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मुसलमानों का राजनीतिक शोषण कर रहे मुलायम

मुस्लिम वोटों के लिए आतंकवादियों की पैरवी-भाजपा

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Monday 04 March 2013 05:48:40 AM

लखनऊ। भारतीय जनता पार्टी ने समाजवादी पार्टी को आगाह किया है कि वह वोट बैंक के लालच में राज्य की आतंकवादी घटनाओं के आरोपियों की पैरोकारी करना बंद करे। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ लक्ष्मीकांत बाजपेयी ने शनिवार को समाजवादी पार्टी के अल्पसंख्यक जागरूकता सम्मेलन में सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के बयान पर कड़ा ऐतराज जताते हुए कहा कि जब मामला अदालत में विचाराधीन है, तब आतंकी घटनाओं के आरोपियों को क्लीन चीट देते हुए बार-बार निर्दोष बताकर समाजवादी पार्टी उत्तर प्रदेश में आतंकियों की नई पौध को बढ़ाने की कोशिश न करे।
डॉ बाजपेयी ने कहा की मुलायम सिंह यादव के बयानो से साबित होता है कि सपा की एकमात्र प्राथमिकता अल्पसंख्यक है, राज्य की बहुसंख्यक जनता के हितों से उसका कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा आज़ादी के बाद कांग्रेस ने मुसलमानों को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया, अब सपा प्रमुख भी मुसलमानों को वोट बैंक मानकर उनका राजनीतिक शोषण कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सच्चर कमेटी संविधान की मूल भावना के विपरीत है। अंग्रेजों के समय कम्युनल अवार्ड की तर्ज पर वर्तमान संप्रग सरकार ने जो समाज के अंदर मजहबी भेदभाव बोया है, उसमें से एक सच्चर कमेटी भी है। इसकी रिर्पोट को लागू करने की किसी भी कोशिश का भाजपा पुरजोर विरोध करेगी।
डॉ बाजपेयी ने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुसलमानों को अपने उन रहनुमाओं के बारे में सोचना चाहिए, जो उनकी पीठ पर सवार होकर राजनीति के विक्रम बैताल बने बैठे हैं। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और बसपा ने सत्ता हासिल करने के लिए मुसलमानों को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया है, इन तीनों दलों का मुसलमानों के शैक्षिक, सामाजिक व आर्थिक विकास से कोई लेना-देना नहीं है। इस चाल को मुसलमानों को समझना चाहिए। प्रदेश भाजपाध्यक्ष ने कहा सपा प्रमुख के बयान से साबित होता है कि राज्य की सपा सरकार सिर्फ मुस्लिम तुष्टिकरण की नीति पर काम कर रही है और उसकी सारी योजनाएं अल्पसंख्यकों के लिए ही हैं। समाज का बाकी तबके की रोजी-रोटी, शिक्षा और स्वास्थ के लिए सपा सरकार के पास कोई योजना नहीं है।

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