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कुशीनगर के ‌अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई

कुशीनगर में स्कूल वैन और रेल भिड़ंत का मामला

अभिभावकों व समाज की बड़ी भूल है यह हादसा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Friday 27 April 2018 02:21:41 PM

case of school van and rail clash in kushinagar

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद कुशीनगर में हुई रेल स्कूल वैन दुर्घटना की जिम्मेदारी तय करते हुए दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की है, जिसमें उन्होंने शिथिल पर्यवेक्षण के लिए जनपद कुशीनगर के बेसिक शिक्षा अधिकारी हेमंत राव और दुर्घटना के लिए पूर्ण रूपसे उत्तरदायी दुदही के खंड शिक्षा अधिकारी शेष बहादुर को निलम्बित किए जाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रवर्तन कार्य में शिथिलता बरतने वाले कुशीनगर के एआरटीओ इंफोर्समेंट राजकिशोर त्रिवेदी, परिवहन विभाग के यात्रीकर अधिकारी रणवीर सिंह चौहान को भी उत्तरदायी मानते हुए उन्हें निलम्बित करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अनुमति और पंजीकरण के बिना विद्यालय का संचालन करने के लिए डिवाइन मिशन स्कूल के प्रबंधक एवं प्रधानाचार्य करीम जहान खान के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराते हुए विधिक धाराओं में कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सेठ बंशीधर विद्यालय की जांच कराने के भी निर्देश दिए हैं, जहां से डिवाइन मिशन स्कूल के विद्यार्थियों के लिए टीसी की व्यवस्था की जाती थी। गौरतलब है कि कल सवेरे कुशीनगर में डिवाइन मिशन स्कूल की छात्र-छात्राओं से ठसाठस भरी वैन मानवरहित रेलवे क्रॉसिंग पर ट्रेन के सामने आ गई और उसमें सवार तेरह बच्चे तत्काल कालकल्वित हो गए। राज्य सरकार ने अपनी प्रारंभिक जांच में पाया कि वैन चालक कान में ईयरफोन लगाए हुए था और उसने गेटमैन की चेतावनी की अनदेखी की। जांच में यह भी पाया गया कि इसमें स्कूल प्रबंधन से लेकर जिले के शिक्षा अधिकारियों की गंभीर जिम्मेदारी है, लिहाजा उनके विरुद्ध एफआईआर एवं निलंबन की कार्रवाई की गई है।
कुशीनगर की रेल-वैन भिड़ंत सभी को विचलित किए हुए है, जिसमें यह पक्ष काफी बलवान है कि यदि वैन ड्राइवर गेटमैन की सुन लेता तो यह हादसा नहीं होता। यह घटना उन अभिभावकों के लिए गंभीर चेतावनी है, जो अपनी नज़रों क‌े सामने ही अपने बच्चे को पहले से ठसाठस भरी वैन या बस में बैठने देते हैं और वैन मालिक से प्रतिरोध नहीं करते हैं कि क्षमता से अधिक बच्चों को बस या वैन में क्यों ले जाया जा रहा है। इस अनदेखी के दुष्परिणाम दुर्घटना के रूपमें कई बार सामने आ चुके हैं, मगर अभिभावक हैं कि बच्चों की जान पर जोखिम उठा रहे हैं। वैन या बस चालक बहुत गैरजिम्मेदाराना तरीके से अपने वाहन को ड्राइव करते हैं और ऐसा भी पाया गया है कि चालक से लेकर वाहन तक अवैध रूपसे संचालित हैं और उनका कहीं कोई विवरण नहीं है। राज्य सरकार ने जो कार्रवाई की है, उससे कोई सबक लेगा, ऐसा नहीं लगता, क्योंकि यह पूरी तरह अभिभावकों और समाज की जिम्मेदारी है, जिसमें दोनों ही पक्षों की स्थिति जिम्मेदारी के प्रति भारी निराशाजनक दिखती है।

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