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Monday 28 May 2018 06:23:02 PM
जोधपुर। एक चिट्ठी से मशहूर ग़ज़ल गायक पंकज उधास को मिली शोहरत के लिए डाक विभाग ने उनका शानदार सम्मान किया है। इस चिट्ठी ने उस समय न केवल पंकज उधास को लोगों के दिलों में उतार दिया था, अपितु भारतीय डाक विभाग की दूरदराज के कठिन इलाकों तक भारतीय डाक वितरण सेवा का हौसला बुलंद किया था। 'चिट्ठी आई है वतन से चिट्ठी आई है' इस प्रसिद्ध गीत के गायक और मशहूर ग़ज़ल गायक पंकज उधास को राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएं कृष्ण कुमार यादव ने उन्हें 'माई स्टैम्प' भेंटकर सम्मानित किया।
पंकज उधास 1982 के बाद पहली बार जोधपुर आए, जहां डाक विभाग ने 12 डाक टिकटों के इस माई स्टैम्प पर राजस्थान के हवा महल के साथ पंकज उधास की तस्वीर लगाई गई है। जिस चिट्ठी ने पंकज उधास को एक पहचान दी, उसी चिट्ठी वाले डाक विभाग का अपने ऊपर पर्सनलाइज्ड डाक टिकट पाकर पंकज उधास काफी हर्षित हुए और भारतीय डाक विभाग का हृदय से आभार व्यक्त किया। उल्लेखनीय है कि भारतीय डाक विभाग ने इन वर्षों में देश की जनता के बीच अपने पेशेवर कर्तव्यों के साथ कुछ ऐसे विलक्षण और अनुकरणीय कार्य किए हैं, जिनकी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक ने प्रमुख अवसरों पर सराहना की है।
भारतीय डाक विभाग आज भारतीय जनता की नए दौर की जनता के साथ खड़ा है और उसने अपने को विभिन्न सेवाओं के साथ जनता से जोड़ा है और जनता भी उससे सहर्ष रूपसे जुड़ी है। वह एक कार्पोरेट की तरह कई क्षेत्रों में अपनी दस्तक दे रहा है और उसने अपने को जनता के बीच पहले से ज्यादा लोकप्रिय बनाया है। पंकज उधास 1982 के बाद पहली बार जोधपुर आए। उन्होंने चिट्ठियों के बदलते चलन पर कहा कि आज हम सब ई-मेल के जमाने में जी रहे हैं पर चिट्ठियों का अपना एक अलग अंदाज़ है, एक अपना रंग है। इस कार्यक्रम का यह भी एक संयोग है कि पंकज उधास एक शानदार गायक हैं तो डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव भी एक जानेमाने साहित्यकार और लेखक हैं, जिन्होंने पंकज उधास का चिट्ठी को लोकप्रिय बनाने के लिए भारतीय डाक विभाग की ओर से आभार व्यक्त किया और पंकज उधास भी इस सम्मान से उतने ही प्रफुल्लित हुए।