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Saturday 02 March 2013 07:58:51 AM
देहरादून। पंजाब नैशनल बैंक के अंचल प्रशिक्षण केंद्र में दिसंबर 2012 की त्रैमासिक जिला स्तरीय समीक्षण समिति, जिला सलाहकार समिति की बैठक का अग्रणी बैंक कार्यालय देहरादून ने आयोजन किया। बैठक की अध्यक्षता परियोजना निदेशक, जिला ग्राम्य विकास अभिकरण मानवेंद्र सिंह राणा ने की। बैठक में पंजाब नैशनल बैंक के सहायक महाप्रबंधक एसके बजाज, नाबार्ड के सहायक महाप्रबंधक जीपी प्रवीण, महाप्रबंधक जिला उद्योग केंद्र कौशल्या बंधु तथा भारतीय रिज़र्व बैंक के सहायक प्रबंधक ने भी में भाग लिया।
अग्रणी जिला प्रबंधक निहाल शर्मा ने सदन को अवगत कराया कि वित्तीय वर्ष 2012-13 की वार्षिक ऋण योजना के दिसंबर 2012 तक के त्रैमासिक ऋण वितरण के लक्ष्य 971.91 करोड़ के सापेक्ष जनपद देहरादून में कार्यरत सभी बैंकों ने 928.60 करोड़ की प्राप्ति की है, जो लक्ष्य का 95.54 प्रतिशत है। कृषि क्षेत्र में लक्ष्य 190.80 करोड़ के सापेक्ष 192.58 करोड़ (100.93 प्रतिशत) उद्योग क्षेत्र में लक्ष्य 320.64 करोड़ के सापेक्ष 220.75 करोड़ (68.85 प्रतिशत) एवं सेवा क्षेत्र में लक्ष्य 460.47 करोड़ के सापेक्ष 515.27 करोड़ (111.90 प्रतिशत) की प्राप्ति की गई है।
सदन ने बैंक वार त्रैमासिक ऋण योजना के लक्ष्यों के सापेक्ष प्राप्ति की समीक्षा की। जनपद का ऋण जमा अनुपात का विश्लेषण करते हुए परियोजना निदेशक ने कहा कि हालांकि जिले का अनुपात गत वर्ष की तुलना में बढ़ा है, परंतु अभी भी यह मानक से काफी कम है। पंजाब नैशनल बैंक के सहायक महाप्रबंधक एसके बजाज ने कहा कि जिले में कई ऐसी औद्योगिक इकाइयां हैं, जो राज्य के बाहर अन्यत्र जगहों जैसे दिल्ली, मुंबई आदि जगहों से वित्त पोषित हैं। उन्होंने कहा कि बैंक ऐसी इकाइयों के सीसी खातों को जिले में रीकलेक्ट करने का प्रयास करें, ताकि जिले के ऋण जमा अनुपात को सुधारा जा सके।
परियोजना निदेशक ने बैंकों तथा शासकीय विभागों को मिलकर कार्य करने की सलाह दी, ताकि जिले के समस्त लक्ष्यों की प्राप्ति हो सके। पंजाब नैशनल बैंक के सहायक महाप्रबंधक ने बैंकों से वित्तीय समावेशन के कार्य में गति बढ़ाने हेतु अपील की। उन्होंने सदन को अवगत कराया कि जिले हेतु एससीए का चयन प्रमुख सचिव (सूजना एवं प्रौद्योगिकी) स्तर पर होने के बाद इस दिशा में कार्य गति पकड़ लेगा।
नाबार्ड के सहायक महाप्रबंधक ने कहा कि आरएसटी एवं एफएलसीसी ज्यादा से ज्यादा लोगों को प्रशिक्षण दें, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग स्वरोज़गार हेतु प्रेरित हों। इस मौके पर मिनी डेरी योजना द्वितीय, जो कि हाल ही में लागू की गई है, के बारे में सदन को जानकारी दी गई, जिससे दुग्ध समितियों को और सशक्त किया जा सके। बैठक में जिले के विभिन्न बैंकों के अधिकारियों, शासकीय विभागों के प्रमुखों, प्रतिनिधियों एवं विभिन्न पत्रकारों ने भाग लिया।