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Wednesday 20 June 2018 12:06:22 PM
नई दिल्ली। भारत सरकार में मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने राष्ट्रीय पठन-पाठन दिवस पर भारतीय राष्ट्रीय डिज़िटल लाइब्रेरी लांच की। प्रकाश जावड़ेकर ने इस अवसर पर बताया कि सूचना और संचार तकनीक के माध्यम से राष्ट्रीय शिक्षा मिशन के तत्वावधान में भारतीय राष्ट्रीय डिज़िटल लाइब्रेरी मानव संसाधन विकास मंत्रालय की एक परियोजना है। उन्होंने कहा कि एनडीएल का लक्ष्य देश के सभी नागरिकों को डिज़िटल शिक्षण संसाधन उपलब्ध कराना है एवं ज्ञान प्राप्ति के लिए उन्हें सशक्त, प्रेरित और प्रोत्साहित करना है। प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि एनडीएल भारत और विदेशों के शिक्षा संस्थानों से अध्ययन सामग्री एकत्र करने का एक प्लेटफॉर्म है, यह एक डिज़िटल पुस्तकालय है, जिसमें पाठ्य पुस्तक, निबंध, वीडियो-आडियो पुस्तकें, व्याख्यान, उपन्यास और कई प्रकार की शिक्षण सामग्री शामिल है। उन्होंने बताया कि भारतीय राष्ट्रीय डिज़िटल लाइब्रेरी को आईआईटी खड़गपुर ने विकसित किया है।
मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि भारतीय राष्ट्रीय डिज़िटल लाइब्रेरी को देश को समर्पित करने के साथ ही डिज़िटल भारत के एक नए युग की शुरूआत हो गई है। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति, किसी भी समय और कहीं से भी राष्ट्रीय डिज़िटल लाइब्रेरी का उपयोग कर सकता है, यह सेवा नि:शुल्क है और ‘पढ़े भारत, बढ़े भारत’ के संदर्भ में सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती है। प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि एनडीएलआई में 200 भाषाओं में 160 स्रोतों की 1.7 करोड़ अध्ययन सामग्री उपलब्ध है, लाइब्रेरी के अंतर्गत 30 लाख उपयोगकर्ताओं का पंजीयन हुआ है और हमारा लक्ष्य है कि प्रतिवर्ष इस संख्या में 10 गुनी वृद्धि हो। उन्होंने कहा कि वेबसाइट के अलावा एनडीएल मोबाइल एप पर भी उपलब्ध है। उन्होंने बताया कि एनडीएलआई मोबाइल एप पूरे देश के पुस्तकालयों और यहां तककि विदेशी पुस्तकालयों को डिज़िटल सामग्री उपलब्ध कराता है, इस एप को 6.70 लाख बार डाउनलोड किया गया है, यह एप आईफोन और एंड्रायड दोनों में उपयोगकर्ताओं के लिए उपलब्ध है, उपयोगकर्ता विषय, स्रोत, सामग्री का प्रकार आदि के माध्यम से विषय वस्तु ढूंढ सकते हैं। अभी यह एप तीन भाषाओं में उपलब्ध है-अंग्रेजी, हिंदी और बांग्ला।
केंद्रीय संस्कृति राज्यमंत्री डॉ महेश शर्मा भी कार्यक्रम में उपस्थित थे। उन्होंने किताबें प्राप्त करने के लिए एक छात्र के रूपमें उनके समक्ष आई कठिनाइयों का वर्णन किया और मानव संसाधन विकास मंत्रालय की एनडीएल पहल का शुक्रिया अदा करते हुए कहा कि इससे देश के लाखों छात्रों को मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि संस्कृति मंत्रालय द्वारा संचालित होने वाले भारत के राष्ट्रीय आभासी पुस्तकालय के साथ मानव संसाधन विकास मंत्रालय की राष्ट्रीय डिज़िटल लाइब्रेरी भारत को विश्वस्तर पर पहचान बनाने में सक्षम बनाएगी। उन्होंने कहा कि शिक्षा और संस्कृति भारत की 'अनेकता में एकता' की अवधारणा के मूल सिद्धांत हैं और मानव संसाधन विकास मंत्रालय का राष्ट्रीय डिज़िटल पुस्तकालय इस दिशा में एक निर्णायक कदम है। डॉ महेश शर्मा ने राष्ट्रीय आभासी पुस्तकालय के बारे में भी जानकारी दी, जिसके तहत कला, संगीत, नृत्य, संस्कृति, रंगमंच, विज्ञान और प्रौद्योगिकी से लेकर शिक्षा, पुरातत्व, साहित्य, संग्रहालयों तक सैकड़ों क्षेत्रों को कवर करने वाले संसाधनों के साथ एक विशाल ऑनलाइन लाइब्रेरी स्थापित की गई है। यह कार्यक्रम संस्कृति मंत्रालय के पुस्तकालयों पर आधारित राष्ट्रीय मिशन का एक हिस्सा है।
मानव संसाधान विकास राज्यमंत्री सत्यपाल सिंह ने कहा कि यह भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है, क्योंकि इस दिन देश को अपनी राष्ट्रीय डिज़िटल लाइब्रेरी मिली है। उन्होंने कहा कि पुराने समय में किताबों की कमी के कारण छात्रों को काफी परेशानी होती थी, लेकिन इस पहल से छात्रों को काफी मदद मिलेगी। राष्ट्रीय डिज़िटल लाइब्रेरी की लॉंचिंग पर मानव संसाधन विकास मंत्रालय में उच्चशिक्षा विभाग के सचिव आर सुब्रमण्यम, आईआईटी खड़गपुर के निदेशक प्रोफेसर पार्थ प्रतिम चक्रवर्ती, मंत्रालय के संयुक्त सचिव डॉ एन सरवना कुमार, केरल के पीएन पणिकर फाउंडेशन के उपाध्यक्ष एन बालगोपाल भी उपस्थित थे। एनडीएलआई की साइट www.ndl.gov.in पर भी विज़िट करके इससे संबंधित जानकारी हासिल की जा सकती है।