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Tuesday 1 May 2018 05:57:03 PM
नई दिल्ली। विहिप कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने बुद्ध पूर्णिमा पर दक्षिणी दिल्ली के बुद्ध विहार में भगवान बुद्ध के दर्शन-पूजन के उपरांत कहा कि भारत की पावन धरा पर अवतरित भगवान बुद्ध ने दुनिया को सत्य, अहिंसा, करुणा, प्रज्ञा, समता का संदेश देकर एक भेदभाव मुक्त समाज की स्थापना की थी, विश्व शांति के लिए आज उन्हीं सिद्धांतों की पुन: प्रतिष्ठा की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भगवान बुद्ध की प्रज्ञा करुणा और समता की शिक्षा से ही विश्व शांति संभव है। उन्होंने कहा कि बीते सप्ताह नवनियुक्त विहिप पदाधिकारियों को महाराष्ट्र में बाबासाहेब डॉ भीमराव रामजी आम्बेडकर की दीक्षा भूमि के दर्शन का सौभाग्य प्राप्त हुआ।
बौद्ध धर्म की तुलना साम्यवाद से करने वालों को आड़े हाथों लेते हुए विहिप कार्याध्यक्ष ने कहा कि बाबासाहेब ने स्वयं कहा था कि यह तुलना बेमानी है। उन्होंने कहा कि साम्यवाद जबरदस्ती करता है, जबकि भारत की धरती पर जन्मा बौद्ध धर्म अहिंसा व करुणा का उपासक है। जगत्ज्योती बौद्ध विहार के प्रभारी भिक्षु भदंते करुणानंद महाथेरो ने इस अवसर पर कहा कि जिस पवित्र स्थल पर हम बैठे हैं, सैकड़ों वर्ष पूर्व भगवान बुद्ध स्वयं यहां आए थे, यह अनेक बौद्ध भिक्षुओं की तपस्थली भी रही है। आलोक कुमार विहिप कार्याध्यक्ष बनने के बाद पहली बार यहां आए। कार्यक्रम में विश्व हिंदू परिषद के प्रवक्ता विनोद बंसल, विहिप दक्षिणी दिल्ली के विभाग अध्यक्ष महेश सक्सेना, संघ के विभाग कार्यवाह रवि चोपड़ा, दक्षिणी दिल्ली नगरनिगम सेंट्रल जौन के चेयरमैन राजपाल सिंह, पूर्व निगम पार्षद महेंद्रकौर नरूला, मंदिर के मुख्य शिष्य गौरव किरार और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।