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Monday 28 May 2018 05:36:24 PM
देहरादून। पांच वर्ष के संघर्ष के पश्चात आखिरकार घर की चौखट पर लगे एक निष्क्रिय ट्रांसफार्मर के खंबों को हटा लिया गया, इस काम के लिए भी मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से गुहार लगानी पड़ी तब फिर बिजली विभाग में ट्रांसफार्मर के इन खंबों को हटाने की कार्रवाई हुई। पांच साल से बिजली विभाग की इस दुर्व्यवस्था से पीड़ित तृप्ति थापा ने बताया कि यह तत्कालीन सरकार के एक नेता का जनता के खिलाफ पाप था, जो उसने अपनी दबंगई में जनता के खिलाफ कराया था और बिजली विभाग के तत्कालीन अधिकारी इस कृत्य में शर्मनाक रूपसे संलिप्त थे।
तृप्ति थापा ने कहा कि सभी जानते हैं कि राजपुर रोड क्षेत्र एक रिहायशी और व्यस्त इलाका है, जहां लो वोल्टेज के कारण बिजली विभाग को ट्रांसफार्मर लगाना था, लेकिन इस हेतु बिजली विभाग को स्थान नहीं मिल रहा था। उन्होंने बताया कि तत्कालीन सरकार के एक नेता ने बिजली विभाग से मिलकर उनके 53 बी राजपुर रोड स्थित घर की चौखट तक आनन-फानन में 11 केवी के 8 खंबों की विद्युत लाइन खिंचवा दी। इस प्रकार से किसी के घर की चौखट के सामने विद्युत लाइन खींच देने का स्थानीय जनता ने विरोध किया, लेकिन बिजली विभाग ने किसी की भी एक नहीं सुनी। बिजली विभाग की इस कार्रवाई से क्षेत्र की जनता यथावत आक्रोशित थी।
तृप्ति थापा ने बताया कि इस विरोध का एक कारण यह भी था कि इस भीड़-भाड़ वाली संकरी सड़क पर ट्रांसफार्मर लगाना किसी के लिए भी जानलेवा बना हुआ था, इसके पास ही छोटे बच्चों की स्कूल की क्लासेज़ चलती हैं और साथ ही बड़ी संख्या में यहां महिलाएं सिलाई सीखती हैं। उनका कहना है कि यह काम स्थानीय जनता की भावनाओं को दरकिनार करते हुए कराया था। पांच वर्ष यह संघर्ष चला। यह मामला मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के संज्ञान में लाया गया। उन्होंने निष्क्रिय ट्रांस्फार्मर के खम्बों की समस्या का समाधान करने के निर्देश दिए और बिजली विभाग को खंबे हटाने की कार्रवाई करनी पड़ी, जिससे क्षेत्रीय जनता को बिजली दुर्घटना के जोखिम से राहत मिल सकी है।