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भारत-तजाकिस्तान में जल विकास पर सहमति

भारत हमारा अत्यंत विश्वसनीय साझीदार है-तजाकिस्तान

जल की नहीं जल प्रबंधन की समस्या है-नितिन गडकरी

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Thursday 21 June 2018 04:08:33 PM

india-tajikistan, agree on water development

नई दिल्ली/ दुशांबे। भारत और तजाकिस्तान ने द्विपक्षीय संबंधों की प्रगति के लिए प्रतिबद्धता की पुनः पुष्टि करते हुए आर्थिक सहयोग को बढ़ाने में विशेषतः सतत जल विकास पर सहमति जताई है। केंद्रीय जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा संरक्षण, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग और पोत परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस संदर्भ में केंद्रीय एशिया गणराज्य के दो दिवसीय दौरे के दौरान दुशांबे में तजाकिस्तान के विदेश मंत्री सिरोजीदीन मुहरीदीन के साथ आगे की बातचीत की है। दोनों नेताओं ने विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया और सतत जल विकास क्षेत्र में आपसी सहयोग पर सहमति दी। नितिन गडकरी ने तजाकिस्तान के विदेश मंत्री से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आर्थिक सहयोग की प्रतिबद्धता भी जताई और कहा कि खाद्य पदार्थों जैसे चीनी और दूध पाउडर के व्यापार की संभावनाओं को बढ़ाया जा सकता है। उन्होंने उन्हें ईरान में भारत के सहयोग से विकसित चाबहार बंदरगाह की प्रगति से अवगत कराते हुए कहा कि भारत, गुणवत्ता संरचना के निर्माण में भारत की राजधानी दिल्ली में तजाकिस्तान के साथ भारतीय विशेषज्ञता को साझा करना चाहेगा।
तजाकिस्तान के विदेश मंत्री सिरोजीदीन मुहरीदीन ने कहा कि भारत तजाकिस्तान का अत्यंत विश्वसनीय राजनीतिक और सामरिक साझीदार है और वह दोनों देशों के बीच आर्थिक संबंधों को और भी ज्यादा मजबूती से बढ़ाना चाहेंगे। उल्लेखनीय है कि ‘अंतर्राष्ट्रीय दशक के लिए कार्यः सतत विकास के लिए जल’ पर उच्चस्तरीय वैश्विक सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए नितिन गडकरी दुशांबे गए थे। इस सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि ताजिकिस्तान ने आने वाले दशक के लिए वैश्विक सतत विकास लक्ष्यों के मध्य में जल के विषयवस्तु को लाने में अग्रणी भूमिका निभाई है। उन्होंने ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति और सरकार को ‘सतत विकास के लिए जल 2018-28’ ठोस कदम के लिए अंतर्राष्ट्रीय दशक के एक हिस्से के रूपमें उच्चस्तरीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन के आयोजन हेतु धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि यह सम्मेलन जल पर समान समझदारी के विकास एवं विश्वव्यापी रूपसे समेकित एवं टिकाऊ जल संसाधन प्रबंधन पर राष्ट्रीय, क्षेत्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय ठोस कदम पर वैश्विक संवाद में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
नितिन गडकरी ने कहा कि जल, सतत विकास एवं गरीबी उन्मूलन से संबंधित तत्व है, यह भोजन, ऊर्जा एवं स्वास्थ्य सुरक्षा की कुंजी है, इसलिए यह आश्चर्यजनक नहीं है कि जल को कई सतत विकास लक्ष्यों में शामिल किया गया है। उन्होंने कहा कि दुनिया में पर्याप्त जल है, लेकिन जल प्रबंधन की समस्याओं के कारण बहुत से लोगों को इसकी सुविधा उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि स्वच्छता एक बड़ा मुद्दा बना हुआ है, इसके अतिरिक्त जनसांख्यिकी, प्रदूषण एवं शहरीकरण जल के प्रबंधन के समक्ष अतिरिक्त चुनौतियां पेश कर रहे है। उन्होंने कहा कि सतत जल प्रबंधन को बढ़ावा देने एवं जल संबंधित पहलुओं के साथ समन्वय की तलाश के लिए ज्ञान, अनुभव, नवोन्मेषणों, समाधानों को साझा करने समेत सभी क्षेत्रों में एवं हितधारकों के सभी स्तरों पर सहयोग की आवश्यकता है। नितिन गडकरी ने कहा कि भारत सरकार स्पष्ट रूपसे सतत जल को टिकाऊ विकास के लिए एक महत्वपूर्ण इनपुट के रूपमें देखती है और सरकार ने इन चार वर्ष के दौरान उल्लेखनीय कदम उठाए हैं और जल के सतत विकास को भारत सरकार की श्रेष्ठ प्राथमिकताओं में स्थान दिया है।
नदी विकास एवं जल संरक्षण मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि राष्ट्रीय जल सूचना केंद्र, सतह जल एवं भू-जल के आकलन, बाढ़ के पूर्वानुमान, जलाशय निगरानी, तटीय सूचना प्रबंधन प्रणाली एवं नदी बेसिन प्रबंधन के लिए एक आधुनिक मंच है। उन्होंने बताया कि भारत ने देश के मानचित्र निर्माण के योग्य क्षेत्र के दो मिलियन वर्ग किलोमीटर के सम्पूर्ण मानचित्रण के लिए एक महत्वाकांक्षी राष्ट्रीय जलभृत प्रबंधन परियोजना आरंभ की है, जिसके बाद समुचित जलभृत प्रबंधन योजना बनाई जाएगी। उन्होंने कहा कि संसाधन मूल्यांकन के क्षेत्र में भारत वैज्ञानिक विकास, संरक्षण एवं हमारे भू-जल तथा सतह जल संसाधनों के संयुक्त उपयोग के लिए अपने जल संसाधन सूचना एवं प्रबंधन प्रणाली के उन्नयन की प्रक्रिया में है। उन्होंने कहा कि नदी संरक्षण के क्षेत्र में नामामि गंगे गंगा नदी को प्रदूषण मुक्त बनाने तथा उसे पुनर्जीवित करने की प्रमुख योजना है, हम दूसरी नदियों के कायाकल्प के लिए भी ऐसे ही कदम उठा रहे हैं, जिससे कि उन्हें उनके मूल रूपमें लाया जा सके। उन्होंने कहा कि भारत आश्वस्त सिंचाई के तहत और अधिक क्षेत्रों को लाने के लिए प्रतिबद्ध है एवं पड़ोसी देशों के साथ अंतर्राष्ट्रीय नदियों एवं देश के भीतर अंतर्राज्यीय नदियों पर बकाया मुद्दों का निपटान कर रहा है।
नितिन गडकरी ने कहा कि भारत सरकार की योजना 2030 तक सभी के लिए सुरक्षित एवं किफायती पीने के पानी की सार्वभौमिक और समान सुविधा अर्जित करने की है। उन्होंने कहा कि बाढ़ एवं सूखे में कमी लाने और देश को जल सुरक्षित बनाने के लिए सरकार नदियों को आपस में जोड़ने के कार्यक्रम के माध्यम से जल के अंतः बेसिन अंतरण के लिए कार्यक्रम को कार्यांवित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी योजना के तहत जल संरक्षण एवं जल संभरण कार्य कुओं, तालाबों की खुदाई करने एवं पारम्परिक जल निकायों, जलाशयों एवं नहरों की मरम्मत करने के द्वारा आरंभ किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत लगभग एक लाख गांवों में देशभर में जल संरक्षण पर लगभग 5 बिलियन डॉलर खर्च कर रहा है, निष्कर्ष के रूप में सरकार उन्नत जल मूल्यांकन, समान संसाधन आवंटन, बेहतर दक्षता, प्रदूषण में कमी, संरक्षण एवं जल संभरण के जरिए सतत तरीके से जल संसाधनों के विकास एवं प्रबंधन के लिए ठोस कदम उठा रही है तथा सुरक्षित स्वच्छता उपलब्ध करा रही है।

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