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Wednesday 27 June 2018 06:25:04 PM
नई दिल्ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा है कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम क्षेत्र देश के जनसांख्यिकी लाभांश का फायदा उठाते हुए ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में समावेशी विकास को बढ़ावा दे रहा है, एमएसएमई क्षेत्र का इसके रोज़गार क्षेत्र में लगभग 60 प्रतिशत का योगदान है। उन्होंने कहा कि देशभर की 6.5 करोड़ एमएसएमई इकाईयां 11 करोड़ से अधिक लोगों को रोज़गार देकर देश के विकास में 10 प्रतिशत से अधिक का योगदान दे रही हैं, जो भारी औद्योगिक इकाईयों से अधिक हैं। राष्ट्रपति ने आज नई दिल्ली में उद्यम संगम 2018 का उद्घाटन करते हुए ये बात कही। राष्ट्रपति ने कहा कि एमएसएमई उद्यमों से जुड़े सभी स्टेक होल्डर्स के इस संगम में फाइनेंस, ट्रेनिंग, शिक्षण संस्थानों, इंडस्ट्री, मीडिया, राज्य सरकारों और गैर सरकारी संस्थाओं के प्रतिनिधि एकसाथ मिलकर व्यापक परामर्श के जरिए भविष्य में बेहतर एमएसएमई इकोसिस्टम प्रदान करने के रास्ते तय करेंगे।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने एमएसएमई मंत्रालय के उद्यम सखी पोर्टल पर प्रकाश डाला और कहा कि यह बहुत अच्छी बात है कि इसके जरिए 80 लाख महिलाओं को प्रशिक्षण प्रदान कर महिलाओं और वंचित वर्गों को सशक्त किया जाएगा। उन्होंने अरूणाचलम मुरूगंथम द्वारा किफायती सेनेटरी नेपकिन का निर्माण कर महिलाओं में स्वच्छता को बढ़ावा देने के कार्यों की सराहना की। उन्होंने कहा कि अब 100 से भी अधिक देशों के उद्यमी इस तरह के नेपकिन बनाने का प्रयास कर रहे हैं। अरूणाचलम मुरूगंथम के संघर्ष पर आधारित एक फिल्म भी बनाई गई है। राष्ट्रपति ने इच्छा व्यक्त की कि नवोन्मेषी सूक्ष्म और लघु उद्यमियों के योगदान को दर्शाने वाली ऐसी और भी फिल्में निर्मित की जानी चाहिएं। उन्होंने सौर चरखा मिशन का शुभारंभ किया, जिसमें 50 क्लस्टरों को कवर किया जाएगा और प्रत्येक क्लस्टर में 400 से 2000 कारीगरों को रोज़गार दिया जाएगा। इस मिशन को भारत सरकार की मंजूरी मिल चुकी है और एमएसएमई मंत्रालय कारीगरों के लिए 550 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान करेगा, सौर चरखा मिशन से ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार पैदा होगा, जो पर्यावरण अनुकूल अर्थव्यवस्था में योगदान देगा।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ऋण शोधन और दिवालियापन कोड के अंतर्गत एमएसएमई क्षेत्र को दिए गए विशेष राहत का जिक्र किया, जिसके तहत प्रमोटरों को कॉर्पोरेट ऋण शोधन समाधान प्रक्रिया में चल रहे उद्यमों की नीलामी की अनुमति होगी। रामनाथ कोविंद ने कहा कि सूक्ष्म और लघु इकाईयां भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन और तेजस लड़ाकू विमान के पार्ट्स का भी निर्माण कर रही हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि इस विचार-विमर्श से नए समाधान सामने आएंगे, जिनसे सूक्ष्म और लघु उद्यमी वैश्विक स्तरपर अपना स्थान बना पाएंगे। राष्ट्रपति ने एमएसएमई मंत्रालय का ‘संपर्क’ पोर्टल भी शुरू किया, जो डिजिटल प्लेटफॉर्म स्किल-पूल को विकसित करने और प्रशिक्षित युवाओं को रोज़गार के अवसरों से जोड़ने में बहुत उपयोगी सिद्ध होगा। यह पोर्टल प्रतिभाशाली उद्यमियों और प्रशिक्षित लोगों की तलाश कर रहे उद्यमों के बीच सेतु का कार्य करेगा। इस एक दिवसीय सम्मेलन में केंद्र और राज्य सरकार, केंद्रशासित प्रदेश के मंत्रालयों, विभागों, स्वायत्त निकायों, एमएसएमई संघों, गैर बैंकिंग वित्तीय निगमों, निजी और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों, उद्यमियों एवं स्वयं सहायता समूहों के लगभग 3000 प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
रामनाथ कोविंद ने और भी मुद्दों पर चर्चा की, जिनमें एमएसएमई ऋण, आकांक्षी समूहों और क्षेत्रों की उद्यमिता, कृषि कारोबार उद्यम, सेवाक्षेत्र की चुनौतियों, ज्ञान और विनिर्माण क्षेत्र, महिला उद्यमियों, बाजार तक पहुंच विकसित एवं सुदृढ़ करने, स्वास्थ्य देखभाल और आयुष उद्यम शामिल थे। सरकारी योजनाओं के बारे में जागरुकता बढ़ाने की प्रणाली विकसित करने के लिए संचार और मीडिया पर भी एक सत्र आयोजित किया गया। उद्यम संगम सम्मेलन का उद्देश्य एमएसएमई से जुड़े मुद्दों पर नवाचार को बढ़ावा देने और जानकारी साझा करने के लिए एमएसएमई पारिस्थितिकी तंत्र के विभिन्न हितधारकों के बीच बातचीत और साझेदारी को बढ़ावा देना है। उल्लेखनीय है कि संयुक्तराष्ट्र आमसभा ने 6 अप्रैल 2017 को आयोजित अपने 76वें पूर्ण सत्र में 27 जून को सूक्ष्म लघु और मध्यम उद्यम दिवस के रूप में घोषित किया था। उद्घाटन सत्र में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय में स्वतंत्र प्रभार राज्यमंत्री गिरिराज सिंह, सचिव डॉ अरूण कुमार पांडा, कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय में सचिव डॉ केपी कृष्णन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित थे।