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Monday 4 June 2018 05:15:51 PM
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्रपति भवन में 49वें राज्यपाल सम्मेलन के उद्घाटन सत्र को संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने सम्मेलन में इस विषय पर विस्तार से चर्चा की कि कैसे राज्यपालों को जीवन के विविध क्षेत्रों में अपने अनुभव का प्रयोग करना चाहिए, ताकि लोग केंद्र की विभिन्न विकासात्मक योजनाओं का अधिकतम लाभ ले सकें। उन्होंने कहा कि हमारे संघीय ढांचे और संवैधानिक व्यवस्था में राज्यपाल की संस्था को एक केंद्रीय भूमिका का निर्वाह करना है। उन्होंने कहा कि उन राज्यों के राज्यपाल जहां आदिवासियों की जनसंख्या अधिक है, वहां पर वे सरकार की शिक्षा, खेल और वित्तीय समावेश की योजनाओं का लाभ उनतक पहुंचाने में उल्लेखनीय भूमिका निभा सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासी समुदायों ने महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है और इसको इसके अनुकरणीय कार्यों के लिए पहचान एवं इस वर्ग विशेष को भी विकास की मुख्यधारा में अवश्य शामिल किया जाना चाहिए तथा इसे डिज़िटल संग्रहालयों के जरिए भविष्य की पीढ़ियों के लिए दर्ज किया जाना चाहिए। नरेंद्र मोदी ने कहा कि 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस में व्यापक भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु युवाओं, बच्चों और वरिष्ठ नागरिकों का योग से जुड़ने का आह्वान करते हुए उनतक योग के बारे में विभिन्न माध्यमों से जागरुकता पहुंचनी चाहिए। प्रधानमंत्री ने विकास से संबंधित कुछ अहम विषयों की भी चर्चा की जैसेकि राष्ट्रीय पोषण अभियान, गावों का विद्युतीकरण और आकांक्षी जिलों में विकास से संबंधी मानक।
नरेंद्र मोदी ने सुझाव दिया कि राज्यपाल उन गावों का दौरा कर खुद विद्युतीकरण के लाभ जान सकते हैं, जिनमें हाल ही में बिजली पहुंची है। उन्होंने कहा कि हाल ही में 14 अप्रैल से चालू ग्राम स्वराज अभियान के तहत 16,000 गावों में सरकार की 7 योजनाओं को पूरी तरह से लागू किया जा चुका है और जन भागीदारी के जरिए इन गावों को 7 समस्याओं से भी पूरी तरह से मुक्त किया जा चुका है। उन्होंने कहा कि ग्राम स्वराज अभियान को 15 अगस्त के लक्ष्य के साथ अबतक 65,000 नए गावों में लागू किया जा चुका है। प्रधानमंत्री ने सुझाव दिया कि अगले वर्ष होने वाले 50वें राज्यपाल सम्मेलन को और अधिक उपयोगी बनाने की तैयारी अभी से ही आरंभ कर दी जानी चाहिए।