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Tuesday 24 April 2018 12:52:51 PM
नई दिल्ली। अंतर्राष्ट्रीय एसएमई सम्मेलन-2018 का आयोजन नई दिल्ली में हुआ, जिसमें केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु मुख्य अतिथि के रूपमें शामिल हुए। भारत में यह पहला अंतर्राष्ट्रीय एसएमई सम्मेलन था। सुरेश प्रभु ने इस आयोजन के लिए राज्यमंत्री गिरिराज सिंह को बधाई दी। सम्मेलन में 30 से अधिक देशों ने प्रतिभाग किया है। इस अवसर पर सुरेश प्रभु ने कहा कि वैश्विक विकास को पुर्नजीवित करने के लिए सम्पूर्ण विश्व नई रणनीतियों पर परिचर्चा कर रहा है, परंतु अमीरों और ग़रीबों के बीच बढ़ती खाई जैसी कई चुनौतियां आज भी हैं, जिनमें अमीर और ग़रीब देशों के बीच अंतर विद्यमान हैं। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन और बिना रोज़गार के विकास जैसी समस्याएं भी हैं, तथापि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम इन समस्याओं के समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
वाणिज्य और उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम अमीर और ग़रीब के बीच अंतर को कम करेंगे, क्योंकि ये उद्यम समावेशी विकास को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने कहा कि ये उद्यम ग्रीन हाउस गैस उत्सर्जन में कमी लाने में सहायता करेंगे, क्योंकि ये उद्यम बाज़ार के नजदीक स्थित होते हैं और इससे कार्बन उत्सर्जन में कमी आती है। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम रोज़गार सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। सुरेश प्रभु ने कहा कि बड़े उद्यमों तथा सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के बीच पूरक संबंध हैं, यदि छोटे उद्यम संचालन में रहते हैं तो बड़े उद्यम समृद्ध होंगे। उन्होंने कहा कि बड़े उद्यम और बहुराष्ट्रीय कंपनियों को वैश्विक मूल्य व आपूर्ति श्रृंखला की जरूरत पड़ती है, जो सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के बिना संभव नहीं है। उन्होंने कहा कि समय की आवश्यकता है कि बड़े और छोटे उद्यमों के परस्पर संबंध को मजबूत बनाया जाए और दोनों मिलकर वैश्विक अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करें।
सुरेश प्रभु ने सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों की भूमिका की चर्चा करते हुए कहा कि नई औद्योगिक नीति स्वयंसेवी समूहों की भूमिका पर विशेष बल देती है, जिसकी घोषणा जल्द ही की जाएगी। उन्होंने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को स्टार्टअप इंडिया कार्यक्रम का लाभ लेना चाहिए। उन्होंने सुझाव दिया कि अफ्रीका, मध्य एशिया और लैटिन अमेरिका के देशों को एमएसएमई का एक नेटवर्क बनाना चाहिए, जो वैश्विक स्तर पर अपने विचारों को इस प्रकार आगे बढ़ाए ताकि एमएसएमई को व्यापार की दुनिया में नए विचारों के सृजन के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण माना जाए। केवीआईसी और क्वायर बोर्ड के सहयोग से एमएसएमई मंत्रालय तथा राष्ट्रीय लघु उद्योग निगम ने इस अंतर्राष्ट्रीय एसएमई सम्मेलन का आयोजन किया। उद्घाटन समारोह में विदेशी मामलों के राज्यमंत्री एमजे अकबर, एमएसएमई मंत्रालय के सचिव डॉ अरुण कुमार पांडा, मंत्रालय के अपर सचिव और विकास आयुक्त राममोहन मिश्रा और केवीआईसी व क्वायर बोर्ड के चेयरमैन भी उपस्थित थे।