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Thursday 12 July 2018 02:34:52 PM
नई दिल्ली। केंद्रीय श्रम एवं रोज़गार राज्यमंत्री संतोष कुमार गंगवार और जहाजरानी राज्यमंत्री मनसुख मंडाविया की उपस्थिति में फैक्टरी परामर्श सेवा एवं श्रम संस्थान महानिदेशालय और गुजरात समुद्री बोर्ड ने श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय में एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। श्रम एवं रोज़गार राज्यमंत्री संतोष कुमार गंगवार ने उम्मीद जताई कि इस समझौता ज्ञापन के तहत कार्यकलाप जहाज रिसाइक्लिंग उद्योग के कामकाज में सकारात्मक बदलाव लाएंगे और श्रमिकों एवं पर्यवेक्षकों की सुरक्षा एवं स्वास्थ्य में सुधार लाएंगे, जो अलांग में बड़ी संख्या में तैनात हैं।
जहाजरानी राज्यमंत्री मनसुख मंडाविया ने जहाज रिसाइक्लिंग के उद्योग पर प्रकाश डाला, जो 25 हजार से अधिक श्रमिकों को रोज़गार देता है और रॉलेबल स्टील में लगभग 80 प्रतिशत कमी लाता है। मनसुख मंडाविया ने श्रमिकों की सुरक्षा एवं स्वास्थ्य के महत्व पर बल दिया और समझौता ज्ञापन के तहत कार्यकलापों की सराहना की। गौरतलब है कि अलांग गुजरात के भावनगर जिले का एक शहर है, जो तीन दशक से जहाज तोड़ने के लिए दुनिया का सबसे बडा केंद्र बन गया है। अलांग शिप रिसाइक्लिंग यार्ड एशिया का सबसे बड़ा शिपयार्ड है, जिसमें 400 जितने जहाजों का रिसाइक्लिंग प्रतिवर्ष होता है।
अलांग शिपयार्ड के उन्नयन के लिए गुजरात और जापान सरकार ने भी साथ काम करने के लिए हाथ मिलाया था। इस योजना के तहत जापान अलांग में जहाज तोड़ने के पर्यावरणीय प्रभाव का पता लगाएगी और विपणन के लिए नई रणनीति तैयार करेगी। परियोजना एक सार्वजनिक निजी साझेदारी के रूपमें चलाई जा रही है। परियोजना का उद्देश्य अलांग शिपयार्ड को दुनिया में सबसे बड़ा अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन के अनुरूप जहाज रिसाइक्लिंग यार्ड बनाने का है। इस अवसर पर श्रम एवं रोज़गार सचिव हीरालाल समरिया और जहाजरानी सचिव गोपाल कृष्ण भी उपस्थित थे।