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प्रभु ने किया मस्कट आईपी नानी का शुभारंभ

राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा अधिकार कानून पर सम्मेलन

बौद्धिक संपदा अधिकार की सुरक्षा जरूरी-सुरेश प्रभु

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 17 May 2018 02:11:46 PM

launch of muscat ip nani, insignia of national property

नई दिल्ली। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय के औद्योगिक नीति एवं संवर्धन विभाग के अंतर्गत आईपीआर संवर्धन तथा प्रबंधन प्रकोष्ठ राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा कानून के दो वर्ष पूरे होने पर दिल्ली में हुए सम्मेलन में राष्ट्रीय संपदा के प्रतीक चिन्ह मस्कट आईपी नानी का शुभारंभ किया। सुरेश प्रभु ने इस अवसर पर कहा कि ज्ञान आधारित समाज के निर्माण के लिए बौद्धिक संपदा अधिकार की सुरक्षा महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि बौद्धिक संपदा अधिकार की सुरक्षा के लिए केवल कानूनी प्रावधान ही प्रयाप्त नहीं हैं, बल्कि इन्हें सख्ती से लागू किया जाना चाहिए। सुरेश प्रभु ने कहा कि पायरेसी यानी समुद्री डकैती एक गंभीर अपराध है और इस अपराध के लिए अपराधी को जरूर दंडित किया जाना चाहिए।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री सुरेश प्रभु ने कहा कि बौद्धिक संपदा अधिकार के चोरी किए जाने के संदर्भ में जागरुकता फैलानी चाहिए और इस प्रयास में समाज की हिस्सेदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए। सुरेश प्रभु ने समारोह में एंटी पायरेसी वीडियो भी लांच किया, जिसमें भारतीय सिनेजगत के सुपरस्टार अभिनेता अमिताभ बच्चन ने भूमिका निभाई है। सुरेश प्रभु ने राष्ट्रीय संपदा के प्रतीक चिन्ह के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि मस्कट आईपी नानी तकनीक को समझने और उपयोग करने वाली एक नानी है, जो अपने पोते ‘छोटू’-आदित्य की सहायता से आईपी अपराधों से लड़ने में सरकार और एजेंसियों की मदद करती है। उन्होंने कहा कि यह आईपी मस्कट सुरूचिपूर्ण ढंग से लोगों विशेषकर बच्चों में बौद्धिक संपदा अधिकार के प्रति जागरुकता फैलाएगा। गौरतलब है कि राष्ट्रीय बौद्धिक संपदा कानून को भारत सरकार ने मई 2016 में स्वीकार किया था।
केंद्रीय कैबिनेट ने 12 मई 2016 को राष्ट्रीय आईपीआर नीति को मंजूरी दी थी। सामाजिक और आर्थिक प्रगति के लिए आईपीआर महत्वपूर्ण होता जा रहा है। इस नीति का एक प्रमुख उद्देश्य भारत में बौद्धिक संपदा के संदर्भ में जागरुकता फैलाने के लिए गणमान्य व्यक्तियों की सेवाएं लेना है। राष्ट्रीय आईपीआर नीति एक विजन दस्तावेज है, जिसका उद्देश्य सभी प्रकार की बौद्धिक संपदाएं, संबंधित कानूनों तथा एजेंसियों के मध्य सहभागिता एवं समन्वय स्थापित करना है। यह कार्यांवयन, निगरानी एवं समीक्षा के लिए एक संस्थागत तंत्र का निर्माण करने के साथ ही भारतीय परिदृश्य में वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं को शामिल करने तथा अनुकूल बनाने का प्रयास भी करती है। यह इस तथ्य को रेखांकित करता है कि एक मजबूत आईपी प्रणाली नवोन्मेषी और रचनात्मक महिलाओं को समर्थन प्रदान करती है। आईपी नानी पर आधारित वीडियो सीआईपीएएम के यूट्यूब चैनल यानी सीआईपीएएम इंडिया, ट्वीटर हैंडल और फेसबुक पेज पर उपलब्ध हैं।

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