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Wednesday 2 May 2018 02:31:39 PM
लखनऊ। राजभवन लखनऊ में महाराष्ट्र दिवस मनाया जा रहा है। इस अवसर पर आयोजित समारोह का राज्यपाल राम नाईक और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उद्घाटन किया। गौरतलब है कि राज्यपाल राम नाईक महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के निवासी हैं, इसलिए राजभवन लखनऊ में महाराष्ट्र दिवस मनाने की प्रेरणा हुई। महाराष्ट्र दिवस समारोह का आयोजन उत्तर प्रदेश शासन, महाराष्ट्र शासन, महाराष्ट्र समाज लखनऊ, मराठी समाज लखनऊ एवं भातखंडे संगीत संस्थान सम विश्वविद्यालय लखनऊ ने संयुक्त रूपसे किया है। उद्घाटन समारोह में इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डॉ दिलीप बाबासाहेब भोसले, उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा, महाराष्ट्र के संस्कृति, उच्च शिक्षा, युवा कल्याण, अल्पसंख्यक विकास तथा वक्फ मंत्री विनोद तावड़े, सूचना राज्यमंत्री डॉ नीलकंठ तिवारी, प्रदेश मंत्रिमंडल के सदस्य और मराठी समाज से जुड़े महानुभाव शामिल हुए। कार्यक्रम में एक स्मारिका ‘महाराष्ट्र दिवस’ का विमोचन भी किया गया।
राज्यपाल राम नाईक ने इस अवसर पर कहा कि लखनऊ में महाराष्ट्र दिवस समारोह के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस का निर्णय अभिनंदनीय है। उन्होंने दोनों राज्यों के पुराने संबंधों को याद करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश में मराठी भाषिक लोगों का भी योगदान है। उन्होंने कहा कि मराठी भाषिक उत्तर प्रदेश में घुल मिल गए हैं और यहां गणेश उत्सव को देखकर लगता है कि वे अपनी संस्कृति से अभी भी उसी तरह जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि दोनों राज्यों का यह रिश्ता आदर्श बनकर आगे चलने की प्रेरणा देता है। राज्यपाल ने रानी लक्ष्मीबाई, अहिल्या बाई होल्कर, तात्या टोपे, लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक, बाबूराव पराड़कर, पंडित विष्णु दिगम्बर पलुस्कर, पंडित विष्णुनारायण भातखंडे के योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने काशी के प्रसिद्ध काशी विश्वनाथ मंदिर के पुनरोद्धार में अहिल्या बाई होल्कर के योगदान को भी स्मरण किया। राज्यपाल ने कहा कि महिला शिक्षा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश का चित्र बदल रहा है, यह बदलता हुआ चित्र प्रधानमंत्री रहे अटल बिहारी वाजपेयी के शुरू किए गए ‘सर्व शिक्षा अभियान’ और वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ योजना का नतीजा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश की जनता की ओर से महाराष्ट्र की जनता को महाराष्ट्र दिवस की बधाई देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में सांस्कृतिक एकता के लिए ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ का संकल्प लिया है, जिसके अंतर्गत उत्तर प्रदेश एवं महाराष्ट्र राज्य के बीच सांस्कृतिक आदान-प्रदान की दृष्टि से एमओयू हुआ है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र का भगवान राम के समय से संबंध रहा है, महाराष्ट्र की विभूतियों जैसे लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक और वीर सावरकर के योगदान को विस्मृत नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र संतों की परंपरा का वाहक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुंबई में उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस कार्यक्रम का आयोजन होता था, जबकि उत्तर प्रदेश में ऐसा कोई आयोजन सरकारी स्तर पर नहीं होता था, वर्ष 1950 से 2017 तक 68 वर्ष बाद उत्तर प्रदेश में प्रदेश स्थापना का आयोजन राज्यपाल की प्रेरणा से पहली बार किया गया। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश तथा महाराष्ट्र सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संकल्प को और मजबूत करेगी।
इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डॉ दिलीप बाबासाहेब भोसले ने कहा कि उत्तर प्रदेश में महाराष्ट्र दिवस का आयोजन विशेष आनन्द देने वाला कार्यक्रम है, इस आयोजन के माध्यम से दो प्रदेशों की सरकार इकट्ठा हुई है, जो प्रसन्नता का विषय है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में महाराष्ट्र दिवस के आयोजन में राज्यपाल की भूमिका सराहनीय है। महाराष्ट्र सरकार के मंत्री विनोद तावड़े ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार का विशेष आभार है कि उन्होंने यहां महाराष्ट्र दिवस का आयोजन किया। महाराष्ट्र की जनता की ओर से उन्होंने आभार व्यक्त किया। उन्होंने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि उत्तर प्रदेश के बदलते परिवेश को देखकर महाराष्ट्र के उद्योगपति यहां निवेश करने को तैयार हैं। कार्यक्रम में सूचना राज्यमंत्री डॉ नीलकंठ तिवारी ने स्वागत उद्बोधन देते हुए दोनों प्रदेशों की प्राचीन परंपराओं और सांस्कृतिक आदान-प्रदान की गतिविधियों पर प्रकाश डाला। उद्घाटन समारोह में महाराष्ट्र से आए सांस्कृतिक कलाकारों के दल ने नमन, गणेश वंदना, भूपाली व ओबी, वासुदेव, कृष्णाष्टमी गीत, मंगल पांडे, कोली नृत्य, भारूड, आदिवासी नृत्य, प्रभू रामचंद्रावरील गीत, शाहीरी-तात्या टोपे, रानी लक्ष्मीबाई, शिव राज्याभिषेक सहित कई नृत्य नाटिकाओं की प्रस्तुतियां दीं।