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Wednesday 23 May 2018 02:27:52 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी ने विश्व वन्यजीव कोष की ‘गंगा और इसकी जैव विविधता आवास एवं प्रजाति संरक्षण के लिए रोडमैप विकास’ थीम पर एक दिवसीय कार्यशाला में गंगा नदी में ‘चयनित जलीय प्रजातियों की संरक्षण स्थिति’ पर एक रिपोर्ट जारी की। उन्होंने भारतीय वन्यजीव संस्थान का स्वप्रेरित गंगा प्रहरियों का एक डेटाबेस भी जारी किया। नितिन गडकरी ने इस अवसर पर एकीकृत दृष्टिकोण और विकास एवं पारिस्थितिकी में सामंजस्य के जरिए गंगा नदी की सफाई करने की चुनौती को स्वीकार करने की जरूरत पर जोर दिया।
गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी ने बांस से कागज बनाने जैसे सफल उदाहरण की चर्चा करते हुए कहा कि ऐसी गतिविधियों से गंगा तट के इलाकों में न सिर्फ रोज़गार का सृजन होगा, बल्कि ये गंगा नदी की जैव विविधता के संरक्षण को सुनिश्चित करने के लिए स्थानीय समुदायों को प्रोत्साहित करने भी मददगार साबित होंगी, इन्हीं में से कुछ गंगा प्रहरी और गंगा मित्र के रूपमें स्वच्छ गंगा मिशन के साथ जुड़े हुए हैं। नितिन गडकरी ने कहा कि हम लोग नदी तटों पर वृक्षारोपण, नौका विहार, मुक्तिधाम एवं घाटों के निर्माण जैसी गतिविधियों को बढ़ावा दे रहे हैं, जिससे रोज़गार सृजन के अवसर बढ़ें और गंगा की सफाई को लेकर स्थानीय लोगों में जनभागीदारी को भी बढ़ावा मिले।
जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्रालय में सचिव यूपी सिंह भी कार्यशाला में मौजूद थे। उन्होंने कहा कि गंगा में अब भी लगभग दो हजार जलीय प्रजातियां हैं और जनभागीदारी की मदद से गंगा की जैव विविधता को फिर से पाने का कठिन कार्य पूरा किया जा सकेगा। उन्होंने यह भी कहा कि गंगा नदी की अविरलता और निर्मलता अहम है और सरकार इन दोनों लक्ष्यों को पाने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने ‘गंगा जैव विविधता-एक नज़र’ पर एक प्रकाशन जारी किया, जिसमें जलीय प्रजातियों का पूर्ण विवरण है। स्वच्छ गंगा के राष्ट्रीय मिशन के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा ने स्वैच्छिक मदद के लिए गंगा प्रहरियों और गंगा मित्रों को धन्यवाद देते हुए उम्मीद जताई है कि इनकी अभी करीब चार सौ की संख्या है, जो जल्द ही बढ़कर हजारों और लाखों में होगी और स्वच्छ गंगा मिशन एक जनआंदोलन बन जाएगा।
स्वच्छ गंगा के राष्ट्रीय मिशन के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा ने कहा कि कार्यशाला में विशेषज्ञों से बातचीत के दौरान जो भी बहुमूल्य सुझाव और सिफारिशें सामने आई हैं, वो स्वच्छ गंगा के लिए नीतियां बनाने में काफी मददगार साबित होंगी। भारतीय वन्यजीव संस्थान और एनएमसीजी ने स्वप्रेरित स्वयंसेवकों के कैडर गंगा प्रहरियों को प्रशिक्षित किया है और उन्हें स्वच्छ गंगा मिशन को एक जनआंदोलन बनाने के काम में लगा दिया है। इस परियोजना में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल के गंगा बेसिन में अब तक 427 गंगा प्रहरी लगाए गए हैं। चयनित जलीय प्रजातियों की संरक्षण रिपोर्ट गंगा नदी के चयनित प्रजातियों की स्थिति और इस बारे में उपलब्ध साहित्य एवं नदी की जैव विविधता के आकलन से तैयार आंकड़ों से मिली जानकारियों का समन्वय पेश करती है।