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Tuesday 29 May 2018 05:16:05 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के मुद्रा योजना के लाभार्थियों के साथ वीडियो कॉंफ्रेंस के माध्यम से संवाद किया। सरकारी योजनाओं के विभिन्न लाभार्थियों से प्रधानमंत्री की वीडियो कॉंफ्रेंस का यह दूसरा संवाद कार्यक्रम था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाभार्थियों से बातचीत करते हुए मुद्रा योजना को रोज़गार सृजन वाली योजना बताया। उन्होंने कहा कि इस पहल ने उद्यमियों को साहुकारों और बिचौलियों के कुचक्र से बचाने में सहायता प्रदान की है। उन्होंने कहा कि इस योजना ने नया व्यापार आरंभ करने अथवा बढ़ाने की इच्छा रखने वालों युवाओं और महिलाओं को एक सुअवसर प्रदान किया हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुद्रा योजना के लाभार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार ने अब तक 5.75 लाख करोड़ की राशि के 12 करोड़ रुपये के ऋण प्रदान किए हैं, इसमें से 3.25 लाख करोड़ रुपये के ऋण 28 प्रतिशत पहलीबार इस योजना का लाभ उठाने वाले उद्यमियों को प्रदान किए गए। कुल लाभार्थियों में 74 प्रतिशत महिलाओं और 55 प्रतिशत ऋण अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्ग के लाभार्थियों को प्रदान किए गए। नरेंद्र मोदी ने कहा कि मुद्रा योजना ने लघु और सूक्ष्म व्यापार को बढ़ावा देते हुए ग़रीबों के जीवन में निरंतर सुखद परिवर्तन किया है, इसने लोगों को आर्थिक और सामाजिक रूपसे सशक्त किया है एवं सफलता के लिए एक मंच प्रदान किया है।
स्वरोज़गार सृजन का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि स्वरोज़गार आज एक गर्व का विषय है और इसने लोगों को उन लक्ष्यों को प्राप्त करने में सहायता की है, जिन्हें पहले असंभव माना जाता था। संवाद के दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि यदि मुद्रा योजना कुछ वर्ष पहले कार्यांवित की गई होती तो इससे लाखों लोगों को अपना व्यापार स्थापित करने में मदद मिलती और इससे बड़े स्तर पर पलायन को भी रोका जा सकता था। प्रधानमंत्री से संवाद करते हुए लाभार्थियों ने मुद्रा योजना से व्यापार स्थापित करने और दूसरो के लिए रोज़गार सृजन करने में सहायता के संबध में बताया। प्रधानमंत्री मुद्रा योजना का शुभारंभ प्रधानमंत्री ने 8 अप्रैल 2015 को किया था। योजना के अंतर्गत गैर व्यवसायी, गैर कृषि और छोटे व्यापारियों को 10 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान किया जाता है। ये सभी ऋण पीएमएमवाई के अंतर्गत मुद्रा ऋण के नाम से वर्गीकृत किए गए हैं। ये ऋण व्यवसायिक बैंकों, आरआरबी के लघु वित्त बैंकों, सहकारिता बैंकों, एमएफआई और एनबीएफसी के द्वारा प्रदान किए गए हैं।