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Wednesday 06 March 2013 08:43:20 AM
देहरादून। उत्तराखंड प्रदेश के समग्र विकास के लिए आवश्यक है कि राज्य में वित्तीय संसाधन मजबूत हों, राजस्व वृद्धि के लिए उपलब्ध संसाधनों का वैज्ञानिक ढंग से दोहन किया जाए। यह बात मुख्य सचिव आलोक कुमार जैन ने मंगलवार को सचिवालय में राजस्व वृद्धि हेतु संसाधनों में वृद्धि करने के संबंध में आयोजित बैठक में कही।
मुख्य सचिव ने कहा कि खनन, वन, उद्योग, ऊर्जा, पर्यटन, सिंचाई, शहरी विकास, आवास के माध्यम से राजस्व में वृद्धि की जा सकती है। मुख्य सचिव ने चिंता व्यक्त की कि वन विभाग से प्राप्त होने वाले राजस्व में अपेक्षित वृद्धि नहीं हो पाई है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राजस्व प्राप्त के शत-प्रतिशत लक्ष्य प्राप्त करने के लिए नई रणनीति से कार्य करें। उन्होंने कहा कि राज्य में वन संपदा पर्याप्त मात्रा में, इनसे प्राप्त होने वाले राजस्व में वृद्धि की जाए। साथ ही राज्य में स्थापित 6 राष्ट्रीय पार्कों से भी किस प्रकार से राजस्व प्राप्त किया जा सकता है, इस पर भी रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ईको टूरिज्म और ग्रामीण पर्यटन आधारित योजनाएं तैयार की जाए, ताकि इनसे भी राजस्व में वृद्धि हो सके। ग्रामीण क्षेत्रों में होने वाले व्यवसायिक भवनों का निर्माण तेजी से हो रहा है, इन पर प्रापर्टी टैक्स लगाने संबंधी प्रस्ताव तैयार किया जाए।
प्रमुख सचिव औद्योगिक विकास राकेश शर्मा ने कहा कि खनन के माध्यम से प्राप्त होने वाले राजस्व में शत-प्रतिशत वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि जिन नदियों पर केंद्र सरकार से चुगान की अनुमति मिली है, उनसे अभी तक लक्ष्य के अनुरूप 120 करोड़ रुपये रॉयल्टी प्राप्त हो चुकी है, हालांकि इन नदियों से देर से चुगान की अनुमति केंद्र सरकार से मिली थी। बैठक में सचिव शहरी विकास एमएच खान, अपर सचिव वित्त एमसी जोशी सहित अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।