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Monday 25 June 2018 04:06:00 PM
नई दिल्ली। भारतीय संसद का मॉनसून सत्र 18 जुलाई 2018 से प्रारंभ होगा और 10 अगस्त तक चलेगा। यह जानकारी आज केंद्रीय रसायन, उर्वरक और संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने गृहमंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में दिल्ली में संसदीय कार्य पर मंत्रिमंडलीय समिति की बैठक के बाद मीडिया को दी। अनंत कुमार ने बताया कि इस सत्र में 18 कार्यदिवस होंगे और विधायी कार्यों में मॉनसून सत्र 2018 से पहले अंतर सत्र अवधि के दौरान लागू किए गए छह अध्यादेश शामिल हैं। उन्होंने इस सत्र को कामकाजी बनाने के लिए सभी राजनीतिक दलों से सरकार के साथ सकारात्मक सहयोग करने की अपील की।
संसदीय कार्यमंत्री अनंत कुमार ने बताया कि संसद में मॉनसून सत्र के दौरान केंद्र सरकार महत्वपूर्ण विधेयक लाने जा रही है, जिनमें संविधान (123वां संशोधन) विधेयक 2017, मुस्लिम महिला (विवाह सुरक्षा) विधेयक 2017, विपरीतलिंगी (अधिकार संरक्षण) विधेयक 2016, राष्ट्रीय मेडिकल आयोग विधेयक 2017, बच्चों को नि:शुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार (दूसरा संशोधन) विधेयक 2017, अन्य विषय शामिल हैं। संसद के दोनों सदनों में इनपर विचार किया जाएगा और इन्हें पारित किया जाएगा। अनंत कुमार ने बताया कि मॉनसून सत्र के दौरान राज्यसभा के उपसभापति पद के लिए चुनाव भी होगा, क्योंकि वर्तमान उपसभापति पीजे कुरियन का कार्यकाल इसी महीने समाप्त हो रहा है।
गौरतलब है कि भारतीय लोकतंत्र में संसद जनता की सर्वोच्च प्रतिनिधि संस्था है, इसी माध्यम से आम लोगों की संप्रभुता को अभिव्यक्ति मिलती है। संसद ही इस बात का प्रमाण है कि राजनीतिक व्यवस्था में जनता सर्वोपरि है। संसदीय शब्द का अर्थ ही ऐसी लोकतंत्रात्मक राजनीतिक व्यवस्था है, जहां सर्वोच्च शक्ति लोगों के प्रतिनिधियों के उस निकाय में निहित है, जिसे संसद कहते हैं। भारत के संविधान के अधीन संघीय विधानमंडल को संसद कहा जाता है। यह वह धुरी है, जो देश के शासन की नींव है। भारतीय संसद राष्ट्रपति और दो सदनों राज्यसभा और लोकसभा से मिलकर बनती है।