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Saturday 02 March 2013 05:41:14 AM
देहरादून। उत्तराखंड राजस्व परिषद के अध्यक्ष सुभाष कुमार ने बताया है कि वित्तीय वर्ष 2012-13 में लंबित राजस्व वाद की संख्या 36000 रह गई है, जबकि 1 मई, 2012 को यह संख्या 48 हजार थी। उन्होंने बताया कि 1 मई, 2012 को अध्यक्ष राजस्व परिषद का दायित्व ग्रहण करने के बाद उन्होंने विशेष अभियान चलाया था, जिसका परिणाम रहा है कि लंबित राजस्व वादों की संख्या में भारी कमी आई है। उन्होंने बताया कि 1 अप्रैल, 2012 से 31 जनवरी, 2013 तक कुल 1,31,000 राजस्व वाद दर्ज हुए और इसी अवधि में 1,35,000 राजस्व वाद निस्तारित हुए है। यह उपलब्धि रही है कि इस एक वर्ष की अवधि में जितने राजस्व वाद दर्ज हुए, उनका निस्तारण कर दिया गया, साथ ही लंबित वादों का भी तेजी से निस्तारण किया गया।
सुभाष कुमार ने लंबित वादों के शीघ्र निस्तारण के लिए मंडलायुक्त कुमायूं एवं गढ़वाल तथा सभी जिलाधिकारियों को निर्देश जारी किए हैं कि लंबित व दायर वादों का निस्तारण शीघ्र किया जाए। उन्होंने कुमायूं मंडल में जनपद अल्मोड़ा और गढ़वाल मंडल में हरिद्वार में दायर वादों की संख्या के सापेक्ष निस्तारण कम होने पर नाराजगी व्यक्त की है। उन्होंने निर्देश दिए है कि सभी पीठासीन अधिकारी अधिक से अधिक दिनों में न्यायालय में बैठकर वादों का निस्तारण करें। उन्होंने कहा कि इस वर्ष वार्षिक गोपनीय प्रविष्टि अंकित करते समय विशेषकर वादों के निस्तारण की स्थिति का विशेष रूप से आंकलन किया जाएगा।