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Monday 4 June 2018 06:08:26 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के उद्घाटन संबोधन के साथ राष्ट्रपति भवन में आज दो दिवसीय राज्यपाल और उपराज्यपाल सम्मेलन शुरू हुआ। राष्ट्रपति भवन में यह 49वां सम्मेलन है और राष्ट्रपति कोविंद की अध्यक्षता में दूसरा सम्मेलन है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस अवसर पर शासन प्रणाली में राज्यपाल पद की विशेष गरिमा का उल्लेख किया और कहा कि राज्य सरकार में राज्यपाल की भूमिका संरक्षक एवं मार्गदर्शक की होती है और वे संघीय ढांचे की महत्वपूर्ण कड़ी हैं। उन्होंने कहा कि राज्य के लोग राज्यपाल के कार्यालय और राजभवन को आदर्श एवं मूल्यों के स्रोत के रूपमें देखते हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि हमारे देश में अनुसूचित जनजातियों की लगभग दस करोड़ की आबादी का एक बड़ा हिस्सा, भारतीय संविधान की पांचवीं और छठी अनुसूची के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में रहता है। उन्होंने कहा कि राज्यपाल विकास की दृष्टि से अपेक्षाकृत विकास से पीछे रह गए इन लोगों के जीवन को बेहतर बनाने में उचित मदद कर सकते हैं।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि हमारे देश के सभी विश्वविद्यालयों में से 69 प्रतिशत विश्वविद्यालय राज्य सरकार के नियंत्रण में है, इन विश्वविद्यालयों के छात्रों मेसे लगभग 94 प्रतिशत उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, राज्यपाल इनमें से अधिकतर विश्वविद्यालयों के कुलपति हैं और वे अपने पद, अधिकार और अनुभव से शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए आवश्यक मार्गदर्शन एवं प्रेरणा देते हैं। उन्होंने कहा कि अपने कार्यालय और सार्वजनिक जीवन के समृद्ध अनुभव के कारण राज्यपाल इस जिम्मेदारी को उठाने के लिए आदर्श हैं। राष्ट्रपति ने कहा कि राज्यपाल राज्यों के विश्वविद्यालयों में समय पर तथा पारदर्शी तरीके से विद्यार्थियों के दाखिले और अध्यापकों की नियुक्तियां सुनिश्चित कर सकते हैं, वे नियत समय पर परीक्षाओं, परिणामों की घोषणा तथा दीक्षांत समारोहों के आयोजन भी सुनिश्चित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि उनपर इस अनुशासन और अखंडता को कायम रखने में राज्य के विश्वविद्यालयों को प्रेरित करने की जिम्मेदारी है।
राज्यपालों के सम्मेलन में विभिन्न सत्रों में महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा की जा रही है, जिनमें भारत सरकार के महत्वपूर्ण कार्यक्रमों और आंतरिक सुरक्षा की जानकारी तथा प्रस्तुति, राज्य के विश्वविद्यालयों में उच्च शिक्षा, रोज़गार के लिए कौशल विकास, 48वें राज्यपाल सम्मेलन में गठित राज्यपालों की समिति की रिपोर्ट पर उठाए गए कदम और महात्मा गांधी की 150वीं जयंती समारोह शामिल हैं। केंद्र शासित प्रदेशों पर 5 जून 2018 को विशेष सत्र आयोजित किया जाएगा, जिसमें उपराज्यपाल और केंद्रशासित प्रदेशों के प्रशासक विभिन्न महत्वपूर्ण कार्यक्रमों के क्रियांवयन की स्थिति पर चर्चा करेंगे। सम्मेलन में सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के राज्यपाल और उपराज्यपाल के अतिरिक्त उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, कौशल विकास तथा उद्यमिता मंत्री, संस्कृति राज्यमंत्री, नीति आयोग के उपाध्यक्ष, मुख्य कार्यकारी अधिकारी और विभिन्न मंत्रालयों के वरिष्ठ अधिकारी भाग ले रहे हैं।