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Monday 9 July 2018 06:04:07 PM
मुरादाबाद। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वन डिस्ट्रिक्ट, वन प्रोडक्ट’ योजना की जनपद मुरादाबाद के सर्किट हाउस सभागार में समीक्षा बैठक की। उत्तर प्रदेश सरकार ने पारम्परिक शिल्प एवं लघु उद्यमों के संरक्षण और उसमें अधिक से अधिक व्यक्तियों को रोज़गार प्रदान करने के साथ-साथ उनकी आय में वृद्धि के लिए 24 जनवरी 2018 को उत्तर प्रदेश स्थापना दिवस पर इस योजना की शुरुआत की थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार स्थानीय उद्यमों में निवेश को प्रोत्साहन हेतु निरंतर प्रयत्नशील है और उद्यमी इसके लिए सिंगल विंडो सिस्टम ‘निवेशमित्र पोर्टल’ का लाभ उठाएं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विभिन्न जनपदों के विशिष्ट उत्पादों की राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ब्रांडिंग के साथ रोज़गार सृजन, उत्पादों की गुणवत्ता में सुधार, अंतर्राष्ट्रीय स्तर की प्रतिस्पर्धी सामर्थ्य के विकास, तकनीकि उन्नयन, कारीगरों एवं हस्तशिल्पियों के कौशल विकास, ग्रामीण सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों और हस्तशिल्पी इकाइयों के उपयोगार्थ कॉमन फैसिलिटी सेंटर, टेस्टिंग लैब, डिजाइन स्टूडियो, एग्जीबिशन कम व्यापार केंद्रों जैसी महत्वपूर्ण अवस्थापना सुविधाओं के विकास एवं इन सबके माध्यम से प्रदेश के समेकित विकास हेतु ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ योजना क्रियांवित की जा रही है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उद्यमियों एवं निर्यातकों से कहा कि उनका सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यमों के विकास में महत्वपूर्ण योगदान है, ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ की अवधारणा को क्रियांवित करने में उनका सहयोग एवं मार्गदर्शन लिया गया है। उन्होंने कहा कि धातु शिल्प कार्यों के लिए मुरादाबाद जनपद को विश्वख्याति प्राप्त है, ऐसे में सबका दायित्व है कि इसको और ज्यादा उत्कृष्टता की सीमा तक पहुंचाने के लिए इस व्यवसाय से जुडे़ उद्यमियों कारीगरों एवं वर्करों को विशेष सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने यूपी इंवेस्टर्स समिट-2018 का आयोजन करके उद्यमियों को भरोसा दिलाया है कि वे जनपदों में ‘एक जनपद, एक उत्पाद’ परम्परा के अनुरूप नया प्रयास करें। उन्होंने कहा कि शासनस्तर से उद्यमियों को हर सम्भव सहयोग एवं उद्योग लगाने के लिए मूलभूत सुविधाएं दी जाएंगी। उन्होंने कहा कि यदि उद्यमी, कारीगर एवं वर्कर आधुनिकता को दृष्टिगत रखते हुए धातु शिल्प उत्पादों में गुणात्मक सुधार लाएंगे तो निश्चित ही जनपद का चहुंमुखी विकास होगा और रोज़गार के नए अवसर भी मिलेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को इस अवसर पर एक प्रस्तुतिकरण के माध्यम से बताया गया कि मेटल आर्ट वेयर उत्पादों के निर्माण में प्रत्यक्ष और परोक्ष रुपसे लगभग 2.50 से 3 लाख लोग इस कार्य में लगे हुए हैं एवं जनपद में 1500 छोटी-बड़ी निर्यातक इकाइयां हैं, जिनके द्वारा औसतन 6 हजार करोड़ रुपए का उत्तरी अमेरिका, यूरोपीय देशों, खाड़ी देशों एवं एशिया के कई देशों में प्रतिवर्ष निर्यात किया जाता है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनपद में उत्पाद की प्रसिद्धि, विपणन सामर्थ्य, विकास सम्भाव्यता तथा रोज़गार देने की क्षमता के आधार पर एक उत्पाद विशेष का चिन्हांकन किया जा चुका है, मुरादाबाद का विश्वविख्यात ब्रासवेयर इंडस्ट्री अथवा मेटल हैंडीक्राफ्ट्स पीतल उद्योग के लिए चयन किया गया है। उन्होंने बताया कि जनपदवार उपलब्ध संसाधनों जैसे रॉ-मैटेरियल, डिजाइन, टेस्टिंग, ट्रेनिंग, डिस्प्ले एवं मार्केटिंग से सम्बंधित सुविधाओं की मैपिंग करते हुए स्वाट एवं गैप एनालिसिस के आधार पर आवश्यक ईको सिस्टम तैयार करने की कार्रवाई प्रगति पर है, इसके लिए डायग्नोस्टिक स्टडी रिपोर्ट तैयार किए जाने हेतु परामर्शी संस्थाओं से रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल डॉक्यूमेंट के माध्यम से प्रस्ताव आमंत्रित किए जा चुके हैं।
मुरादाबाद समीक्षा बैठक में निर्यातकों, कारखानेदारों, कारीगरों एवं उद्यमियों के विभिन्न संगठनों ने मेटल आर्टवेयर और अधिक उत्थान हेतु विभिन्न सुझाव दिए। इनमें छोटे कारोबारियों के उत्पाद की बिक्री हेतु आधुनिक बाज़ार की व्यवस्था, कच्चे माल की सहज उपलब्धता हेतु, मैटेरियल बैंक की स्थापना, हस्तशिल्पयों की जीएसटी एवं ई-वे बिल की समस्याओं के समाधान, हस्तशिल्पियों की स्वास्थ्य सम्बंधी समस्याओं के समाधान हेतु ईएसआई अस्पताल में सुधार, अप्रदूषणकारी भट्टियों की व्यवस्था, जीएसटी रिफंड में होने वाली अनावश्यक देरी से निजात दिलाने और निर्यातक इकाइयों पर नगर निगम के हाउस टैक्स की विसंगतियों को दूर करने की मांग की गई। निर्यातकों की बाज़ार में प्रतिस्पर्धा हेतु आधारभूत सुविधाओं को प्रदान करने की मांग पर भी मुख्यमंत्री ने आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया। मुख्यमंत्री ने मुरादाबाद सर्किट हाउस में जनप्रतिनिधियों के साथ भी बैठक की। उन्होंने सर्किट हाउस परिसर में लगी प्रदर्शनी में लगभग 40 हस्तशिल्पी एवं मेटल हैंडीक्राफ्टस स्टॉलों का अवलोकन किया व स्थानीय उत्पादों की राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर लाभकारी मार्केटिंग एवं विपणन व्यवस्था के निर्देश दिए। बैठक में ग्राम्य विकास राज्यमंत्री डॉ महेंद्र सिंह, पंचायतीराज राज्यमंत्री भूपेंद्र सिंह, अल्पसंख्यक कल्याण राज्यमंत्री बलदेव ओलख, समाज कल्याण राज्यमंत्री गुलाबो देवी, जनप्रतिनिधि और शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।