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Wednesday 23 May 2018 01:14:18 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने बीएसएफ के अलंकरण समारोह को संबोधित करते हुए कहा है कि देश की रक्षा के लिए सुरक्षाबलों के बलिदान पर देश पर गर्व है। बीएसएफ जवानों के सर्वोच्च बलिदान की सराहना करते हुए उन्होंने कहा कि देश के लिए जीवन को न्यौछावर करने से बड़ा कोई बलिदान नहीं है। उन्होंने कहा कि राष्ट्र की एकता, संप्रभुता और अखंडता हमारे लिए सबसे महत्वपूर्ण है और इसके साथ कोई भी समझौता नहीं होगा। गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने समारोह में सीमा सुरक्षा बल के जवानों को वीरता और सराहनीय सेवाओं के लिए पुलिस पदक प्रदान किए, इनमें से चार को मरणोपरांत वीरता के लिए पुलिस पदक प्रदान किए गए।
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के लिए व्यक्तिगत आत्मसम्मान के साथ राष्ट्रीय आत्मसम्मान भी बहुत महत्वपूर्ण होता है। उन्होंने कहा कि जब कोई भी बाहरी ताकत हमारी सीमाओं पर शांति भंग करने की कोशिश करती है तो ऐसी स्थिति में राष्ट्रीय आत्मसम्मान से कोई भी समझौता नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि भारत एक ऐसा देश है, जिसने दुनिया को शांति का संदेश दिया है और हम हमेशा अपने पड़ोसी देशों के साथ शांति बनाए रखना चाहते हैं, लेकिन हमारा एक पड़ोसी ऐसा है, जो शांति में बाधा डालने की हरसंभव कोशिश करता रहता है। उन्होंने कहा कि हमारे सुरक्षाबलों की हमेशा यह कोशिश रहती है कि वो पहले गोली नहीं चलाएंगे, लेकिन यदि कोई हमला होता है तो वो जानते हैं कि बदला कैसे लिया जाता है।
गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि वह बीएसएफ को सुरक्षा की पहली पंक्ति के रूपमें नहीं, बल्कि हमारी सुरक्षा की पहली दीवार के रूपमें बुलाएंगे। सीमाओं का बचाव करने में बीएसएफ की भूमिका को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि अपनी सीमाओं की रक्षा करना हमारी ज़िम्मेदारी है, लेकिन जिम्मेदारियों की कोई सीमा नहीं है। उन्होंने सीमाओं पर तस्करी और नकली नोटों की रोकथाम के लिए बीएसएफ की सराहना की। गृहमंत्री ने बताया कि भारत सरकार सशस्त्र बलों में युद्ध दुर्घटनाओं की तर्ज पर अर्धसैनिक बलों को 'परिचालन दुर्घटना प्रमाण पत्र' देने पर विचार कर रही है, जिसका लाभ उन सीएपीएफ जवानों के परिवारों को मिलेगा, जो सीमावर्ती संघर्ष या आतंकवाद से मुकाबला करने के दौरान मारे जाते हैं। राजनाथ सिंह ने नागरिकों के लिए बीएसएफ के कार्यक्रमों की सराहना की। उन्होंने यह भी बताया कि सीएपीएफकर्मियों की शिकायतों का समाधान करने के लिए एक वेबपोर्टल शुरू किया गया है। बीएसएफ के महानिदेशक केके शर्मा भी अलंकरण समारोह में मौजूद थे। उन्होंने कहा कि बीएसएफ जवान राष्ट्र की सुरक्षा में सर्वोच्च बलिदान के लिए हरपल तैयार हैं। उन्होंने कहा कि बीएसएफ अपनी सामाजिक जिम्मेदारियों का भी निर्वहन कर रहा है।
गौरतलब है कि बीएसएफ भारत का एक प्रमुख अर्धसैनिक बल है और विश्व का सबसे बड़ा सीमा रक्षक बल है। इसका गठन 1 दिसम्बर 1965 में हुआ था। इसकी जिम्मेदारी देश में शांति कायम रखने के लिए देश की अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं पर निरंतर निगरानी रखना, सीमा की रक्षा और अंतर्राष्ट्रीय अपराध को रोकना है। सीमावर्ती इलाकों में रहने वाले लोगों में सुरक्षा बोध को विकसित करने की जिम्मेदारी भी बीएसएफ को दी गई है। इसके अलावा सीमा पर होने वाले अपराधों जैसे तस्करी, घुसपैठ और कई तरह की अवैध गतिविधियों को रोकने की जवाबदेही भी इस पर है। समारोह के दौरान 'बियॉन्ड द कॉल ऑफ ड्यूटी' नाम की एक वृतचित्र फिल्म को भी प्रदर्शित किया गया, जिसमें बीएसएफ जवानों और उनके परिवारों के लिए किए गए कल्याणकारी कार्यों को दर्शाया गया है। समारोह में गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने चार पुस्तकों का विमोचन करने के साथ ही एक डाक टिकट भी जारी किया। समारोह में आईबी के निदेशक राजीव जैन, बीएसएफ के पूर्व महानिदेशक, बीएसएफ एवं गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।