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Friday 15 June 2018 06:42:52 PM
नई दिल्ली। यूरोपीय सिनेमा की बेहतरीन और दिलचस्प फिल्मों के महोत्सव का आयोजन भारत सरकार में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के फिल्म महोत्सव निदेशालय और यूरोपीय संघ द्वारा सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम दिल्ली में 18 जून 2018 को किया जाएगा, जिसका उद्घाटन केंद्रीय सूचना और प्रसारण राज्यमंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर करेंगे। इस अवसर पर सूचना प्रसारण मंत्रालय में सचिव अमित खरे, भारत में यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल के उपप्रमुख राइमुंड मैगिज, फिल्मोत्सव निदेशालय में अपर महासचिव चैतन्य प्रसाद, स्लोवाकिया गणराज्य के दूतावास में उपप्रमुख कैटरीना तुमकोवा भी शामिल होंगे। इस वर्ष के फिल्म महोत्सव में 23 यूरोपीय सदस्य देशों की 24 नई यूरोपीय फिल्मों के चयन के साथ सिनेमा प्रेमियों के लिए कुछ असाधारण कहानियां होंगी। ईयूएफएफ का आयोजन यूरोपीय संघ और विभिन्न सिटी फिल्म क्लब में यूरोपीय संघ के सदस्य राष्ट्रों के दूतावासों के प्रतिनिधियों के साथ भारत सरकार के सूचना प्रसारण मंत्रालय के फिल्मोत्सव निदेशालय की भी प्रमुख भागीदारी है।
यूरोपीय फिल्मोत्सव के दौरान 18 जून से 31 अगस्त तक नई दिल्ली, चेन्नई, पोर्ट ब्लेयर, पुद्दुचेरी, कोलकाता, जयपुर, विशाखापत्तनम, त्रिशुर, हैदराबाद और गोवा सहित देश के 11 शहरों में फिल्मों का प्रदर्शन किया जाएगा। विविधता को प्रदर्शित करती ईयूएफएफ ऑस्ट्रिया, बेल्जियम, बुल्गारिया, क्रोएशिया, साइप्रस, चेक गणराज्य, डेनमार्क, एस्टोनिया, फिनलैंड, फ्रांस, जर्मनी, ग्रीस, हंगरी, इटली, लातविया, लिथुआनिया, लक्समबर्ग, नीदरलैंड, पोलैंड, पुर्तगाल, स्लोवाकिया, स्पेन और स्वीडन की फिल्में दिखाई जाएंगी। यूरोपीय संघ फिल्म महोत्सव में इस वर्ष के विशेष आकर्षण के रूपमें दर्शकों, छात्रों और फिल्म निर्माताओं को फिल्म महोत्सव के लिए भारत आने वाली फिल्मी हस्तियों स्लोवाकियाई निर्माता कैटरीना क्रनाकोवा, स्पेनिश निर्देशक पाउला ऑर्टिज़, इटली के निर्देशक साल्वाटोर एलोका, ग्रीक निर्देशक यानीस कोरिस, बेल्जियम के निर्देशक डगलस बॉसवेल और हंगरी के अभिनेता एडम फ़ेकेटे से मुलाकात करने का मौका मिलेगा।
तेईसवें यूरोपीय फिल्म महोत्सव में साइबर जगत में जीवन आने से वास्तविकता धूमिल होने, नायक के विपरित मसखरे की भूमिका का नाटक करने से मुक्ति का अवसर मिलने, असंतुष्ट विवाह प्रथाओं में फंसे पुरुष द्वारा अपनी स्वतंत्रता के लिए अपनाएं असामान्य तरीके, एक संगीत आलोचक और उसके पिता द्वारा एक आकर्षक मनोचिकित्सक का ध्यान आकर्षित करने के लिए प्रतिस्पर्धा करने पर आलोचक का अपने पिता से दुखी होना और रोमांचक यात्रा के दौरान तीन कुर्दिश भाई-बहनों के अचानक एक-दूसरे के करीब आने की कुछ असाधारण कहानियां हैं। ये 2018 के यूरोपीय संघ फिल्म महोत्सव के कुछ अनोखे विषय हैं। इस वर्ष महोत्सव में उद्घाटन फिल्म लिटिल हार्बर की निर्माता स्लोवाकिया की कैटरीना क्रनाकोवा भी उद्घाटन समारोह में शामिल होंगी। पुरस्कार से सम्मानित फिल्म लिटिल हार्बर उन दो बच्चों की सत्य घटना से प्रेरित है, जिनके भोले-भाले खेल से उनका जीवन हमेशा के लिए बदल गया। यह ऐसे बच्चों की कहानी है, जो घर की बजाय सड़कों पर अधिक सुरक्षित महसूस करते हैं। दस वर्षीय जार्का अपनी मां के साथ रहता है, जो अभी मां बनने को तैयार नहीं है। वह अपना अधिकतर समय अकेले बिताती है। प्रेम और संपूर्ण सुखद परिवार बनाने की चाहत में वह दो बच्चों की मां बन जाती है।
फिल्म के अंग्रेजी उपशीर्षक होंगे। पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर केवल वयस्कों को प्रवेश की अनुमति होगी। यूरोपीय फिल्म महोत्सव में प्रदर्शित की जाने वाली फिल्में हैं-द मैजिक ऑफ चिल्ड्रन (ऑस्ट्रिया), लेबिरिंथस (बेल्जियम), विक्टोरिया (बुल्गारिया), काउबॉयज (क्रोएशिया), बॉय ऑन द ब्रिज (साइप्रस), टाइगर थ्योरी/तिओरी टाइग्रा (चेक गणराज्य), वॉक विद मी/द स्टैंडहाफ्टिज (डेनमार्क), लैंड ऑफ माइन/अंडर सैंडेट (डेनमार्क), द मैन हू लुक्स लाइक मी/मिनू नाओगा ओनु (एस्टोनिया), अनएक्सपैक्टेड जर्नी (फिनलैंड), 9 मंथ स्ट्रेच/9 मोइस फर्म (फ्रांस), हाउस विदआउट रूफ/हौस ओह डच (जर्मनी), किसिंग?/ओन्तोस फिलितोन्ते? (यूनान), किल्स ऑन व्हील्स (हंगरी), तरांता ऑन द रोड (इटली), द लेसन/इज्लैदुमा गैड्स (लातविया), वेन यू वैक अप (लिथुआनिया), ए वेडिंग/नोसेस (लक्समबर्ग), लेटर फॉर द किंग (नीदरलैंड), ए ब्रेव बंच (पोलैंड), मदर नोज बेस्ट (पुर्तगाल), लिटिल हार्बर/पिआता लोद (स्लोवाकिया), द ब्राइड/ ला नोविया (स्पेन) और इटरनल समर (स्वीडन)।
अठ्ठाईस देशों से मिलकर बना यूरोपीय संघ विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है और यहां पर चीन एवं भारत के बाद सबसे अधिक आबादी है। विविधताओं के बावजूद यूरोपीय देश शांति, लोकतंत्र, कानून और मानवाधिकार का सम्मान करने के एक समान आधारभूत मूल्यों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। उन्होंने साझा संस्थानों का गठन किया है, ताकि संयुक्त हित के मामलों पर यूरोपीय स्तर पर जनतांत्रिक तरीके से निर्णय लिया जा सके। सीमा मुक्त एकल बाज़ार तैयार कर और 19 सदस्य राष्ट्रों द्वारा अपनाई गई एकल मुद्रा यूरो के जरिए यूरोपीय संघ ने व्यापार और रोज़गार को महत्वपूर्ण बढ़ावा दिया है। यह टिकाऊ नीतियों में भी अग्रणी है।