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Friday 25 May 2018 03:42:48 PM
आइजॉल। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा है कि शिक्षा का उद्देश्य सिर्फ नवीन ज्ञान प्रदान करना नहीं है, बल्कि छात्रों को ऐसे कौशल से पारंगत करना है, जिससे कि वे अपने चुने हुए क्षेत्र में सफलता प्राप्त कर सकें। उन्होंने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य मनुष्य का समग्र विकास होना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने ये बातें आइजॉल में मिजोरम विश्वविद्यालय में छात्रों और शोधकर्ताओं के लिए छात्रावास के शिलान्यास और अकादमिक एवं संगोष्ठी केंद्र के उद्घाटन समारोह में कहीं।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि बेहतर आधारभूत ढांचा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए बेहतर स्थितियों का निर्माण करता है और मजबूत ढांचे का निर्माण करना किसी भी शैक्षणिक संस्थान के लिए सबसे महत्वपूर्ण है, इससे शैक्षणिक संस्थान की गुणवत्ता में भी सुधार होता है। मिजोरम विश्वविद्यालय एक केंद्रीय विश्वविद्यालय है। मिजोरम में साक्षरता दर सबसे अधिक 9.33 प्रतिशत है। उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि मिजोरम विश्वविद्यालय के परिसर में मौजूद बेहतर ढांचे और अच्छे वातावरण से यहां के छात्रों को अपनी अकादमिक महत्वाकांक्षाओं और सपनों को साकार करने में मदद मिलेगी।
वेंकैया नायडू ने कहा कि छात्रों को इस तरह तैयार किया जाना चाहिए कि वे भविष्य की चुनौतियों से निपटने के लिए हरपल तैयार रह सकें। उन्होंने कहा कि समाज में शिक्षकों की भूमिका किसी वैज्ञानिक, कलाकार और रचनाकार से कम नहीं है, शिक्षा की रौशनी से समाज व दुनिया को बेहतर बनाने में उनका बहुत महत्वपूर्ण योगदान माना जाता है। उपराष्ट्रपति ने छात्रों को सलाह देते हुए कहा कि वे स्वयं को नौकरी ढूंढने वाला नहीं, बल्कि वे स्वयं उद्यमी बनकर नौकरी प्रदाता बनें। उन्होंने कहा कि छात्रों के समक्ष कैरियर के कई विकल्प हैं, लेकिन उन्हें उसी क्षेत्र का चुनाव करना चाहिए, जिसके प्रति उनका ज्यादा लगाव हो। उन्होंने कहा शिक्षा, सशक्तिकरण ज्ञानोदय और सक्षम बनाने के लिए है। इस अवसर पर मिजोरम के राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल निर्भय शर्मा, मिजोरम के मुख्यमंत्री लाल थनहवला, छात्र-छात्राएं और गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे।