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Friday 22 June 2018 02:55:25 PM
नई दिल्ली। भारत सरकार का कहना है कि पनामा पेपर लीक से संबंधित मामले में मीडिया में जारी नए मामलों की बहु एजेंसी समूह के तत्वावधान में प्रवर्तन एजेंसियां तात्कालिक जांच कर रही हैं। सरकार का कहना है कि समन्वित एवं त्वरित जांच के लिए इस जांच समूह का गठन पहले ही किया जा चुका है और ऐसे मामलों की जांच के लिए विद्यमान मानक, संचालनकारी प्रक्रियाओं के अनुरूप आयकर के वार्षिक रिटर्न, विशेष रूपसे विदेशी परिसंपत्ति अनुसूची, विदेशी रेमिटेंस विवरण आदि के मामले में कथित व्यक्तियों द्वारा किए गए खुलासों के साथ मीडिया में प्रकाशित सूचनाओं की जांच का काम तेजी से किया जा रहा है, इसके बाद उनसे महत्वपूर्ण प्रश्न पूछे जाएंगे।
भारत सरकार का कहना है कि इसके पश्चात उपयुक्त मामलों में जांच की जाएगी, जिससे तार्किक परिणति तक पहुंचा जा सकेगा। गौरतलब है कि पनामा पेपर लीक का खुलासा मूल रूपसे खोजी पत्रकारों के अंतर्राष्ट्रीय परिसंघ ने 4 अप्रैल 2016 को किया था, उसी दिन भारत सरकार ने इसके संयोजक के रूपमें केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड के अध्यक्ष की अध्यक्षता में बहु एजेंसी समूह का गठन किया था, जो आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय, वित्तीय खुफिया ब्यूरो एवं भारतीय रिज़र्व बैंक के प्रतिनिधियों से निर्मित है। पनामा पेपर लीक से संबंधित 426 व्यक्तियों की आयकर विभाग एवं बहु एजेंसी समूह की अन्य सदस्य एजेंसियों द्वारा जांच की गई है, चूंकि आईसीआईजी के जारी डाटाबेस में कोई वित्तीय विवरण या लाभदायक स्वामित्व से संबंधित कोई विवरण नहीं था, इसलिए अधिकांश मामलों में इनकी जानकारी समझौतों के तहत विदेशी न्यायाधिकार क्षेत्र से मांगनी पड़ी।
भारत सरकार का कहना है कि जिन 74 मामलों को कार्रवाई के योग्य पाया गया, उनमें 62 मामलों में बेहद सख्त तरीके से कदम उठाए गए हैं, 50 मामलों में तलाशी तक की गई है और 12 मामलों में सर्वेक्षण किया गया है, जिससे लगभग 1140 करोड़ रुपये के अघोषित विदेशी निवेश का पता चला है। भारत सरकार ने बताया है कि सोलह मामलों में आपराधिक अभियोजन से संबंधित मुकद्में दायर किए गए हैं, जो विभिन्न न्याय अधिकार क्षेत्र अदालतों में सुनवाई के विभिन्न चरणों में हैं। कालाधन अधिनियम के खंड 10 के तहत 32 मामलों में नोटिस जारी किए गए हैं। सरकार कह रही है कि पनामा पेपर मामलों में की गई जांच विदेशों में जमा कालेधन से निपटने के सरकार के सतत फोकस को प्रदर्शित करती है। सरकार द्वारा की जा रही त्वरित कार्रवाईयां पूरी तरह स्पष्ट हैं, क्योंकि अधिकांश कार्रवाई योग्य मामलों को प्रभावी रूपसे निपटाया गया है।