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Tuesday 10 July 2018 04:52:54 PM
नई दिल्ली। भारतीय रेलवे ने ‘डबल स्टैक ड्वार्फ कंटेनर’ सेवाओं का शुभारंभ किया है, जिसका उद्देश्य घरेलू कारगो के लिए नए डिलीवरी मॉडल के जरिए यातायात के उस स्तर को फिर से हासिल करना है, जिसमें कई वर्ष से भारी कमी देखी जा रही थी। माल ढुलाई करने वाली डबल स्टैक ड्वार्फ कंटेनर ट्रेन को 7 जुलाई 2018 को पश्चिमी रेलवे के राजकोट रेलवे स्टेशन से उसके प्रथम वाणिज्यिक परिचालन के दौरान झंडी दिखाकर रवाना किया गया था। इसकी बुकिंग कनालुस स्थित रिलायंस रेल साइडिंग से लेकर हरियाणा राज्य के रेवाड़ी तक के लिए की गई थी। यह 82 कंटेनर पॉलीप्रोपिलीन ग्रैन्यूल्स से भरी हुई थी।
डबल स्टैक ड्वार्फ कंटेनर सेवा से भारतीय रेलवे को 18.50 लाख रुपये का बढ़ा हुआ राजस्व भी प्राप्त हुआ है। डबल स्टैक ड्वार्फ कंटेनर की ऊंचाई 6 फुट 4 इंच है और इसका परिचालन विद्युतीकृत पटरियों पर संभव है। छोटा आकार होने के बावजूद इन कंटेनरों में 30,500 किलोग्राम तक के वजन वाली चीजों को समाहित करने की क्षमता है। सामान्य कंटेनरों की तुलना में ये कंटेनर 662 एमएम छोटे हैं, लेकिन 162 एमएम चौड़े हैं, सामान्य कंटेनरों की तुलना में इन कंटेनरों में लगभग 67 प्रतिशत ज्यादा सामान आ सकता है। अपनी ऊंचाई के कारण सामान्य डबल स्टैक आईएसओ कंटेनर भारतीय रेलवे के सिर्फ कुछ चुनिंदा मार्गों पर ही चल सकते हैं, लेकिन कम ऊंचाई वाले ये डबल कंटेनर अत्यंत आसानी से ज्यादातर पटरियों पर चल सकते हैं।
डबल स्टैक स्वरूप वाले ये कंटेनर 25 केवी ओवरहेड लाइनों के अंतर्गत चल सकते हैं। इन डबल स्टैक ड्वार्फ कंटेनरों के उपयोग की बदौलत सड़क मार्ग से ढुलाई के मुकाबले रेल परिवहन के सस्ते हो जाने से यूनिट लागत में भी उल्लेखनीय कमी आएगी। कम घनत्व वाले उत्पादों जैसेकि प्लास्टिक के छोटे दानों, पीवीसी पॉलिएस्टर फैब्रिक, महंगे उपभोक्ता सामान, एफएमसीजी उत्पादों, पॉलीएथिलीन, ऑटो कार इत्यादि की ढुलाई मुख्यत: सड़क मार्ग से होती है। हालांकि कम ऊंचाई वाले कंटेनरों में ढुलाई लागत कम आने की बदौलत भारतीय रेलवे अब एक अपेक्षाकृत ज्यादा लाभप्रद ढुलाई विकल्प की पेशकश कर रही है। सामान्य ढुलाई दर पर भी डबल स्टैक ड्वार्फ कंटेनर ट्रेनें राजस्व के 50 प्रतिशत से भी अधिक का सृजन कर सकती हैं।