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भारत में बाढ़ प्रबंधन में गूगल करेगा मदद

केंद्रीय जल आयोग एवं गूगल में सहयोग समझौता

समय रहते ही मिलेगी बाढ़ की सटीक जानकारी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Wednesday 20 June 2018 12:38:08 PM

central water commission and collaboration agreement in google

नई दिल्ली। केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी ने जल संसाधन के क्षेत्र में भारत के शीर्ष प्रौद्योगिकी संगठन केंद्रीय जल आयोग और गूगल के बीच हुए एक सहयोग समझौते पर उम्मीद जताते हुए कहा है कि गूगल के साथ गठबंधन से भारत में बाढ़ का कारगर या प्रभावकारी प्रबंधन करने में मदद मिलेगी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस अवसर पर कहा कि गूगल उच्चस्तरीय डिज़िटल तकनीक है, जिसमें वो अपनी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस विशेषज्ञता के सहारे केंद्रीय जल आयोग द्वारा प्रदत्त जानकारी के सहयोग से लोगों को बाढ़ की सटीक जानकारी देगा। उन्होंने कहा कि अब संभवतः बाढ़ आने के तीन दिन पहले ही लोगों को जानकारी मिल सकेगी, इससे सरकार और आपदा प्रबंधन संगठनों को बाढ़ प्रभावित स्थानों और जनसंख्या की बेहतर जानकारी प्राप्त होगी एवं यह पहल बेहतर बाढ़ प्रबंधन और बाढ़ से होने वाले नुकसान को रोकने में मील का पत्थर साबित होगी।
केंद्रीय जल संसाधन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि केंद्रीय जल आयोग, जल संसाधनों के कारगर प्रबंधन विशेषकर बाढ़ का पूर्वानुमान लगाने एवं बाढ़ संबंधी सूचनाएं आम जनता को सुलभ कराने के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मशीन लर्निंग एवं भू-स्थानिक मानचित्रण के क्षेत्र में गूगल की अत्याधुनिक प्रगति का उपयोग करेगा। नितिन गडकरी ने कहा कि इस पहल से संकट प्रबंधन एजेंसियों को जल विज्ञान संबंधी समस्याओं से बेहतर ढंग से निपटने में मदद मिलने की आशा है। उन्होंने बताया कि भारत में बाढ़ प्रबंधन पर हुए इस समझौते के तहत केंद्रीय जल आयोग और गूगल इन कार्यों में आपसी सहयोग के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता, मशीन लर्निंग, भू-स्थानिक मानचित्रण और जल विज्ञान से जुड़े अवलोकन डेटा के विश्लेषण में तकनीकी विशेषज्ञता को साझा करेंगे। इसके अंतर्गत बाढ़ पूर्वानुमान प्रणालियों को बेहतर करना, जिससे स्थान-लक्षित आवश्यक कार्रवाई योग्य बाढ़ चेतावनी जारी करने में मदद मिलेगी, बाढ़ प्रबंधन की परिकल्पना करने एवं इसमें बेहतरी के लिए गूगल अर्थ इंजन का उपयोग करने से जुड़ी उच्च प्राथमिकता वाली अनुसंधान परियोजना और भारत की नदियों पर ऑनलाइन प्रदर्शनियां तैयार करने से जुड़ी एक सांस्कृतिक परियोजना शामिल है।
जल संसाधन मंत्रालय ने इससे पहले वर्ष 2016-17 के दौरान एक महत्वाकांक्षी कार्यक्रम ‘राष्ट्रीय जल विज्ञान परियोजना’ का शुभारंभ किया था। एनएचपी विश्व बैंक से सहायता प्राप्त केंद्रीय क्षेत्र की योजना है, जिसमें पूरे देश को कवर किया गया है। राष्ट्रीय जल विज्ञान परियोजना का उद्देश्य जल संसाधन सूचनाओं, बाढ़ से जुड़ी निर्णय सहायता प्रणाली एवं बेसिन स्तरीय संसाधन आकलन या नियोजन के विस्तार, गुणवत्ता एवं पहुंच को बेहतर करना और लक्षित जल संसाधन प्रोफेशनलों एवं भारत के प्रबंधन संस्थानों की क्षमता को मजबूत करना है। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के लोग लंबे समय से बाढ़ आने से पहले समय रहते सटीक चेतावनी दिए जाने की मांग करे रहे थे। इस पहल से उनकी यह मांग पूरी होगी। केंद्रीय जल आयोग 2016 तक अधिकतम एक दिन पहले बाढ़ के स्तर के बारे में जानकारी दे रहा था, वर्ष 2017 में बाढ़ के दौरान उसने बारिश आधारित मॉडल के सहारे परीक्षण के आधार पर तीन दिन पहले बाढ़ की चेतावनी जारी की थी।

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