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Saturday 12 May 2018 01:04:08 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि आजादी के बाद भारत अंतरिक्ष और परमाणु ऊर्जा क्षेत्रों में प्रौद्योगिकी और ज्ञान उत्पादन में आगे बढ़ रहा है। नई दिल्ली में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि भारत ने संचार प्रौद्योगिकी, आईटी, फार्मास्युटिकल्स और जैव प्रौद्योगिकी में सर्वोत्तम श्रेणी की क्षमताओं का विस्तार किया है, जिसने वैश्विक स्तर पर हमारे देश के बारे में धारणाओं को बदल दिया है और हमारे लोगों तथा हमारी अर्थव्यवस्था दोनों की मदद की है। राष्ट्रपति ने कहा कि बीते साल हमने भारतीय क्षेत्रीय नौवहन उपग्रह प्रणाली-1एल का शुभारंभ करके महत्वपूर्ण उपलब्धियां हासिल की हैं और हम चंद्रमा के लिए चंद्रयान-2 मिशन की तैयारी भी कर रहे हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि हमारे नवाचार और प्रौद्योगिकी के प्रयासों में गुणवत्ता गैर विचारणीय है। उन्होंने कहा कि एक समय था, जब हम जुगाड़ से मितव्ययी और कम लागत वाले आविष्कार करते थे, प्रौद्योगिकी के प्रति हमारा लघु वृद्धि के आधार पर परिवर्तन या कट एंड पेस्ट दृष्टिकोण था, लेकिन अब हमें इस धारणा को दूर करने की कोशिश करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हम साहस के साथ जोखिम लेने की क्षमता और सरलता के साथ आगे बढ़ रहे हैं, हमारी प्रौद्योगिकी कल्पना और नवाचार के बीच उत्पादों और प्रक्रियाओं से परे इनक्यूबेटर के बीच नई ऊर्जा है। राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार ने रोबोटिक्स, कृत्रिम बुद्धि, डिज़िटल निर्माण, बिग डेटा एनालिटिक्स, क्वांटम संचार और इंटरनेट में युवा तकनीशियनों को प्रशिक्षित करने के लिए उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव दिया है।
रामनाथ कोविंद ने कहा कि भारत सरकार स्वच्छ ऊर्जा विकल्पों के लिए सफल प्रौद्योगिकी समाधानों और जल उपलब्धता की चुनौती को पूरा करने के लिए प्रतिपादन और परिनियोजन कर रही है, ये 21वीं सदी की चुनौतियां हैं और 21वीं सदी में ही इनके समाधान की आवश्यकता है। राष्ट्रपति ने कहा कि प्रौद्योगिकी नियति है, लेकिन प्रौद्योगिकी में भी समानता होनी चाहिए, इसका लाभ सभी को मिलना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि वित्त और संसाधन सभी तक्नीशियनों को उपलब्ध होने चाहिएं, जो उद्यमिता शुरू करना चाहते हैं और प्रयोगशाला से माइग्रेट कर दुकान तक पहुंचे। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी उत्पादन और प्रौद्योगिकी साझाकरण में लैंगिक समानता जुड़ी हों। राष्ट्रपति ने कहा कि नवाचार अंतरिक्ष और प्रौद्योगिकी में हमें देश की युवा महिलाओं की अधिक आवश्यकता है और जो पहले से काम कर रहे हैं, वे एक उत्कृष्ट काम कर रहे हैं, लेकिन उनकी संख्या में सुधार करने की जरूरत है।