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Friday 1 June 2018 01:33:20 PM
नई दिल्ली। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने कहा है कि सदन को सुचारु रूपसे चलने के लिए मैंने राज्यसभा की प्रक्रियाओं से संबंधित नियमों और कार्यवाहियों की समीक्षा के लिए एक समिति का गठन किया था, जो अगले महीने अपनी अंतरिम रिपोर्ट सौंपेगी। उपराष्ट्रपति ने यह जानकारी राज्यसभा सदस्य अभिषेक मनु सिंघवी की पुस्तक ‘स्ट्रेट टॉक’ के विमोचन कार्यक्रम में दी। अभिषेक मनु सिंघवी ने पुस्तक में सुझाव दिया है कि सदन में व्यवधान होने की स्थिति में सदस्यों के भत्ते प्रतिदिन प्रति घंटे के हिसाब से स्वत: रद्द होने चाहिएं। उपराष्ट्रपति ने आशा व्यक्त करते हुए कहा कि समिति को इस सुझाव पर विचार करना चाहिए।
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा कि हमें इस बात पर गहन चिंतन करना चाहिए कि क्या सदन में पारित कानून आम लोगों को सही संदेश दे रहे हैं, क्योंकि जनता को सदन में पारित कानूनों से बहुत आशाएं होती हैं। उन्होंने कहा कि सदन में प्रस्तुत विधेयकों के संदर्भ में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच बढ़ती दूरी जनता के विश्वास को प्रेरित नहीं करती। वेंकैया नायडू ने कहा कि भारतीय संसदीय लोकतंत्र में राजनैतिक दलों को महत्वपूर्ण भूमिका निभानी पड़ती है। उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक गतिविधियों का एकमात्र उद्देश्य राजनीति ही नहीं होनी चाहिए, बल्कि इन्हें नए और बेहतर भारत के निर्माण के लिए आवश्यक, परिवर्तनों का माध्यम भी बनना चाहिए।
वेंकैया नायडू ने ‘कम विभेद और अधिक तालमेल’ पर आधारित नए राजनीतिक दृष्टिकोण को अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि संसद और विधानसभाओं में अर्थपूर्ण बहस होनी चाहिए। उपराष्ट्रपति ने कहा कि सत्ता पक्ष और विपक्ष को विशिष्ट उत्तरदायित्व निभाने होते हैं, सरकार विधेयक प्रस्तुत करती है और विपक्ष को इसकी कड़ी एवं अर्थपूर्ण आलोचना करनी चाहिए। पुस्तक विमोचन कार्यक्रम में यूपीए सरकार के समय भारत के प्रधानमंत्री रहे डॉ मनमोहन सिंह और गणमान्य नागरिक भी उपस्थित थे।