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Thursday 31 May 2018 06:02:08 PM
लखनऊ। राज्यपाल राम नाईक ने हिंदी पत्रकारिता दिवस पर उत्तर प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित को स्मृति चिन्ह व अंग वस्त्र देकर ‘बाबूराव विष्णु पराड़कर पत्रकारिता शिखर सम्मान’ से सम्मानित किया। हिंदी संस्था रंग भारती और अखिल भारतीय हिंदी पत्रकार संघ ने हिंदी संस्थान के यशपाल सभागार में एक कार्यक्रम का आयोजन किया था, जिसका राज्यपाल राम नाईक ने दीप प्रज्जवलित कर उद्घाटन किया। रंग भारती के अध्यक्ष श्याम कुमार ने इस दौरान राज्यपाल को इलाहाबाद का नाम पूर्व के भांति प्रयागराज करने का एक ज्ञापन भी सौंपा। राज्यपाल राम नाईक ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि पत्रकारों का देश के नवनिर्माण में सराहनीय योगदान है।
राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि पत्रकारिता में स्पर्धा होना स्वाभाविक है, किंतु यह देखा जाता है कि एक समाचार पत्र में दूसरे समाचार पत्र के कार्यक्रम की ख़बरों का समावेश नहीं किया जाता है और न ही ऐसे समाचार पत्र एक-दूसरे की ख़बर छापते हैं। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता में इस तरह की अस्पृश्यता न हो इस पर पत्रकारिता जगत से जुड़े लोग विचार करें। राम नाईक ने कहा कि विधायिका, कार्यपालिका एवं न्यायपालिका के बाद पत्रकारिता को चौथे स्तम्भ की मान्यता दी जाती है और पत्रकारिता के महान आदर्श और उसकी विशेषता को ध्यान में रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि सकारात्मक पत्रकारिता समय की मांग है, अच्छी बात सामने आती हैं तो आदर्श का निर्माण होता है, किंतु इसका यह मतलब नहीं कि सामाजिक बुराईयों को सामने न लाया जाए। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता का पहला और अंतिम लक्ष्य समाज का हित साधना होना चाहिए।
राम नाईक ने कहा कि बाबूराव पराड़कर हिंदी पत्रकारिता के क्षेत्र में एक जाना-पहचाना नाम हैं, जबकि वे स्वयं मराठी भाषी थे, इससे यह पता चलता है कि हिंदी भाषा पर सभी का समान अधिकार है। उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित एक गम्भीर लेखक और जाने-माने पत्रकार हैं, जिनके लेख समाज को दिशा देते हैं। उन्होंने कहा कि रंग भारती संस्था के अध्यक्ष श्याम कुमार ने हृदयनारायण दीक्षित को सम्मानित करने का निर्णय लिया, जिसके लिए वह बधाई के पात्र हैं। उन्होंने कहा कि इस सम्मान से नई पीढ़ी को प्रेरणा मिलेगी। विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने कहा कि पत्रकारिता में राष्ट्रीय भाव के संवर्धन का प्रयास होना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे देश की पत्रकारिता की सोच और आदर्श विदेश की पत्रकारिता से श्रेष्ठ है एवं पत्रकारिता का सम्मान इसलिए होता है, क्योंकि उसका उद्देश्य सूचना के साथ ज्ञान देना भी है। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के बाद पत्रकारिता में भी बदलाव आया है।
विधानसभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने कहा कि समाज को सुचालक बनाए रखने के भाव की आवश्यकता है, पत्रकारिता के माध्यम से भविष्य का भारत गड़ने में सहयोग करें। उत्तर प्रदेश सरकार में महिला कल्याण एवं पर्यटन मंत्री डॉ रीता बहुगुणा जोशी ने कहा कि पत्रकारिता का आजादी में जो योगदान है, वह अविस्मरणीय है। उन्होंने कहा कि पत्रकारिता केवल रोजी-रोटी नहीं, बल्कि प्रतिभा को प्रदर्शित करने का साधन भी है। उन्होंने कहा कि जो आज पवित्रता से लिखा जाएगा, वही कल का इतिहास बनेगा। उत्तर प्रदेश सरकार में विधायी एवं न्यायमंत्री बृजेश पाठक ने कहा कि नारदजी ने संवाददाता के रूपमें अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि पत्रकार जीवनभर संघर्ष करते हैं और सरकार भी पत्रकारों के प्रति संवेदनशील है। कार्यक्रम में अखिल भारतीय हिंदी पत्रकार संघ के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ पत्रकार श्याम कुमार ने स्वागत उद्बोधन दिया एवं धन्यवाद ज्ञापित किया।