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Saturday 2 June 2018 12:58:27 PM
नई दिल्ली। मुखबिरी अब आपको दौलतमंद बना सकती है। यद्यपि मुखबिरी एक जान जोखिमभरा पेशा है, जिसमें दोनों ही ओर से न केवल जीवन से हाथ धोने का खतरा है, अपितु इसे समाज में सम्मान हासिल नहीं है और लोग उससे सतर्क रहते हैं, लेकिन सरकार की नज़र में इसे मान्यता है और मुखबिरी के लिए सरकार में बाकायदा बड़े फंड का प्रबंध है। अभीतक पुलिस की मुखबिरी ही विख्यात थी, अब भारत के आयकर विभाग ने भी घोषिततौर पर मुखबिर की सेवा लेनी शुरू कर दी है। आयकर विभाग ने मुखबिरी पुरस्कार योजना शुरू की है, जिसमें सही सूचना देने वाले व्यक्ति रातोंरात दौलतमंद हो सकता है। यह अधिकृत सूचना है कि भारत में आय और परिसंपत्तियों पर कर चोरी के बारे में आयकर विभाग में जांच निदेशालय के निर्दिष्ट अधिकारियों को तय प्रक्रिया के अंतर्गत विशेष सूचना देने वाला व्यक्ति 50 लाख रुपये से लेकर एक करोड़ रुपये तक की पुरस्कार राशि प्राप्त कर सकता है।
भारत सरकार के आयकर विभाग ने कालेधन का पता लगाने और कर चोरी में कमी लाने में लोगों की भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से यह नई पुरस्कार योजना ‘आयकर मुखबिर पुरस्कार योजना 2018’ शुरू की है। इस योजना ने 2007 में जारी पुरस्कार योजना का स्थान लिया है। भारत सरकार ने इससे पहले अघोषित विदेशी आय और परिसंपत्तियां एवं करारोपण अधिनियम 2015 लागू किया था, ताकि भारत में कर योग्य लोगों द्वारा विदेशों में रखी गई आय और परिसंपत्तियों की जांचकर इनपर करों की वसूली की जा सके तथा दंड और मुकद्मे जैसे कदम उठाए जा सकें। भारत सरकार के आयकर विभाग ने कालाधन और करारोपण अधिनियम 2015 के अंतर्गत कार्रवाई के योग्य ऐसी आय और परिसंपत्तियों के बारे में सूचना देने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से नई पुरस्कार योजना में 5 करोड़ रुपये तक का पुरस्कार शामिल किया है।
आयकर विभाग ने यह पुरस्कार राशि अधिक रखी है, ताकि विदेशों के संभावित स्रोत आकर्षित हो सकें। इस योजना के अंतर्गत कालाधन और करारोपण अधिनियम 2015 के तहत कार्रवाई योग्य विदेशों में आय और परिसंपत्तियों पर करचोरी के बारे में तय प्रक्रिया के अंतर्गत विशेष सूचना देने वाले व्यक्ति पुरस्कार राशि प्राप्त कर सकते हैं। इस योजना के अंतर्गत निर्धारित प्रक्रिया में आयकर महानिदेशक या अधिकृत अधिकारी को सूचना देनी होगी, इसके लिए विदेशी व्यक्ति भी पुरस्कार पाने के पात्र होंगे। सूचना देने वाले व्यक्ति की पहचान प्रकट नहीं की जाएगी और पूरी गोपनीयता बरती जाएगी। संशोधित पुरस्कार योजना के ब्यौरे आयकर मुखबिर पुरस्कार योजना 2018 में उपलब्ध हैं, जिसकी कॉपी आयकर कार्यालयों में और आयकर विभाग की वेबसाइट www.incometaxindia.gov.in पर उपलब्ध है।
गौरतलब है कि अनेक मामलों में यह पाया गया है कि दूसरों के नामों से संपत्तियों में कालेधन का निवेश किया जा रहा है, यद्यपि निवेशक इसका लाभ अपने आयकर रिटर्न में लाभकारी स्वामित्व को छुपाकर ले रहे हैं। भारत सरकार ने इससे पहले बेनामी संपत्ति लेनदेन अधिनियम 1988 में बेनामी लेनदेन निषेध संशोधन अधिनियम 2016 के माध्यम से संशोधन किया था, ताकि कानून को और मजबूत बनाया जा सके। कालेधन का पता लगाने और करचोरी में कमी लाने के आयकर विभाग के प्रयासों में लोगों की भागीदारी बढ़ाने के उद्देश्य से आयकर विभाग ने यह पुरस्कार योजना जारी की है। बेनामी लेनदेन मुखबिर पुरस्कार योजना 2018 के अंतर्गत बेनामी लेनदेन और संपत्तियां तथा ऐसी संपत्तियों से हुई प्राप्तियां, जो बेनामी लेनदेन (निषेध) संशोधन अधिनियम 2016 द्वारा संशोधित बेनामी संपत्ति लेनदेन अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई योग्य हैं के बारे में निर्धारित प्रक्रिया के तहत आयकर विभाग के जांच निदेशालय में संयुक्त या अपर आयुक्त (बेनामी निषेध इकाई) को सूचना देने वाला व्यक्ति एक करोड़ रुपये तक का पुरस्कार प्राप्त कर सकता है।