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नीति आयोग का चैम्पियंस ऑफ चेंज डैशबोर्ड

जिलों ने की गहरी दिलचस्पी प्रदर्शित-अमिताभ कांत

आकांक्षी जिलों की पहली डेल्टा रैंकिंग जारी हुई

स्वतंत्र आवाज़ डॉट कॉम

Saturday 30 June 2018 03:05:48 PM

amitabh kant release of the first delta ranking

नई दिल्ली। नीति आयोग ने 31 मार्च 2018 से 31 मई 2018 के बीच जिलों के स्व-रिपोर्ट किए गए आंकड़ों के आधार पर आकांक्षी जिलों के लिए स्वास्थ्य, पोषण, शिक्षा, कृषि और जल संसाधन, वित्तीय समावेशन और कौशल विकास और बुनियादी अवसंरचना के पांच विकासात्मक क्षेत्रों में पहली डेल्टा रैंकिंग यानी वृद्धिशील प्रगति शुरु की है। नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने चैम्पियंस ऑफ चेंज डैशबोर्ड को भरकर तत्काल डेटा उपलब्ध कराने में जिलों द्वारा प्रदर्शित गहरी दिलचस्पी पर प्रकाश डाला। अमिताभ कांत ने आकांक्षी जिलों की पहली डेल्टा रैंकिंग जारी करते हुए कहा कि इस रैंकिंग का उद्देश्य जिलों में गतिशील टीमों के बीच प्रतिस्पर्धा की भावना पैदा करना है। विभिन्न हितधारकों के साथ कई दौर के परामर्श के बाद जिलों की प्रगति को मापने के लिए 49 प्रमुख निष्पादन संकेतक चुने गए हैं।
अमिताभ कांत ने कहा कि चूंकि इन जिलों में विरासत, अप्रयुक्त या कमजोर संसाधन आधार, कठोर जीवन परिस्थितियों आदि के कारण विभिन्न स्तरों पर जनशक्ति की कमी सहित कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, इसलिए यह रैंकिंग क्षेत्र और सूचक विशिष्ट चुनौतियों की पहचान करने का भी एक साधन है, ताकि टीम इंडिया जो इस कार्यक्रम का संचालन कर रही है, इसके तत्काल सुधारात्मक उपाय कर सके। जिलों ने 1 अप्रैल 2018 से चैंपियंस ऑफ चेंज डैशबोर्ड में डेटा दर्ज करना शुरू किया और कुल 112 में से 108 जिलों ने इस रैंकिंग में भाग लिया। शेष चार जिलों द्वारा डेटा प्रविष्टि भी प्रगति पर है, हालांकि वे इस रैंकिंग का हिस्सा नहीं हैं। अप्रैल और मई 2018 के दौरान किए गए संयुक्त सुधारों के लिए डेल्टा रैंकिंग की पारदर्शी तरीके से गणना की जाती है।
कुछ डेटा प्वाइंट केंद्रीय मंत्रालयों से प्राप्त किए गए हैं जैसे कि वित्तीय समावेशन, कौशल विकास और मूलभूत बुनियादी ढांचे के तीन संकेतक, घरेलू विद्युत कनैक्शन, घरेलू शौचालय और ग्रामीण पेयजल, हालांकि अधिकांश डेटा बिंदुओं को स्वयं विभिन्न जिलों द्वारा स्व-रिपोर्ट किया गया है। तेलंगाना के आसिफाबाद जिले में, जो इस साल मार्च में जारी बेसलाइन रैंकिंग में 100वें स्थान पर था, ने पिछले दो महीनों में महत्वपूर्ण सुधार किए हैं और डेल्टा रैंकिंग में 15वें स्थान पर आ गया है। गुजरात के दाहौद जिले ने 19.8 अंकों का सुधार करते हुए डेल्टा रैंकिंग में पहला स्थान प्राप्त किया यह बेसलाइन रैंकिंग में 17वें स्थान पर था। सिक्किम का पश्चिम सिक्किम जिला 18.9 अंक के साथ दूसरे स्थान पर रहा, जो बेसलाइन रैंकिंग में 30वें स्थान पर था। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले ने भी 14.7 अंक सुधारकर डेल्टा रैंकिंग में छठा स्थान प्राप्त किया, जबकि बेसलाइन रैंकिंग में यह 45वें स्थान पर था।
यह डेल्टा रैंकिंग एक कदम आगे ले जाती है और सतत विकास लक्ष्यों यानी एसडीजी के विशिष्ट पहलुओं को देखती है और विश्लेषण करती है कि जिलों ने महत्वपूर्ण क्षेत्रों में पिछले दो महीनों में कैसा प्रदर्शन किया है। यह समूहन और स्थिति जिला मजिस्ट्रेट कलेक्टरों को इन क्षेत्रों पर अधिक ध्यान केंद्रित करने और भविष्य में अपनी रैंकिग में सुधार करने में सहायता करेगी। नीति आयोग के ज्ञान भागीदारों टाटा ट्रस्ट और बिल और मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन से 13 सर्वेक्षण संकेतकों पर डेटा उपलब्ध कराए जाने की उम्मीद है और उन्होंने 29 डेटा प्वाइंट्स के लिए मान वैधीकृत किए हैं। अगली रैंकिंग इन इनपुटों को ध्यान में रखेगी और इसके तुरंत बाद जारी की जाएगी। इस साल जनवरी में प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किया गया आकांक्षी जिलों के परिवर्तन के कार्यक्रम का उद्देश्य देश के कुछ सबसे अविकसित जिलों को तेजी से और प्रभावी ढंग से बदलना है।
कार्यक्रम की व्यापक रूपरेखा अभिसरण सहयोग कार्यक्रम प्रत्येक जिले की ताकत पर ध्यान केंद्रित करेगा, तत्काल सुधार के लिए बेहतर परिणाम देने वाले क्षेत्रों की पहचान करेगा, प्रगति को मापेगा और जिलों को रैंक देगा। सरकार अपने नागरिकों के जीवन स्तर को उठाने और सभी के लिए समावेशी विकास सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है। उनकी क्षमता का इष्टतम उपयोग करने के लिए यह कार्यक्रम बढ़ती अर्थव्यवस्था में पूरी तरह भाग लेने की लोगों की क्षमता में सुधार करने पर बारीकी से नजर रखता है। स्वास्थ्य और पोषण, शिक्षा, कृषि और जल संसाधन, वित्तीय समावेशन और कौशल विकास और मूलभूत बुनियादी ढांचा इस कार्यक्रम के तहत विशेष ध्यान दिए जाने वाले मुख्य क्षेत्र हैं।
विभिन्न हितधारकों के साथ कई दौर के परामर्श के बाद जिलों की प्रगति को मापने के लिए 49 प्रमुख निष्पादन संकेतक चुने गए हैं। जिलों को अपने राज्य के भीतर सबसे अच्छे जिले के बराबर पहुंचने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है और बाद में प्रतिस्पर्धी और सहकारी संघवाद की भावना से दूसरों से प्रतिस्पर्धा करके और दूसरों से सीखकर देश में सर्वश्रेष्ठ में से एक बनने के लिए प्रेरित किया जाता है। जिलों को अपने राज्य के भीतर सबसे अच्छे जिले के बराबर पहुंचने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है और बाद में प्रतिस्पर्धी और सहकारी संघवाद की भावना से दूसरों से प्रतिस्पर्धा करके और दूसरों से सीखकर देश में सर्वश्रेष्ठ में से एक बनने के लिए प्रेरित किया जाता है।

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