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Monday 23 April 2018 12:19:11 PM
नई दिल्ली। भारतीय चुनाव आयोग ने 19 से 21 अप्रैल तक नई दिल्ली में राज्यस्तरीय मास्टर ट्रेनर्स के लिए एक तीन दिवसीय प्रशिक्षण एवं प्रमाणन कार्यक्रम आयोजित किया, जिसमें देशभर के लगभग 280 राज्यस्तरीय मास्टर ट्रेनर्स यानी एसएलएमटी ने भाग लिया, जो बाद में राज्य और संघशासित प्रदेश के विभिन्न पदाधिकारियों को सोपानित प्रशिक्षण देंगे और मतदाता पंजीकरण अधिकारी एवं सहायक मतदाता पंजीकरण अधिकारी के लिए प्रमाणन पाठ्यक्रम का संचालन करेंगे। कार्यक्रम में भारत के मुख्य चुनाव अधिकारी ओपी रावत भी उपस्थित थे। उन्होंने स्मरण किया कि स्वतंत्रता के बाद जब भारत को इसकी पहली मतदाता नामावली मिली थी, जिसको तैयार करना एक दुष्कर एवं जटिल कार्य था, लेकिन चुनाव मशीनरी ने 1951-52 के दौरान पहले चुनाव का आयोजन किया जाना संभव बना दिया। ओपी रावत ने भागीदारों से अपील की कि वे प्रोत्साहन एवं ईआरओ व एईआरओ और क्षेत्र के अन्य अधिकारियों के प्रशिक्षण में बढ़ी हुई भागीदारी का एक माहौल तैयार करें।
चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि चुनाव प्रबंधन में मतदाता सूची किसी संस्थान की नींव की तरह होती है। चुनावों में प्रौद्योगिकी के उपयोग के बारे में चर्चा करते हुए सुनील अरोड़ा ने कहा कि सूचना प्रौद्योगिकी में नैतिक मुद्दे चिंता के कारण हैं। उन्होंने भागीदारों से भ्रष्ट प्रचलनों पर अंकुश रखने को कहा। चुनाव आयुक्त ने उम्मीद जताई कि यह प्रशिक्षण कार्यक्रम सभी भागीदारों के लिए सीखने का एक शानदार अवसर साबित होगा। चुनाव आयुक्त अशोक लवासा ने कहा कि प्रक्रियाओं एवं प्रणालियों को महत्व दिया जाना चाहिए, जो किसी भी चुनाव को सफल बनाने के लिए दो सबसे महत्वपूर्ण कारक हैं। वरिष्ठ उपचुनाव आयुक्त उमेश सिन्हा ने मतदाता सूची प्रबंधन, चुनाव प्रबंधन की नींव है, इसीलिए यह जरुरी है कि मतदाता सूची स्वच्छ और स्वस्थ हो।
उपचुनाव आयुक्त संदीप सक्सेना ने भागीदारों को मतदाता सूची को अधिक पारदर्शी एवं भरोसेमंद बनाने की विभिन्न पद्धतियों के बारे में बताया। उन्होंने ऐसे कई तथ्य और संख्या प्रस्तुत कीं, जो मतदाता सूची को बेहतर बनाने में सहायक साबित हो सकती हैं। उपचुनाव आयुक्त सुदीप जैन ने कहा कि चुनाव अधिकारियों को प्रशिक्षित किए जाने की जरूरत महसूस की जा रही थी, क्योंकि अपने प्राथमिक कार्य के अतिरिक्त वे चुनाव दायित्व का निर्वहन करते हैं। उन्होंने बताया कि एक संरचित प्रशिक्षण की आवश्यकता महसूस करते हुए ईसीआई ने 2016 में निर्वाचन अधिकारियों के लिए एक प्रमाणन कार्यक्रम आरंभ किया था, जिसे सकारात्मक प्रतिक्रियाएं प्राप्त हुईं। कार्यक्रम के दौरान ईआरओ एवं एईआरओ प्रमाणन के लिए एक पुस्तिका का विमोचन भी हुआ।