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Thursday 21 June 2018 03:26:10 PM
नई दिल्ली। मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने घोषणा की है कि सरकारी स्कूलों के शिक्षक अब शिक्षकों के राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए अपनी प्रवष्टियां सीधे भेज सकते हैं। उन्होंने कहा कि यह शिक्षकों को गुणवत्तायुक्त शैक्षिक माहौल देने के लिए एक नई पहल है। उन्होंने बताया कि इससे पहले प्रवष्टियों का चयन राज्य सरकार करती थीं, मगर अब सरकारी स्कूलों के शिक्षक, शिक्षक राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए स्वयं आवेदन कर सकते हैं, इस नई प्रणाली में सरकारी शिक्षक या स्कूलों के प्रमुख स्वयं को ऑनलाइन नामांकित कर सकते हैं।
मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि प्रत्येक जिले से राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए तीन शिक्षकों का चयन किया जाएगा, इसी तरह प्रत्येक राज्य से 6 शिक्षकों का चयन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर एक स्वतंत्र निर्णायक मंडल 50 असाधारण शिक्षकों या स्कूलों के प्रमुखों का शिक्षक राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए चयन करेगा। उन्होंने बताया कि शिक्षक अपने किए गए कार्यों का वीडियो भी अपलोड कर सकते हैं। प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि राष्ट्रीय निर्णायक मंडल राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए श्रेष्ठ शिक्षकों का चयन उनके नवाचारों तथा शिक्षा प्रणाली में क्रांतिकारी परिवर्तन और उनकी शिक्षण शैली के आधार पर करेगा।
प्रकाश जावड़ेकर ने बताया कि शिक्षकों को राष्ट्रीय पुरस्कार देने का उद्देश्य देश में कुछ बेहतरीन शिक्षकों के अनूठे योगदान का उत्सव मनाना और ऐसे शिक्षकों को सम्मानित करना है, जिनके संकल्प से न केवल स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हुआ है, बल्कि उनके शिक्षण और प्रशिक्षण से विद्यार्थियों का जीवन भी समृद्ध हुआ है। उन्होंने बताया कि राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के सरकारी एवं सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के शिक्षक, केंद्र सरकार के स्कूलों यानी केंद्रीय विद्यालय, जवाहर नवोदय विद्यालय, तिब्बती लोगों के केंद्रीय विद्यालय, रक्षा मंत्रालय के सैनिक स्कूल, परमाणु ऊर्जा शिक्षा सोसायटी के स्कूल, सीबीएसई और सीआईएससीई से सम्बद्ध स्कूलों के शिक्षक राष्ट्रीय पुरस्कार के लिए आवेदन करने के पात्र हैं।