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Thursday 31 May 2018 12:58:46 PM
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू की दिल्ली पब्लिक स्कूल के छात्र-छात्राओं से खूब प्रेरणाप्रद और दार्शनिक बातचीत हुई। उपराष्ट्रपति ने छात्र-छात्राओं से कहा कि लोगों के जीवन में सुधार न ला सके ऐसा वैज्ञानिक अनुसंधान किसी काम का नहीं है। उपराष्ट्रपति ने दिल्ली पब्लिक स्कूल आरके पुरम शाखा के एशियाई क्षेत्रीय अंतरिक्ष सेटलमेंट डिजाइन प्रतियोगिता 2018 के विजेता छात्रों के साथ बातचीत में यह बात कही। उपराष्ट्रपति ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी का अंतिम लक्ष्य मानवीय जीवन को बेहतर बनाना है। उन्होंने छात्रों के अंतरिक्ष सेटलमेंट की डिजाइन तैयार करने में कठिन परिश्रम और समर्पण की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह असाधारण उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि समाज से सामाजिक भेदभाव और क्रूरता को मिटाना चाहिए।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने छात्रों को सुझाव दिया कि वे इस अवसर का लाभ उठाएं और नए अनुभव का उपयोग भविष्य में व्यावहारिक कार्यों के लिए करें। उन्होंने कहा कि इस यात्रा से उनको अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के बारे में और ज्ञान प्राप्त होगा। ये छात्र नासा अमेरीका में होने वाली वर्ल्ड फाइनल प्रतियोगिता में भाग लेंगे। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों के बारे में बताते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत प्रमुख अंतरिक्ष अनुसंधान राष्ट्रों में से एक है और हमें अपने भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन यानी इसरो पर गर्व है। इसरो अब सार्क देशों सहित अन्य राष्ट्रों के लिए सेटेलाइट बना रहा है। उन्होंने भारत के इतिहास और उसकी महान परम्पराओं की भी चर्चा की और कहा कि भारत का मूल दर्शन साझा और देखरेख करना है।