा के जयचंद्र बारिया जैसे श्रेष्ठ महापुरुषों के करकमलों से स्थापित विश्व हिंदू परिषद ने अबतक हिंदू हितों के अनगिनत कार्य किए हैं, किंतु सेवा, समता, समानता, समरसता, सद्भाव, संस्कार के साथ विधवा, परित्यक्ता और बुजुर्गों की सुरक्षा तथा उनके प्रति सम्मान जैसे अनेक विषयों पर अभी बहुत कुछ किया जाना शेष है, जिसकी जिम्मेदारी विहिप की नई टोली के कंधों पर है। न्यायमूर्ति विष्णु सदाशिव कोकजे ने कहा कि विहिप के पदाधिकारियों का चेहरा बदला है, किंतु उद्देश्य या एजेंडा नहीं बदला है। उन्होंने कहा कि आज इस सभागार में उपस्थित अपार जन समूह के साथ वरिष्ठ तथा आत्मीय लोगों की उपस्थिति और स्नेह ने मेरे इस विश्वास को और दृढ़ किया है कि हम यह काम संतों के आशीर्वाद तथा आप सभी के सहयोग से आसानी से पूरा करने में सफल होंगे। विहिप के नवनिर्वाचित कार्याध्यक्ष एडवोकेट आलोक कुमार ने कहा कि अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि पर भव्य मंदिर के निर्माण का समय निकट आ रहा है, चाहे न्यायालय के निर्णय से बने या संसदीय कानून से बने, किंतु हमारा संकल्प है कि मंदिर वहीं पर ही और उसी प्रारूप में शीघ्र बनकर रहेगा। उन्होंने कहा कि अयोध्या की सांस्कृतिक सीमा के अंदर कोई नई मस्जिद नहीं बनने दी जाएगी तथा बाबर के नाम पर कोई मस्जिद, भवन या स्मारक भारत की पावन धरा पर कदापि स्वीकार्य नहीं है।
धर्मनिर्पेक्षवादियों पर कटाक्ष करते हुए उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थतंत्र, कृषि व ग्राम विकास के आधार-गौवंश का आदर समस्त भारतीयों को करना ही होगा, क्योंकि यह न सिर्फ हमारी आस्था का विषय है, बल्कि सभी नागरिकों का संवैधानिक उत्तरदायित्व भी है। उन्होंने कहा कि छुआछूत तथा भेदभाव मुक्त समाज का निर्माण हमारी शीर्ष प्राथमिकता है। हिंदू समाज को एक सूत्र में पिरोने तथा समय-समय पर आई विविध चुनौतियों का सामना करके बलिदान हुए उन असंख्य विहिप-बजरंगदल कार्यकर्ताओं तथा अन्य हिंदू वीरों का स्मरण करते हुए विहिप महामंत्री मिलिंद परांडे ने कहा कि संतों के मार्गदर्शन तथा कार्यकर्ताओं के त्याग और तपस्या-निष्ठा का ही परिणाम है कि बात-बात पर हिंदू समाज विश्व हिंदू परिषद से बहुत अपेक्षा करने लगा है, हिंदू समाज के समक्ष अनेक चुनौतियां मुंह बाए खड़ी हैं, जिनका हम सर्व समाज को साथ लेकर मुकाबला करेंगे। अपने आशीर्वचन में स्वामी राघवानंद महाराज ने कहा कि हिंदू समाज को एक सूत्र में पिरोना वास्तव में सबसे दुष्कर कार्य है, मुझे विश्वास है कि विश्व हिंदू परिषद के असंख्य कार्यकर्ताओं की अथक मेहनत तथा यह सशक्त नेतृत्व इस चुनौती को स्वीकार कर आगे बढ़ेगा।
विहिप पदाधिकारियों का नागरिक अभिनंदन करने वालों में एससी/एसटी वेलफेयर एसोशिएशन तथा वाल्मीकि समाज चेतना संगठन के अध्यक्ष ब्रह्मप्रकाश, अखिल भारतीय रेगर महासभा के महासचिव चतर सिंह रछौया, गुरु रविदास जन्मोत्सव कमेटी के उपप्रधान मेहर सिंह, उत्तर रेलवे कर्मचारी यूनियन के प्रभारी मदन लाल वाल्मीकि, त्रिनगर ब्राह्मण सभा के ब्रह्मदत्त शर्मा, परशुराम सभा अध्यक्ष शशि शर्मा, 360 गांवों के प्रधान रामकरण, 96 गांवों के प्रधान राकेश नम्बरदार, अंतर्राष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन के महामंत्री बाबूराम गुप्ता, प्रमोद जैन, समाज सेवी सुखराज जैन, तेरापंथ जैन महासभा के प्रधान कन्हैयालाल जैन, मूर्तिपूजक जैन समाज प्रमुख ललित नहाटा, गोविंद वाफना जैन, खुकरान वर्ल्ड ब्रदरहुड के बृजमोहन सेठी, आर्य केंद्रीय सभा के उपप्रधान और आर्यसमाज करोलबाग़ के प्रधान कीर्ति शर्मा, सीमा जागरण मंच दिल्ली के अध्यक्ष लेफ्टिनेंट जनरल नितिन कोहली, भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रधान बालकृष्ण अग्रवाल, सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा के मनोहर लाल कुमार व अरुण द्विवेदी, राजधानी की विविध रामलीलाओं से धीरजधर गुप्ता, महेंद्र नागपाल, राजेश गहलोत तथा अशोक गोयल, झंडेवालान देवी मंदिर के प्रधान नवीन कपूर, गुर्जर समाज से चौधरी पाला तंवर, चौधरी धरमवीर, बलजीत सिंह, सदगुरु ठाकुर दलीप सिंह नामधारी संत समाज के प्रधान सरदार अरविंदर सिंह, ग्रुप ऑफ़ इंटेलेक्चुअल्स एंड एकेडेमीशियंस की संयोजिका व उद्योगपति ललिता निझावन शामिल हैं।
स्वागत करने वालों में बार काउंसिल दिल्ली के एडवोकेट सूर्य प्रकाश खत्री, केके त्यागी, उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सत्येंद्र प्रसाद मिश्र, धर्म यात्रा महासंघ के मांगी राम गर्ग, राष्ट्रीय सिख संगत के जत्थेदार अवतार सिंह, उद्योगपति डॉ वीके मोदी की ओर से डॉ नरेंद्र गुप्ता, समाजसेवी कर्नल राजेश पांडे, पूर्व मेयर सुभाष आर्य, दक्षिणी दिल्ली नगर निगम में सदन की नेता शिखा राय, विहिप के अंतर्राष्ट्रीय संगठन महामंत्री विनायक राव देशपांडे, दिनेश चंद्र, अंतर्राष्ट्रीय उपाध्यक्ष चंपतराय, ओमप्रकाश सिंघल, जीवेश्वर मिश्र, राघवल्लु, राजेंद्र पंकज, संयुक्त महामंत्री कोटेश्वर शर्मा, डॉ सुरेंद्र जैन, केंद्रीय मंत्री अशोक तिवारी, क्षेत्रीय संगठन मंत्री करूणा प्रकाश, बजरंगदल के राष्ट्रीय संयोजक मनोज वर्मा, राष्ट्रीय प्रवक्ता विजयशंकर तिवारी, इंद्रप्रस्थ विश्व हिंदू परिषद के मंत्री बचन सिंह, उपाध्यक्ष गुरदीन प्रसाद, दुर्गा वाहिनी प्रांतीय संयोजक कुमारी कुसुम, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विहिप, बजरंगदल और दुर्गावाहिनी के अनेक पदाधिकारी एवं गणमान्य लोग उपस्थित थे। मंच संचालन विहिप के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने किया।